कृपालु महाराज
जगद्गुरूत्तम दिवस महोत्सव में आयोजित हुए अनेक कार्यक्रम
प्रेम मन्दिर वृन्दावन में मनाया गया 60वाँ जगद्गुरूत्तम दिवस महोत्सव
वृंदावन। जगद्गुरु कृपालु परिषत् द्वारा दिनांक प्रेम मंदिर प्रांगण, वृन्दावन में जगद्गुरूत्तम श्री कृपालु जी महाराज का 60वाँ जगद्गुरूत्तम दिवस महोत्सव मनाया गया।
जगद्गुरूत्तम दिवस महोत्सव के विशेष कार्यक्रमों में विद्यार्थियों को गरम वस्त्रों का वितरण एवं श्री कृपालु जी महाराज जी द्वारा प्रशिक्षित प्रचारकों द्वारा प्रवचन का आयोजन किया गया। इसके अतिरिक्त ब्रज के विशिष्ट महन्तों के सम्मान में विशिष्ट भोज कराया गया, साथ ही विशाल रथ यात्रा निकाली गई तत्पश्चात जगद्गुरूत्तम स्तुति व जगद्गुरूत्तम इतिहास पर आधारित विशेष वृत्तचित्र का प्रदर्शन किया गया।
ज्ञातव्य है कि 14 जनवरी 1957 को 500 मूर्धन्य विद्वानों की तत्कालीन सभा काशी विद्वत् परिषत् द्वारा श्रीकृपालु जी महाराज को विश्व के पंचम मूल जगद्गुरु के रूप में स्वीकार किया गया एवं ‘जगद्गुरूत्तम‘ की पदवी से अलंकृत किया गया। श्रीकृपालु जी महाराज के भक्ति रस से ओतप्रोत व्यक्तित्व को देखकर उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि ये ‘भक्तियोगरसावतार‘ हैं।
बताया जाता है कि सर्वप्रथम भगवान् श्रीकृष्ण को ‘जगद्गुरु‘ कहकर सम्बोधित किया गया था। तत्पश्चात् संसार में जगद्गुरु की परम्परा आदि जगद्गुरु श्री शंकराचार्य से प्रारम्भ हुई। इसके बाद जगद्गुरु पद से क्रमशः जगद्गुरु श्री रामानुजाचार्य, जगद्गुरु श्री निम्बार्काचार्य, जगद्गुरु श्री माध्वाचार्य सुशोभित हुये ।
‘जगद्गुरु‘ अर्थात् सम्पूर्ण संसार का गुरु अर्थात् जो वेदों, शास्त्रों, उपनिषदों आदि समस्त ग्रंथों का सम्पूर्ण ज्ञाता हो एवं जिसने भगवत्तत्व का साक्षात्कार भी किया हो। जिसके सत्संग व उपदेशों आदि से साधारण जनता वेदों-शास्त्रों के वास्तविक अर्थ को समझे व उनमें वर्णित विरोधाभासों का समन्वयात्मक निष्कर्ष प्राप्त कर सके।
इस प्रकार पिछले 3000 वर्षों में ये पाँच मूलभूत जगद्गुरु हुये, जिनमें जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज विश्व के पंचम मूल जगद्गुरु हैं, जिन्होंने समन्वयवादी जगद्गुरु के रूप में अपने पूर्ववर्ती जगद्गुरुओं एवं आचार्यों के सिद्धान्तों का सुन्दर समन्वय करते हुये भक्ति प्राधान्य सिद्धान्त प्रस्तुत किया है, जो भगवत्प्राप्ति का सरलतम उपाय है।
जगद्गुरु कृपालु परिषत् के बारे में
जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने समस्त विश्व के मनुष्यों के कल्याणार्थ एक वृहद्, धर्म निरपेक्ष, अन्तर्राष्ट्रीय, आध्यात्मिक संस्था जगद्गुरु कृपालु परिषत् की स्थापना की है। समाज का आध्यात्मिक एवं भौतिक उन्नयन करना ही इस संस्था का प्रमुख उद्देश्य है।
जगद्गुरु कृपालु परिषत् के तीन प्रमुख आश्रम हैं-
1.जगद्गुरु कृपालु परिषत्-भक्ति धाम, मनगढ़, जिसकी अध्यक्षा हैं- डॉ विशाखा त्रिपाठी।
2.जगद्गुरु कृपालु परिषत्-श्यामा श्याम धाम, वृन्दावन, जिसकी अध्यक्षा हैं- डॉ श्यामा त्रिपाठी।
3.जगद्गुरु कृपालु परिषत्-रँगीली महल, बरसाना, जिसकी अध्यक्षा हैं- डॉ कृष्णा त्रिपाठी।
जगद्गुरु कृपालु परिषत् द्वारा वर्ष में अनेक बार विभिन्न स्थानों पर साधना शिविर का आयोजन होता है। देश-विदेश से बड़ी संख्या में साधकजन साधना शिविर में भाग लेने हेतु पधारते हैं।
साथ ही परिषत् द्वारा अनेक प्रकार के लोकहित की योजनायें चलायी जा रही हैं। प्रतिवर्ष विशाल स्तर पर साधु भोज, विधवा भोज आयोजित किये जाते हैं, जिसमें अनेकों उपयोगी वस्तुयें दान-स्वरूप प्रदान की जाती हैं।
समय-समय पर जगद्गुरु कृपालु चिकित्सालयों में रोगियों और उनके साथ आये परिजनों को कम्बल आदि प्रदान किया जाता है, साथ ही मनगढ़ एवं उसके आस-पास के विद्यालयों के हज़ारों छात्र-छात्राओं तथा निर्धन ग्रामवासियों को नियमित रूप से अनेक दैनिक उपयोग की वस्तुयें वितरित की जाती हैं।
जगद्गुरु कृपालु परिषत् द्वारा विभिन्न राष्ट्रीय आपदाओं में भी मुक्त हस्त से आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त ‘स्वच्छ भारत‘ अभियान में सहयोग करते हुये 150 शौचालयों का निर्माण कराया गया।
जगद्गुरु कृपालु परिषत् द्वारा जन-कल्याण के कार्यों की श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रारम्भ किये गये ‘स्वच्छ भारत‘ कार्यक्रम में सहयोग करते हुये वृन्दावन व आस-पास के विद्यालयों में 60 शौचालयों का निर्माण कराया जायेगा। इसके अलावा 100 वृद्ध साधुओं के आवास हेतु एक वृद्धाश्रम का निर्माण परिषत् द्वारा कराया जायेगा।
आध्यात्म
जगद्गुरु कृपालु परिषद द्वारा वृन्दावन क्षेत्र में वास करने वाली विधवा व निराश्रित महिलाओं को दिए गए उपहार
वृन्दावन। जगद्गुरु कृपालु परिषद श्यामा श्याम धाम समिति के तत्वावधान में वृन्दावन में वास कर भजन कीर्तन करने वाली लगभग चार हजार विधवा व निराश्रित महिलाओं को उपहार प्रदान किए गए। इन उपहारों में उनके वस्त्र, शाल व अन्य जीवनोपयोगी वस्तुएं शामिल हैं।
बता दें कि जगद्गुरु कृपालु परिषद श्यामा श्याम धाम समिति के तत्वावधान में हर वर्ष ब्रह्मलीन जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज की पुण्यतिथि के अवसर पर साधु भोज व निराश्रित महिलाओं को उपहार प्रदान किए जाते हैं।
इसी क्रम में पिछले दिनों भी वृन्दावन क्षेत्र के साधुओं को प्रेम मन्दिर में भोज के साथ साथ उपहार भी दिए गए। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पधारे साधुओं को भोज के साथ साथ उपहार भी दिए गए थे।
साधू भोज कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जगद्गुरु कृपालु परिषद की चेयरपर्सन डॉ. विशाखा त्रिपाठी ने कहा कि इन धार्मिक आयोजनों का मार्ग निर्माण उनके पिता जगद्गुरु कृपालु जी महाराज ने किया था। आज उनकी बनाई हुई संस्था उनके पथ पर चलकर अपने दायित्वों का बाखूबी निर्वहन कर रही है।
इस अवसर जेकेपी श्यामाश्याम धाम समिति की अध्यक्षा डॉ श्यामा त्रिपाठी एवं अनुजा डॉ कृष्णा त्रिपाठी ने संयुक्त रूप से कहा कि बड़ी दीदी के दिशा निर्देशन में हमारी संस्था को ब्रजवासियों की सेवा से आंनद अनुभूति होती है, बृजवासी स्वयं भगवान के स्वरूप होते है, और इनकी सेवा करने से अन्तःकरण शुध्द होता है। बताया गया कि करीब पांच हजार साधुओं को 15 प्रकार की दैनिक वस्तुएं दक्षिणा के साथ प्रदान की गई।
-
लाइफ स्टाइल1 hour ago
कैल्शियम की कमी को पूरा करती हैं ये चीजें, बनाएं डाइट का हिस्सा
-
नेशनल1 day ago
दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा, ‘आप’ से गठबंधन के थे खिलाफ
-
नेशनल1 day ago
कर्नाटक के बेलगावी में बोले पीएम मोदी, कांग्रेस के शहजादे में नवाबों, बादशाहों के खिलाफ एक शब्द बोलने की ताकत नहीं है
-
नेशनल1 day ago
628 को उम्रकैद, 37 को दिलवाई फांसी, जानें कौन हैं मुंबई उत्तर मध्य सीट से बीजेपी उम्मीदवार उज्जवल निकम
-
नेशनल1 day ago
जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा
-
अन्तर्राष्ट्रीय1 day ago
अमेरिका के साउथ कैरोलिना में बड़ा सड़क हादसा, गुजरात की तीन महिलाओं की मौत
-
प्रादेशिक1 day ago
महादेव बेटिंग ऐप मामले में एक्टर साहिल खान गिरफ्तार, छत्तीसगढ़ के जगदलपुर से लाया गया मुंबई
-
उत्तर प्रदेश1 day ago
गाजियाबाद में रिटायर्ड जवान ने बेटी के दोस्त की गोली मारकर की हत्या, पुलिस पूछताछ में कही ये बात