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आध्यात्म

मकर संक्रांति पर इन 3 राशियों की किस्मत चमक जाएंगी रातोंरात, पैसों की होगी बारिश!

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नई दिल्ली। मकर संक्रांति के मौके पर आज हम आपको उन राशियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी किस्मत इस शुभ दिन खुलने वाली है। आइए जानते हैं कौन सी हैं वो राशियां जिनकी किस्मत रातों-रात जग जाएंगे।

कर्क-  इस राशि के लिए मकरसंक्रांति का त्योहार खुशियां लाएगे। कर्क राशि के लोगों के इस दिन धन लाभ की प्रबल संभावना है।

तुला- कुल कुटुम्ब में मांगलिक कार्य होंगे. शुभ प्रस्ताव मिलेंगे। विवाहादि के योग बनेंगे. रहन सहन संवार पर रहेगा। संग्रह संरक्षण को बल मिलेगा. वाणी व्यवहार प्रभावी रहेगा. बैंकिंग कार्यों में रुचि बढ़ेगी। धन धान्य में वृद्धि होगी। दान धर्म में आगे रहेंगे आत्म अनुशासन बढ़ेगा। जिद और जल्दबाजी से बचें।

मीन-  इस राशि के लोगों के लिए धनलाभ का योग बन रहा है। भ्रमण मनोरंजन के अवसर बनेंगे। लाभ और प्रभाव बढ़ेगा। विस्तार की योजनाएं सफल होंगी। शुभ प्रस्ताव मिलेंगे। प्रियजनों से भेंट होगी। परीक्षा प्रतियोगिता में उम्मीद से अच्छा करेंगे. संकोच त्यागें।

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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