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कर्नाटक हाईकोर्ट से जयललिता को बड़ी राहत, आय से अधिक संपत्ति मामले में बरी

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बंगलुरु। कर्नाटक हाईकोर्ट की एक विशेष पीठ ने सोमवार को ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की महासचिव जे.जयललिता को 66.65 करोड़ रुपये के आय से अधिक संपत्ति मामले में बरी कर दिया। निचली अदालत ने उन्हें इस मामले में दोषी ठहराते हुए चार साल कैद की सजा सुनाई थी। निचली अदालत के 27 सितंबर, 2014 के फैसले के खिलाफ 67 वर्षीया जयललिता की याचिका पर बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति सी.आर. कुमारस्वामी ने उन सभी आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्हें दोषी ठहराते हुए चार साल कैद और 100 करोड़ रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। न्यायमूर्ति ने कहा कि आरोपों में दम नहीं है।

न्यायाधीश ने निचली अदालत को जयललिता की संपत्ति को मुक्त करने के आदेश दिए, जिसे इस मामले में जब्त कर लिया गया था। यह मामला 18 सालों तक चला। पहले इस पर तमिलनाडु में सुनवाई हुई और फिर सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर नवंबर 2002 में इसे बंगलुरु स्थानांतरित कर दिया गया।

न्यायाधीश ने जयललिता के अतिरिक्त तीन अन्य दोषियों एन. शशिकला, वी.एन. सुधारकरन, जे. ईलासवारसी को रिहा कर दिया, जिन्हें चार साल कैद और 10-10 करोड़ रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 17 अक्टूबर, 2014 को जयललिता तथा तीन अन्य को 18 दिसंबर तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी थी। बाद में जमानत की अवधि 12 मई तक के लिए बढ़ा दी गई थी।

जयललिता को 27 सितंबर से 17 अक्टूबर तक तीन सप्ताह का समय बंगलुरु के बाहरी हिस्से में स्थित केंद्रीय कारावास में गुजारना पड़ा, क्योंकि उच्च न्यायालय ने सात अक्टूबर को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद 17 अक्टूबर को सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दी। जयललिता को न्यायालय द्वारा बरी कर दिए जाने की सूचना मिलने के बाद उनके आवास के बाहर जश्न का माहौल है। न्यायालय के इस फैसले से पार्टी के कार्यकर्ता खुशी से झूम उठे और उन्होंने पटाखे छोड़े। उन्होंने ‘अम्मा जिंदाबाद’ के नारे लगए और मिठाइयां बांटी।

पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने उच्च न्यायालय परिसर से करीब एक किलोमीटर दूर क्युबॉन पार्क में पटाखे छोड़े और नाचते-झूमते नजर आए। अदालत का फैसला पूर्वाह्न करीब 11 बजे आया, जिसके बाद जयललिता तथा मामले में आरोपी बनाए गए तीन अन्य के 10 से अधिक वकीलों ने भी मिठाइयां बांटीं।

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15 दिन की पैरोल मिलने के बाद जेल से बाहर आए पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह, समर्थकों ने किया स्वागत

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पटना। पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह रविवार को पटना की बेऊर जेल से बाहर निकल गये हैं। गृह विभाग से हरी झंडी मिलने के बाद अनंत सिंह को जेल से 15 दिनों की पैरोल मिली है। वह सुबह लगभग 4:00 बजे जेल से बाहर निकले।आनंद सिंह के जेल से बाहर निकलने की सूचना के साथ ही उनके समर्थकों में काफी उत्साह का माहौल है। अनंत सिंह लगभग 5 वर्षों से जेल में बंद है। अनंत सिंह पर एके 47 रखने का आरोप है, जिसके तहत कोर्ट ने उन्हें 10 वर्ष की सजा सुनाई थी। तब से मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह पटना के बेउर जेल में सजायाफ्ता बंदी के रूप में सजा काट रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक़ आपसी पारिवारिक बंटवारे को लेकर अनंत सिंह ने न्यायालय में कोर्ट से पैरोल पर इसके लिए आदेश मांगा था। पेरोल पर आदेश मिलने के बाद आनंद सिंह को लेकर गृह विभाग ने यह आदेश जारी किया था। रविवार की अहले सुबह जब अनंत सिंह को 15 दिनों के पैरोल पर बेउर जेल से बाहर निकाला जा रहा था, उस समय जेल के बाहरी एवं भीतरी सुरक्षा को चुस्त दुरुस्त कर दिया गया था।

अनंत सिंह की पत्नी नीलम सिंह वर्तमान में राजद के विधायक हैं। बिहार में वर्तमान में लोकसभा का चुनाव चल रहा है। चौथे चरण 13 में को बिहार के मुंगेर में लोकसभा के चुनाव का मतदान होना है। इसे लेकर भी अनंत सिंह के जेल से बाहर आने को लेकर राजनीतिक गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।

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