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सावन के महीने में भूल से भी न खाएं ये चीज़ें

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लखनऊ। 6 जुलाई से भगवान शिव जी को समर्पित सावन का महीना शुरू होने वाला है। ये महीना भगवान शिव को प्रसन्न करने का माह होता है। शास्त्रों में भी कहा और माना गया है कि बाकी दिनों की अपेक्षा सावन के महीने में भगवान शिव जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। इस लिहाज से भी सावन में कई चीजों को खाने की मनाही है। भक्ति के माहोल में हर कोई पूठा-पाठ में लीन रहता है। साथ ही इस महीने में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने का कई गुना लाभ भी मिलता है।

सावन में नहीं खानी चाहिए ये चीजें

सावन में हरे रंग का खास महत्व होता है. महिलाएं हरी चूड़ियां पहनती हैं पर इस दौरान हरी सब्जियों को खाना मना होता है. इसकी वजह ये है कि इस महीने में हरी पत्तेदार सब्जियां शरीर में वात को बढ़ाती हैं. अगर वैज्ञानिक कारण देखा जाए तो सावन का महीना बारिश का होता है और पत्तेदार सब्जियों में कीड़े मिलते हैं, इसलिए इनके सेवन से लोगों को बचना चाहिए.

कच्चे दूध के सेवन की मनाही होती है. कहा जाता है कि कच्चा दूध भगवान को अर्पित किया जाता है, इसलिए इसका सेवन करने से बचना चाहिए. पर ऐसा इसलिए भी है क्‍योंकि बारिश के इस मौसम में पाचन उतना अच्‍छा नहीं होता.

सावन के दौरान कढ़ी भी खाने की मनाही होती है. कहा जाता है कि कढ़ी में प्याज और दूध से बनने वाली दही का इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए इसे नहीं खाना चाहिए.

मांस मच्‍छी के सेवन की मनाही होती है. इसी तरह लहसुन, प्‍याज के सेवन से बचने को कहा जाता है. इस समय में तामसिक प्रवृत्ति के भोजनों को ना खाने की परंपरा इसका कारण है.

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भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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