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प्रणब ने कुवैत, ट्यूनीशिया हमले पर चिंता जताई
नई दिल्ली | राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कुवैत तथा ट्यूनीशिया में हुए आतंकवादी हमले पर गहरी चिंता व्यक्त की है। कुवैत के अमीर शेख शबाह अल-अहमद अल-जाबेर अल-सबाह को भेजे संदेश में प्रणब ने कहा, “कुवैत में शुक्रवार को एक मस्जिद पर जघन्य हमले की खबर सुनना बेहद हैरान और दुखी कर देने वाला था जिसमें कई निर्दोष नमाजियों की मौत हो गई और कई घायल हो गए।”
उन्होंने कहा, “हमारा मानना है कि मानवता की प्रगति एकता, शांति, भाईचारा और अहिंसा में निहित है। हम कुवैत के लोगों के साथ खड़े हैं और हम आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में अपने समर्थन को दोहराते हैं।” राष्ट्रपति ने कहा, “मैं भारत सरकार तथा भारत की जनता की तरफ से हार्दिक संवेदना और सहानुभूति व्यक्त करता हूं। हम मृतकों तथा घायलों के परिजनों के साथ हैं और उनके लिए प्रार्थना करते हैं। हम घटना में घायल लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं।”
प्रणब ने ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति बेजी कैद एसेब्सी को भेजे संदेश में भी ऐसी ही भावनाएं जाहिर की। उत्तर अफ्रीकी देश में शुक्रवार को भूमध्यसागरीय आश्रय स्थल में आतंकवादी हमला हुआ था, जिसमें 38 लोगों की मौत हो गई थी
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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