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प्रादेशिक

मानसून में भी बने रहें चुस्त-दुरुस्त

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नई दिल्ली| मानसून की रिमझिम फुहारें आपकी सुबह-शाम की सैर में खलल डाल सकती हैं, तो इसका मतलब आपको कुछ दिनों तक करसत को भूल जाना चाहिए? जी नहीं, बिल्कुल नहीं। एक फिटनेस विशेषज्ञ की सलाह है कि मानसून में भी फर्श पर दौड़कर या डांस कर स्वस्थ रहने की कोशिश की जा सकती है। स्वास्थ्य समाधान और सलाह देने वाले ऐप ‘हेल्दीमी’ के फिटनेस कोच सर्वाणन हरिराम ने मानसून में फिट बने रहने के कुछ मजेदार तरीके सुझाए हैं। आइए डालें इन पर एक सरसरी नजर :

-आमतौर पर आप एक तय समय पर सैर या जिम के लिए जाते हैं। घर में भी एक तय समय पर ही व्यायाम करें और वैसे ही कपड़े पहनें, जैसे सैर या जिम जाते वक्त पहनते हैं। आसान से वार्म-अप से शुरुआत करें। कुछ मिनट फर्श पर दौड़ने जैसे व्यायाम से शुरुआत करें।

-घर में व्यायाम करने के लिए कूदने की रस्सी और कसाव लाने वाले बैंड जैसे कुछ आसान से व्यायाम उपकरण खरीद लें। ये बढ़िया विकल्प हैं, क्योंकि आप इनका इस्तेमाल अगले मानसून में घर में दोबारा कर सकते हैं।

-आपके घर की सीढ़ियां अपने आप में व्यायाम का एक बेहतरीन उपकरण हैं। आप कुछ मिनट के लिए सीढ़ियां चढ़ने-उतरने का व्यायाम कर सकते हैं।

-पुश-अप्स तथा ऊठक-बैठक मांसपेशियां मजबूत बनाने वाली अच्छी कसरत है।

-योग करें। यह मानसून के दौरान होने वाली आम समस्या श्वास समस्या को घटाने में भी मदद करता है।

-अगर आपको डांस अच्छा लगता है, तो ऐसे दिल खोलकर डांस करें कि मानो आपको कोई नहीं देख रहा है। यह मानसून में घर में की जाने वाली कसरत को मजेदार बनाने का एक तरीका है।

-घर के काम आपको फिट रखने का एक बेहतरीन तरीका हैं। कसरत के तौर पर आलों, दराजों, पूरे घर साफ की सफाई करें। बर्तन धुल लें और कपड़े हाथ से धुलें।

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गोयल इंस्टीट्यूट के छात्रों ने स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट कला विधि से बनाया पीएम मोदी का पोर्ट्रेट

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लखनऊ। गोयल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हाईयर स्टडीज महाविद्यालय लखनऊ के ललित कला विभाग के छात्रों ने 30 फीट के आकार में स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट की कला से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोर्ट्रेट बनाया।

यह दृश्य कला की नई विधा में धागे से बना पोर्ट्रेट अपने आप में खास है। इसे बनाने में कुल 30 घंटे का समय लगा। जिसमें धागे का वजन लगभग 15 किलो तथा उस धागे की कुल लंबाई लगभग 45 किलोमीटर है। छात्रों ने बताया कि चित्र के आकार में इस प्रकार की कला में यह अब तक का सबसे बड़ा आर्टवर्क है जो इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ द रिकॉर्ड, इंटरनेशनल बुक ऑफ द रिकॉर्ड तथा गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए प्रस्तावित है।

आठ छात्रों की टीम (ब्रेकअप टीम) का नेतृत्व बाराबंकी स्थित अमोली कला, रामनगर निवासी देवाशीष मिश्रा द्वारा किया गया। टीम के अन्य महत्वपूर्ण सदस्यों में अभिषेक महाराणा, आदर्श शांडिल्य, लारैब कमाल खान, अभय यादव, सानिध्य गुप्ता, आरुषि अग्रवाल व कृतिका जैन का नाम शामिल है। इसका संचालन डॉक्टर संतोष पांडेय, प्राचार्य गोयल इंस्टीट्यूट आफ हायर स्टडीज महाविद्यालय ने किया। निरीक्षण श्रीमती शिखा पांडेय वह राकेश प्रभाकर द्वारा किया गया। इसमें ललित कला विभाग के प्राध्यापकों व समस्त छात्रों के सहयोग रहा।

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