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सीएम महबूबा की पुलिस से अपील, आतंकी बने युवाओं को घर वापस लाएं

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mehbooba-muftiश्रीनगर। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि आतंकवादियों में शामिल होने के लिए अपने घरों से भागे हुए कश्मीरी लडक़ों को वापस मुख्यधारा में लाना होगा और सुरक्षा बलों के साथ गोलीबारी में उनकी जिंदगियों को खोने से बचाना होगा। मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी घाटी में जारी हिंसा के मद्देनजर आई है। हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी को आठ जुलाई को मारे जाने के बाद घाटी में हिंसा फैली हुई है।

इस अशांति में 91 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 12 हजार से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। पुलिस ने घाटी में पत्थरबाजी के खिलाफ कार्रवाई के दौरान हजारों कश्मीरी युवाओं को गिरफ्तार किया है। कई युवाओं के अपने घरों से गायब होने की सूचना है। इसकी आशंका है कि उन्हें कट्टरपंथी बनाया जा सकता है और वे आतंकवादियों में शामिल हो सकते हैं। मुख्यमंत्री भी इस बात की पुष्टि करती प्रतीत हुईं।

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इस तरह के युवाओं के हाथ पकड़े जाने की जरूरत है और यदि वे वापस लौटकर शांति का जीवन जीना चाहते हैं तो उनका स्वागत किया जाना चाहिए। महबूबा ने कहा, मैं पुलिस से अनुरोध करती हूं कि इन युवाओं को उनके घर वापस लाएं। बजाए मुठभेड़ में मारने के, अगर संभव हो तो इन्हें इनके घर तक लाएं। उन्हें मुख्यधारा का हिस्सा बनाएं। उन्हें बंदूक के बजाए बैट-गेंद और अच्छी शिक्षा दें।

सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम (आफ्सपा) को रद्द किए जाने की बात कहते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि विवादास्पद कानून को हटाने के लिए शांति की जरूरत है जो सुरक्षा बलों को आतंकियों के साथ लड़ाई में निरंकुश शक्तियां देता है।

उन्होंने कहा कि हमें जम्मू एवं कश्मीर में शांति और धीरज का माहौल बनाना होता। अफ्सपा स्थायी नहीं है। हमें अफ्सपा हटाना होगा। लेकिन, इसके लिए हमें सहयोग चाहिए। हम इसे अंतराल में करेंगे लेकिन आतंकवाद को बंद करना होगा।

उन्होंने कहा, मैं जानती हूं कि आज इस तरह का माहौल नहीं है, लेकिन आने वाले कल या एक साल बाद भविष्य में हमें अफ्सपा को हटाना होगा। हम इसे हमेशा के लिए प्रचलन में नहीं रख सकते। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पैलेट गन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाना चाहती है, लेकिन साथ ही कहा कि यह तभी संभव है जब लोग उनकी सरकार का सहयोग करें।

महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान से कहा कि शांति वार्ता के लिए अनुकूल वातावरण बनाना जरूरी है और इसके लिए आवश्यक है कि पाकिस्तान सीमा पार से घुसपैठ बंद करे। महबूबा ने कहा, पाकिस्तान को समझना होगा कि दोनों देशों की सीमा मिलती है और क्षेत्र में शांति बहाली के लिए बातचीत शुरू करनी होगी, जिसके लिए घुसपैठ बंद होनी चाहिए।

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दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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