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अन्तर्राष्ट्रीय

टेक्सास हमले के पीछे आईएस का हाथ होने की पुष्टि नहीं : वाशिंगटन

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वाशिंगटन | व्हाइट हाउस ने कहा है कि इस्लामिक स्टेट (आईएस) द्वारा अपने इंटरनेट रेडियो स्टेशन पर पिछले सप्ताह टेक्सास में पैगंबर मोहम्मद पर आयोजित कार्टून प्रदर्शनी के दौरान हुई गोलीबारी की जिम्मेदारी लेने के बावजूद जांचकर्ता इस बात की पुष्टि करने की स्थिति में नहीं हैं कि इसके पीछे इस्लामिक स्टेट (आईएस) का हाथ है। सामचार एजेंसी एफे की रपट के मुताबिक, यह पूछने पर कि हमले में मारे गए आतंकवादियों का संबध आईएस से है या नहीं? व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने मंगलवार को कहा, “यह कहना अभी जल्दबाजी होगी।”

प्रदर्शनी स्थल पर गोलीबारी करने वाले दोनों बंदूकधारी एरिजोना के निवासी थे। उनमें से एक के पूर्व में आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े होने की बात का पता चला है। अर्नेस्ट ने बताया, “एक बात हम कह सकते हैं कि यह एक आतंकवादी कोशिश थी, जिसे नाकाम कर दिया गया।” प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रपति बराक ओबामा सरकार आईएस और अन्य चरमपंथियों द्वारा अमेरिका में कट्टरपंथ फैलाने और लोगों की भर्ती को लेकर सचेत है। हमला रविवार को डलास के उपनगर गारलैंड के कुर्टिस कुलवेल सेंटर में हुआ था। दोनों बंदूकधारियों की पहचान 30 वर्षीय एल्टन सिंपसन और 34 वर्षीय नादिर सूफी के तौर पर हुई है।

ऑनलाइन रेडियो स्टेशन, अल-बायन द्वारा जारी एक बुलेटिन में आईएस ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। रेडियो पर एक उद्घोषक ने कहा, “खिलाफत के दो सैनिकों ने टेक्सास के गारलैंड में एक कला प्रदर्शनी पर हमला किया। इस प्रदर्शनी में पैगंबर मोहम्मद की नकारात्मक तस्वीरें दिखाई जा रही थीं।” गारलैंड प्रदर्शनी का आयोजन न्यूयॉर्क की अमेरिकन फ्रीडम डिफेंस इनीशिएटिव ने की थी। इसमें विजेता कार्टून के लिए 10,000 डॉलर की राशि ईनाम में रखी गई थी।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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