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प्रादेशिक

बदायूं में सपा का किला ढहाने वाले महेश गुप्ता को योगी ने दिया इनाम, मिला मंत्रिपद

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लखनऊ। योगी के मंत्रिमंडल विस्तार में जो सबसे चौंकाने वाला नाम है वो बेशक बदायूं सदर सीट से विधायक महेश गुप्ता का ही है। सूत्र बताते हैं कि इलाके में खासे लोकप्रिय, जमीनी नेता महेश गुप्ता को खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई दबावों को दरकिनार कर मंत्रिमंडल में शामिल किया। खुद महेश को भी नहीं पता था कि बुधवार को होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में उनका भी नाम है। देर रात जब लोकभवन से उनके पास फोन आया तो एकबारगी उनके करीबियों को भी यकीन नहीं हुआ। मंत्री महेश गुप्ता के हर चढ़ाव उतार के साथी रहे बदायूं से भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष राजेश्वर सिंह पटेल उर्फ बेबी बताते हैं, “विधायक जी को दरअसल उनके जुझारूपन ने इस मुकाम पर पहुंचाया है। सुबह से देर रात तक अनवरत सदर विधायक अपने इलाके के लिए, अपने कार्यकर्ताओं के लिए काम करते रहे हैं। बेशक इसीलिए मुख्यमंत्री जी और पार्टी संगठन ने महेश जी को यह दायित्व सौंपा है।”

गौरतलब है कि बीते विधानसभा चुनाव में महेश गुप्ता ने सपा के आबिद रजा को 16296 वोटों से हराया था और दूसरी बार विधायक चुने गए थे। जिले की आंवला लोकसभा सीट पहले से ही भाजपा के पास थी, लेकिन इस बार मुलायम सिंह यादव के भतीजे धर्मेन्द्र यादव को भी बदायूं लोकसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। कहा जाता है कि बदायूं की इस आलीशान जीत में महेश गुप्ता की संगठन क्षमता और लोकप्रियता का भी अहम योगदान था।

गौरतलब है कि महेश गुप्ता से पहले 1991 में ही बदायूं सदर सीट से भाजपा विधायक कृष्ण स्वरूप को भी मंत्री बनाया गया था। जिले के नेताओं को सरकारों में दर्जा प्राप्त मंत्री का पद तो मिलता रहा था लेकिन मंत्री का ओहदा गिने चुने नेताओं को ही मिला। 1996 में भगवान सिंह शाक्य भी मंत्री बनाये गये थे लेकिन वो बसपा से चुने गये थे और बाद में भाजपाई बने। मजेदार यह कि महेश गुप्ता, सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के खिलाफ भी 1996 में सहसवान सीट से ताल ठोक चुके हैं। उस समय उन्होंने मुलायम को कड़ी टक्कर दी थी और दूसरे स्थान पर आये थे।”

उत्तर प्रदेश

हरदोई में 16 बार चुनाव लड़ा, हर बार मिली हार, फिर से मैदान में उतरे शिवकुमार

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हरदोई। देश भर में चुनाव का माहौल गरमाया हुआ है और ऐसे में हरदोई में भी चुनाव की गरमा गरमी अब खूब देखने को मिल रही है। यहां पर एक ऐसे प्रत्याशी भी है जो 17 वी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अब तक कुल 16 बार चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें आजतक किसी भी चुनाव में जीत नहीं मिली है। इनका नाम है शिवकुमार और यह शहर कोतवाली क्षेत्र के मन्नापुरवा के रहने वाले है।

इनका कहना है कि वह हारने के बाद भी वह चुनाव लड़ते रहेंगे क्योंकि जनता उनका सम्मान बरकरार रखती है। उन्होंने कहा कि इस बार अगर वह जीतते हैं तो लोकसभा क्षेत्र के लोगों की हर समस्या के समय उनके साथ खड़े रहेंगे और उनका सहयोग करेंगे। शिवकुमार ने प्रत्येक बार निर्दलीय होकर चुनाव लड़ा है।

शिवकुमार ने 3 प्रधानी के चुनाव 3 जिला पंचायत के साथ 7 चुनाव विधानसभा और अब तक 3 चुनाव दिल्ली वाले यानी लोकसभा ले लड़े है और अब वह चौथी बार 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि उनके मुद्दे क्या है अगर वह बता देंगे तो लोग नकल कर लेंगे।

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