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अन्तर्राष्ट्रीय

सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता आवश्यक : फ्रांस

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संयुक्त राष्ट्र | फ्रांस ने कहा है कि बदलते युग में संयुक्त राष्ट्र की प्रासंगिकता बरकरार रखने के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण और आवश्यक है कि सुरक्षा परिषद अपने स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाए और भारत को शामिल किया जाए।

संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस के स्थायी प्रतिनिधि फ्रांस्वा डिलैट्रे ने मंगलवार को कहा, “फ्रांस सुरक्षा परिषद के स्थायी तथा अस्थायी सदस्यों की संख्या में विस्तार के पक्ष में है और जर्मनी तथा जापान का समर्थन करता है, जो द्वितीय विश्व युद्ध की उनकी भूमिका के भार से मुक्त होने के पात्र हैं, लेकिन यह भारत, ब्राजील और अफ्रीका के प्रतिनिधित्व का भी समर्थन करता है।” सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के पक्ष में यह बात डिलैट्रे ने द्वितीय विश्वयुद्ध के 70 साल पूरा होने से संबंधित महासभा के सत्र के दौरान कही।

सुरक्षा परिषद का सदस्य होने के नाते भारत – और जर्मनी, ब्राजील व जापान- का फ्रांस द्वारा समर्थन किया जाना महत्वपूर्ण है, क्योंकि सितंबर में मनाई जाने वाली संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ से पहले महासभा के मौजूदा सत्र के दौरान बहुप्रतीक्षित सुधार के प्रयासों में नई गति आई है। भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान संयुक्त राष्ट्र के जी-4 समूह के हिस्सा है, जो कि सुरक्षा परिषद में सुधार की वकालत कर रहे हैं और स्थायी सदस्यता के लिए एक-दूसरे का समर्थन कर रहे हैं। सुरक्षा परिषद के पांच में से चार सदस्य फ्रांस, ब्रिटेन, रूस और अमेरिका ने भी एक मंच पर भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया है। यह संभवत: महासभा की बैठक में स्थायी सदस्यता को लेकर नई दिल्ली के प्रति दिखाया गया पहला प्रत्यक्ष समर्थन है।

सुरक्षा परिषद में सुधार की जरूरत पर बल देते हुए डिलैट्रे ने कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध से यह सीख मिली है कि हमारे कार्य की क्षमता हमारे संस्थान के औचित्य से जुड़ी होती है। इसलिए सुरक्षा परिषद में सुधार इस लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। ‘यह आवश्यक है, मैं कहूंगा बेहद महत्वपूर्ण है।” संयुक्त राष्ट्र में भारत के उपस्थायी प्रतिनिधि भगवंत एस.बिश्नोई ने कहा, “जब हम द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति का स्मरण कर रहे हों, तो हमें वैश्विक शासन के संस्थान की स्थिति का मूल्यांकन करने की जरूरत है, जिसकी स्थापना द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति पर हुई थी।”

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जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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