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कर्नाटक में येदियुरप्पा पर आज होगा फैसला, हाथ से फिसलेगी सत्ता या कायम रहेगा राज

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कर्नाटक में सत्ता का ताज आखिरकार किसके सिर सजेगा, इसका फैसला शनिवार शाम चार बजे हो जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने बीएस येदियुरप्पा से कहा है कि वह शनिवार शाम चार बजे कर्नाटक विधानसभा में अपना बहुमत साबित करें। हालांकि राज्य विधानसभा में जिस तरह के हालात हैं, उसे देखकर लगता है कि बीजेपी के लिए अपनी सरकार बचाना आसान नहीं होगा। राज्यपाल की ओर से पहले उन्हें 15 दिन का समय दिया था। उन्होंने शुक्रवार की सुबह ही कर्नाटक के नये सीएम के तौर पर शपथ ली है।

सीएम के तौर पर अपना कई भी कार्यकाल पूरा नहीं कर सके बीएस येदियुरप्पा शनिवार को कर्नाटक विधानसभा में बहुमत साबित करना है। येदियुरप्पा सरकार का दावा है कि वो सदन में विश्वास मत हासिल करने में कामयाब रहेगी लेकिन अभी तक कर्नाटक विधानसभा चुनाव की स्थिति पर नजर डालें तो यह इतना आसान नहीं लग रहा।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव की 222 सीटों पर आए नतीजों में बीजेपी को 104 सीटें मिली और यह संख्या बहुमत से 8 कम है। दूसरी ओर, कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 37, बसपा को 1 और अन्य को 2 सीटें मिली हैं। कुमारस्वामी ने दो सीटों पर जीत हासिल की है, इसलिए ऐसे में इनका एक ही वोट मान्य होगा। इन हालात में येदियुरप्पा सरकार को बहुमत के लिए 111 विधायक चाहिए। ऐसे में बीजेपी की इस नई सरकार के लिए शनिवार का दिन बेहद अहम साबित होने जा रहा है।

कुल मिलाकर कांग्रेस और जेडीएस के पास 116 विधायक हैं लेकिन कांग्रेस और जेडीएस के इन 116 विधायकों में 20 विधायक ऐसे हैं, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वह येदियुरप्पा की सरकार बचा सकते हैं। ये विधायक लिंगायत समुदाय से आते हैं। इनमें 18 लिंगायत विधायक कांग्रेस और 2 लिंगायत विधायक जेडीएस के हैं।

येदियुरप्पा सरकार के बचने का एक तरीका और है। जिसके अनुसार पार्टी लाइन से अलग होकर विपक्ष के सात विधायक विश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोट दें। ऐसी सूरत में बीजेपी अपने 104 और 7 विधायकों के साथ 111 का आंकड़ा छू लेगी।

विपक्ष के 14 विधायक मतदान के दौरान गैरमौजूद रहें। ऐसे में 221 विधायकों वाले सदन में 14 विधायक कम होने के बाद सदन में 207 विधायक उपस्थित होंगे और बहुमत के लिए बीजेपी को 104 विधायकों का समर्थन चाहिए होगा जो उसके पास पहले से ही है।

नेशनल

स्मृति ईरानी ने अमेठी से किया नामांकन, एमपी के सीएम मोहन यादव भी रहे मौजूद

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अमेठी। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आज अमेठी से अपना नामांकन दाखिल कर दिया। इस मौके पर उनके साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव मौजूद रहे। सत्तारूढ़ी बीजेपी की ओर से स्मृति ईरानी को अमेठी का टिकट दिया गया है। उन्होंने 2019 में भी इस सीट से राहुल गांधी को मात दी थी।

नामांकन से पहले स्मृति ईरानी ने रोड शो किया जो करीब दो किमी लंबा था। यह भाजपा कार्यालय से कलेक्ट्रेट तक गया। कलेक्ट्रेट के बाहर ढोल नगाड़ों के साथ नाच गाना भी हुआ। भारी संख्या में कार्यकर्ता वहां मौजूद रहे।नामांकन से पहले उन्होंने अपने अमेठी स्थित आवास पर पूजा-पाठ किया।

इससे पहले रविवार को दिन में वह अयोध्या गई थीं और उन्होंने रामलला के दर्शन किए थे। भगवान राम की पूजा-अर्चना करने के बाद ईरानी ने कहा, ‘आज मैं खुद को सौभाग्यशाली मानती हूं कि मेरा जन्म ऐसे युग में हुआ, जिसमें हमारे रामलला को एक भव्य समारोह के माध्यम से एक तंबू से भव्य मंदिर में स्थापित किया गया। ‘मैंने राष्ट्र की प्रगति, प्रधान सेवक (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) के अच्छे स्वास्थ्य और भारत के गौरव के लिए रामलला के चरणों में आशीर्वाद मांगा। साथ ही भगवान हनुमान से आशीर्वाद मांगा कि मेरा सेवा भाव उनके जैसा ही हो।

बता दें कि हाईप्रोफाइल अमेठी संसदीय क्षेत्र से भाजपा की ओर से लगातार तीसरी बार ईरानी उम्मीदवार बनाई गई हैं। इस संसदीय सीट तीन जिलों के पांच विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर बनाई गई है। इसमें जिले की चार विधानसभा क्षेत्रों के साथ ही रायबरेली जिले का सलोन विधान सभा क्षेत्र व जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र में सुल्तानपुर के बल्दीराय तहसील के 24 ग्राम पंचायतों के 62 बूथ शामिल हैं।

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