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आध्यात्म

बाबा वैद्यनाथ धाम में जलाभिषेक से पहले ‘संकल्प’  जरूरी

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सावन में 80 हजार भक्त ज्योतिर्लिंग पर करते हैं जलाभिषेक

देवघर। झारखंड के देवघर जिला स्थित प्रसिद्ध तीर्थस्थल वैद्यनाथ धाम स्थित ज्योर्तिलिंग ‘कामना लिंग’ को भगवान शंकर के द्वादश ज्योतिर्लिंगो में सर्वाधिक महिमामंडित माना जाता है। मान्यता है कि यहां जलाभिषेक करने के पहले ‘संकल्प’ कराना अनिवार्य होता है।

वैसे तो किसी पूजा के पूर्व संकल्प की पुरानी मान्यता है, लेकिन यहां दो बार संकल्प की अनोखी परंपरा है। हजारों श्रद्धालु मनोकामना पूर्ति के लिए कामना लिंग पर प्रतिदिन जलाभिषेक करने पहुंचते हैं, परंतु भगवान शिव के सबसे प्रिय महीने सावन में यहां उनके भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ता है। सावन महीने में प्रतिदिन यहां करीब 80 हजार भक्त आकर ज्योर्तिलिंग पर जलाभिषेक करते हैं। इनकी संख्या सोमवार के दिन और बढ़ जाती है।

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, संकल्प के बिना कोई पूजा पूर्ण नहीं होती। वैद्यनाथ धाम के पुजारी पंडित मौनी द्वारी ने बताया कि वैद्यनाथ धाम की कांवड़ यात्रा में संकल्प की परंपरा काफी पुरानी है। अन्य तीर्थस्थलों में एक बार संकल्प की परंपरा है, परंतु वैद्यनाथ धाम की कांवड़ यात्रा में दो बार संकल्प की प्रथा है।

उन्होंने बताया, “सुल्तानगंज में उत्तर वाहिनी गंगा से कांवड़ में जल उठाने के समय में संकल्प करवाना भी अनिवार्य है। उसके बाद बाबा के दरबार में पहुंचने के बाद शिवगंगा में स्नान करने के बाद दोनों पात्रों में लाए गए जल का संकल्प करवाना होता है। श्रद्धालु संकल्प के बाद एक पात्र का जल यहां कामना लिंग पर जलाभिषक करते हैं और दूसरे पात्र का जल बाबा बासुकीनाथ के दरबार में पहुंचकर उनका जलाभिषेक किया जाता है।”

देवघर जिला स्थित बाबा वैद्यनाथ धाम में कांवड़ चढ़ाने का बहुत महत्व है। शिव भक्त सुल्तानगंज से उत्तर वाहिनी गंगा से जलभर कर 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर यहां पहुंचते हैं और भगवान का जलाभिषेक करते हैं। कांवड़ चढ़ाने वाले इन भक्तों को ‘साधारण बम’ कहा जाता है। परंतु जो लोग इस यात्रा को 24 घंटे में पूरा करते हैं जिन्हे ‘डाक बम’ कहा जाता है।

बाबा वैद्यनाथ धाम के मुख्य पुजारी दुर्लभ मिश्र भी कहते हैं कि यहां यह अनोखी प्रथा है। सुल्तानगंज में कराया गया संकल्प यात्रा निर्विघ्न पूरा होने के लिए कराया जाता है जबकि देवघर में कराया गया संकल्प मनोकामना और सुख-समृद्धि के लिए कराया जाता है। मिश्र भी कहते हैं कि किसी भी पूजा के लिए ‘संकल्प’ की प्रथा पुरानी है।

भागलपुर के श्रद्धालु विवेकानंद भी कहते हैं कि संकल्प के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। उनका कहना है कि यहां पहुंचने के बाद शिवगंगा में स्नान करने और संकल्प के बाद ही श्रद्धालु पंक्तिबद्ध होते हैं और फिर जलाभिषेक के लिए अपनी बारी का इंतजार करते हैं।

आध्यात्म

नौकरी में चाहिए प्रमोशन तो अपनाएं ज्योतिष के ये उपाय

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नई दिल्ली। अगर आप पिछले काफी समय नौकरी कर रहे हैं और आपका प्रमोशन नहीं हो रहा है। या फिर आपकी बॉस से नहीं बन रही है तो ये कुछ सरल उपाय करके आप सफलता पा सकते हैं।

. शनिवार की सुबह जल्दी उठें और नित्य कर्मों से निवृत्त होकर घर में किसी पवित्र स्थान पर पूजन का विशेष प्रबंध करें या किसी मंदिर में जाएं। शनिवार शनि की पूजा का विशेष दिन माना जाता है। शनि हमारे कर्मों का फल देने वाले देवता हैं। अत: इसी दिन शनि देव का विधिवत पूजन करनी चाहिए।

. तरक्की के लिए सूर्य देवता को मनाना काफी शुभ बताया जाता है। जो लोग आसानी से तरक्की करते हैं उनका सूर्य काफी मजबूत होता है। प्रतिदिन सुबह सूर्य को पानी अर्पित करें और सूर्य नमस्कार करें। सूर्य देवता को जल अर्पित करने वाला बर्तन तांबे का हो और उसमें थोड़ा गंगाजल डालें। जल अर्पित करने के बाद सूर्य देवता से अपनी इच्छा रोज जाहिर किया करें।

. यदि नौकरी-पेशा करने वाले जातकों को प्रमोशन नहीं मिल रहा है अथवा उनकी तनख्वाह में वृद्धि नहीं हो रही है तो उन्हें मंगलवार के दिन हनुमान जी की आराधना करना चाहिए।

. प्रतिदिन पक्षियों को मिश्रित अनाज खिलाना चाहिए। सात प्रकार के अनाजों को एकसाथ मिलाकर पक्षियों को खिलाएं। इसमें गेहूं, ज्वार, मक्का, बाजरा, चावल, दालें शामिल की जा सकती हैं। प्रतिदिन सुबह यह उपाय करें, जल्दी ही नौकरी से जुड़ी इच्छाएं पूरी हो जाएंगी।

. रात को सोते समय एक तांबे के बर्तन में पान भरकर अपने बिस्तर के नीचे रखें और सुबह उठते ही, बिना किसी को बोले, यह जल घर के बाहर फेंक दें।

. भगवान विष्णु की आराधना करने से भक्तों की मन की मुराद पूरी होती है इसलिए नौकरी में प्रमोशन पाने के इच्छुक जातकों को भगवान विष्णु जी की आराधना करनी चाहिए।

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