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भारत व ब्रिटेन के संबंधों में विज्ञान, प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण : मोदी
नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत के ब्रिटेन के साथ द्विपक्षीय संबंधों में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को 21वीं सदी की ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था (नॉलेज इकोनॉमी) को सही ढंग से परिभाषित करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
मोदी ने भारत, ब्रिटेन प्रौद्योगिकी (टेक) सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान कहा,”उद्यमशीलता, विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार की भारत व ब्रिटेन के संबंधों में महत्वपूर्ण भूमिका है।”
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सौर ऊर्जा से संचालित भारत-ब्रिटेन स्वच्छ ऊर्जा आरएंडडी केंद्र की स्थापना के लिए सहमति बनी है। इस केंद्र की स्थापना के लिए दोनों देश एक करोड़ पाउंड का निवेश करेंगे।
उन्होंने कहा कि 1.5 करोड़ पाउंड के संयुक्त निवेश के साथ नई एंटी-माइक्रोबायल रेजिस्टेंस परियोजना पर भी सहमति बन गई है।
मोदी ने कहा, “आज, विश्व एक ऐसे मोड़ पर खड़ा है जहां प्रौद्योगिकीय उन्नति परिवर्तनशील है। यह जरूरी है कि भारत और ब्रिटेन 21वीं सदी की ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था को विकसित करने के लिए मिलकर काम करें।”
उन्होंने कहा कि मौजूदा वैश्विक माहौल में दोनों देशों के समक्ष आर्थिक चुनौतियां हैं जिससे व्यापार और वाणिज्य प्रभावित हुआ है।
उन्होंने कहा, “दोनों देशों के समक्ष आर्थिक चुनौतियां हैं जिनसे व्यापार एवं वाणिज्य सीधे तौर पर प्रभावित हुआ है। हम दोनों को मिलकर नए अवसरों का सृजन करना चाहिए।”
मोदी ने थेरेसा मे को प्रधानमंत्री बनने के बाद सबसे पहले भारत की यात्रा करने के लिए धन्यवाद दिया।
मोदी ने कहा, “हमें शिक्षा और अनुसंधान अवसरों में युवा लोगों की भागीदारी को प्रोत्साहित करना चाहिए।”
नेशनल
कैंसर से जूझ रहे सीपीआई नेता अतुल कुमार अंजान का निधन, लखनऊ के अस्पताल में ली अंतिम सांस
लखनऊ। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान का शुक्रवार को निधन हो गया। वो लखनऊ के मेयो अस्पताल में भर्ती थे जहां उनका काफी समय से कैंसर का इलाज चल रहा था। उनकी हालत दिन ब दिन खराब होती जा रही थी। शुक्रवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।
बता दें कि अतुल अंजान ने अपना राजनीतिक सफर 1977 में शुरू किया था। वह सबसे पहले लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए थे। वह सबसे प्रतिभाशील और सक्रिय कम्युनिस्ट नेताओं में से एक थे।
वह टीवी डिबेट में और कई दूसरे राजनीतिक कार्यक्रमों में लगातार पार्टी का प्रतिनिधित्व करते थे। अपनी राजनीति का लोहा इन्होंने कॉलेज के दिनों से ही मनवा लिया था। छात्र राजनीति में इनके कद का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि अतुल कुमार अंजान 20 साल की उम्र में नेशनल कॉलेज स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष बन गए थे। अतुल कुमार लगातार चार बार लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए. यूनिवर्सिटी के समय से ही वह लेफ्ट की विचारधारा पर चलते थे।
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