Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

निर्यात में गिरावट के बीच छंटनी की चेतावनी

Published

on

नई दिल्ली,निर्यात में लगातार दर्ज,कंपनियों में छंटनी,फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन

Loading

नई दिल्ली | निर्यात में लगातार दर्ज की जा रही गिरावट के कारण कंपनियों में छंटनी की जा सकती है और चालू खाता घाटा पर दबाव बढ़ सकता है। यह चेतावनी फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (एफआईईओ) ने दी है। यह बयान भारतीय रिजर्व बैंक के उस बयान के एक दिन बाद आया है, जिसमें गवर्नर रघुराम राजन ने कहा था कि वैश्विक अर्थव्यवस्था 1930 के दशक वाली महामंदी के मुहाने पर खड़ी है।

एफआईईओ के अध्यक्ष एस.सी. रल्हन ने एक बयान में यहां शनिवार को कहा, “वैश्विक अर्थव्यवस्था जो अब तक चुनौतीपूर्ण चरण से गुजर रही थी, अब खतरनाक चरण में प्रवेश कर रही है, भारत सहित पूरी दुनिया के लिए अशुभ है।” रल्हन ने कहा कि ऑर्डर की मौजूदा स्थिति को देखते हुए उन्हें यह चिंता हो रही है कि आने वाले महीने में निर्यात में काफी गिरावट आएगी, जिसके कारण कर्मचारियों की छंटनी हो सकती है। उन्होंने कहा, “देश के लिए यह एक धक्के के समान होगा, जिसने रोजगार सृजन को अपनी प्राथमिकता बना रखी है और हर साल एक करोड़ रोजगार पैदा करने का लक्ष्य रखा है।” रल्हन ने कहा, “यदि निर्यात घटता रहा, तो आज या कल इसका दबाव चालू खाता घाटा पर भी पड़ेगा और इससे देश के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया पटरी से उतर जाएगी, क्योंकि निर्यात से जो मजबूती मिलती है, वह पूंजी भंडार से नहीं मिल सकती।”

मई महीने में साल-दर-साल आधार पर निर्यात 20 फीसदी से अधिक घटकर 22.35 अरब डॉलर दर्ज किया गया, जो एक साल पहले समान महीने में 27.99 अरब डॉलर था। इस साल के प्रथम दो महीने (अप्रैल-मई) में निर्यात 17.21 फीसदी गिरावट के साथ 44.40 अरब डॉलर रहा। राजन ने पिछले दिनों कहा था कि विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा अपनाई जा रही ढीली मौद्रिक नीति के कारण अर्थव्यवस्था में एक बड़ा संकट पैदा हो सकता है। उन्होंने इस बारे में खास तौर से अमेरिका, ब्रिटेन और जापान के केंद्रीय बैंकों का उल्लेख किया।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

Published

on

Loading

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

Continue Reading

Trending