Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

ईरान परमाणु वार्ता जारी, नहीं बनी कोई सहमति

Published

on

फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, अमेरिका, चीन, स्विट्जरलैंड, ईरान,

Loading

तेहरान| ईरान के परमाणु कार्यक्रम के लिए वैश्विक शक्तियों और तेहरान के बीच वार्ताओं का दौर जारी है। लेकिन अभी इस संबंध में कोई सहमति नहीं बन पाई है। हालांकि प्रतिनिधियों का कहना है कि वे कई समस्याओं को सुलझाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। ईरान के शीर्ष वार्ताकार उपविदेश मंत्री अब्बास अराक्ची ने सोमवार को यह जानकारी दी। अराक्ची ने एक स्थानीय टेलीविजन कार्यक्रम के दौरान कहा कि इन वार्ताओं में दो मुद्दों का कोई समाधान नहीं निकाला जा सका। इनमें परमाणु समझौते से जुड़ी गतिविधियां शामिल हैं, जो समझौते के तहत ईरान के लिए उचित है। दूसरा, ईरान के खिलाफ पाबंदियों को हटाया जाना शामिल है। इन समस्याओं से देश की अर्थव्यवस्था पर बोझ भी बढ़ा है।

उपविदेश मंत्री ने कहा कि ईरान की सरकार की मांग है कि परमाणु समझौते के तहत देश पर लगी सभी पाबंदियों को हटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह समय जी5+एक समूह के देशों के लिए सही फैसला लेकर सभी पाबंदियों को हटाने का है। ईरान के परमाणु कार्यक्रम समझौते पर लगभग एक दशक से चले आ रहे गतिरोध को समाप्त करने के लिए मध्यस्थों द्वारा निर्धारित की गई अंतिम तिथि मंगलवार को समाप्त हो रही है।

ईरान के साथ परमाणु समझौते पर सहमति बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्य देशों फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, अमेरिका, चीन सहित जी5 + एक समूह देशों के सभी विदेश मंत्री रविवार से स्विट्जरलैंड के लुसाने में हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

Published

on

Loading

नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

Continue Reading

Trending