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मनोरंजन

यह हॉट एक्ट्रेस फिल्म चुनते वक्त रखती है खास ध्यान, देखें-कुछ बोल्ड तस्वीरें

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मुंबई | अभिनेत्री पत्रलेखा का कहना है कि वह शैलियों के आधार पर फिल्मों का चयन नहीं करती, उनके लिए पटकथा और किरदार महत्वपूर्ण होते हैं।

‘सिटीलाइट्स’ फिल्म की अभिनेत्री वेब श्रृंखला ‘बोस- डेड/एलाइव’ के साथ डिजिटल स्पेस में कदम रख रहीं हैं। वह सुपरनेचुरल कॉमेडी ‘नानू की जानू’ में भी दिखाई देंगी। पत्रलेखा ने कहा, ”

मैं एक कलाकार हूं, शैलियां नहीं देखती। पटकथा और किरदार मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं और अच्छे लोगों के साथ काम को प्राथमिकता देती हूं।” ‘नानू की जानू’ अगले साल रिलीज होगी।

पत्रलेखा बॉलीवुड में अभी अपने कदम जमाने में लगी हुई है। उनका जन्म साल 1990 में मेघालय के शिलांग में हुआ था। हालांकि यह भी रोचक है कि पत्रलेखा के पिता पेशे से चार्टेड ऑकउंटैंट है लेकिन उनकी बेटी ने इस पेशे से किनारा कर लिया और फिल्मों में अपना भाग्य अजमाने लगी है और मुम्बई में कदम जमा दिया। पत्रलेखा की पहली फिल्म थी निर्देशक हंसल मेहता की फिल्म सिटी लाइट्स से की थी। इस फिल्म में उनके अपोजिट राजकुमार राव न?र आये थे। फिल्म को क्रिटिकली बेहद पसंद किया गया था।

खेल-कूद

मेरी व्यक्तिगत इच्छा है कि रिंकू सिंह टी 20 वर्ल्ड कप की टीम में जगह बनाए: शाहरुख खान

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मुंबई। बॉलीवुड के किंग खान शाहरुख खान ने आगामी टी-20 विश्व कप के लिए अपनी टीम कोलकाता नाइट राइडर्स के बाएं हाथ के बल्लेबाज रिंकू सिंह को भारतीय टीम में शामिल करने का सपोर्ट किया है। शाहरुख की इच्छा है कि रिंकू सिंह टी 20 वर्ल्ड कप खेलें। रिंकू की विश्व कप संभावनाओं को लेकर शाहरुख ने कहा, “ऐसे अद्भुत खिलाड़ी देश के लिए खेल रहे हैं। मैं वास्तव में रिंकू, इंशाअल्लाह और अन्य टीमों के कुछ अन्य युवाओं के विश्व कप टीम में होने का इंतजार कर रहा हूं। उनमें से कुछ इसके हकदार हैं, लेकिन मेरी व्यक्तिगत इच्छा है कि रिंकू टीम में जगह बनाये, मुझे बहुत खुशी होगी। वह मेरे लिए सर्वोच्च बिंदु होगा।”

शाहरुख़ ने आगे कहा, ‘मैं बस यही चाहता हूं कि वे खुश महसूस करें और जब मैं इन लड़कों को खेलते हुए देखता हूं, तो मुझे ऐसा लगता है जैसे मैं खुद एक खिलाड़ी के रूप में जी रहा हूं। खासकर रिंकू और नितीश जैसे खिलाड़ियों में मैं खुद को उनमें देखता हूं। जब वे अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो मुझे वास्तव में खुशी होती है।” ऐसी दुनिया में जहां सफलता को अक्सर विशेषाधिकार और अवसर के साथ जोड़ा जाता है, शाहरुख खान और रिंकू सिंह की कहानियां एक अनुस्मारक के रूप में काम करती हैं कि महानता लचीलापन, दृढ़ संकल्प और सभी बाधाओं के बावजूद अपने सपनों को आगे बढ़ाने के साहस से पैदा होती है।’

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक श्रमिक वर्ग के परिवार में जन्मे रिंकू सिंह को क्रिकेट स्टारडम की राह में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। साधारण परिवेश में पले-बढ़े रिंकू के परिवार को गुजारा करने के लिए संघर्ष करना पड़ता था, उनके पिता एलपीजी सिलेंडर डिलीवरी मैन के रूप में काम करते हैं और उनकी मां एक गृहिणी हैं। सफाईकर्मी की नौकरी की पेशकश के बावजूद, रिंकू ने क्रिकेट के प्रति अपने जुनून का पालन किया, उनका मानना ​​था कि यह उन्हें अधिक ऊंचाइयों तक ले जाएगा।

 

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