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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कड़ी टक्कर, हिलेरी की ट्रंप पर बढ़त घटकर दो अंक बची

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Hillary-trumpवाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन की बढ़त को शनिवार को अप्रत्याशित ढंग से कम कर दी है।

वाशिंगटन पोस्ट और एबीसी न्यूज के नए जनमत सर्वेक्षण में कहा गया है कि हिलेरी की ट्रंप पर बढ़त अब मात्र दो प्रतिशत की रह गई है। कट्टर रिपब्लिकन समूह ट्रंप के पक्ष में लौट आए हैं, इसी वजह से ऐसा संभव हो पाया है।

वाशिंगटन पोस्ट ऑनलाइन की खबर के अनुसार, 47 प्रतिशत संभावित मतदाता हिलेरी के पक्ष में, जबकि 45 प्रतिशत ट्रंप के पक्ष में हैं। यह सर्वेक्षण सोमवार से गुरुवार के बीच हुआ। शुक्रवार के जो परिणाम 48-44 थे, उससे उसमें थोड़ा बदलाव है। लेकिन पिछले सप्ताहांत से स्थिति बहुत बदली है, जिसमें हिलेरी बड़े अंतर से आगे चल रही थीं।

आठ नवंबर को होने वाले चुनाव में 59 प्रतिशत लोगों को हिलेरी की स्पष्ट जीत की उम्मीद बरकरार है। हिलेरी के 10 समर्थकों में से नौ से अधिक उनकी जीत की उम्मीद कर रहे हैं, हालांकि अति आत्मविश्वास से उत्साह कम होने के भी संकेत मिले हैं।

संभावित मतदाताओं में दो प्रतिशत हिलेरी के समर्थक उनकी जीत की उम्मीद कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस तरह की भविष्यवाणी उन्हें मतदान करने के लिए उनकी प्रेरणा को कम करते हैं। केवल एक प्रतिशत ऐसे हैं, जो सोचते हैं कि वह आसानी से जीत जाएंगी।

इसी तरह ट्रंप के दो प्रतिशत समर्थक अंदाजा लगा रहे हैं कि वह जीतेंगे। ऐसे लोगों का कहना है कि इस तरह की अपेक्षा उनके वोट देने की संभावना को कम करती है।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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