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प्रादेशिक

साक्षी मिश्रा ने बरेली में कराया शादी का रजिस्ट्रेशन, बन गई साक्षी नायक

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लखनऊ। पिछले महीने भागकर शादी करने और उसके बाद की घटनाओं के कारण सुर्खियों में रहे साक्षी मिश्रा और अजितेश चुपचाप बरेली लौट आए और यहां अपने विवाह का पंजीकरण कराया। कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच बरेली लौटे दंपति रजिस्ट्रार कार्यालय गए और वहां उन्होंने अपनी शादी का पंजीकरण कराया। इस जोड़े ने पहले ही प्रयागराज के एक मंदिर में शादी कर ली थी और इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा विवाह को वैध ठहराया गया था।

भाजपा विधायक राजेश मिश्रा की बेटी साक्षी मिश्रा ने एक दलित लड़के अजितेश से तीन जुलाई को भागकर शादी कर ली थी। इस जोड़े ने बाद में सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने साक्षी के पिता और भाई से अपनी जान को खतरा होने का दावा किया था।

इस मामले ने बड़ा तूल तब पकड़ा जब यह दंपति नोएडा में एक टीवी स्टूडियो में दिखाई दिए गए, जहां उन्होंने जाति के कारण साक्षी के परिवार द्वारा शादी अस्वीकार करने का आरोप लगाया था। बाद में यह मामला इलाहाबाद उच्च न्यायालय तक पहुंच गया, जिसने राज्य सरकार को दंपति को सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया और उनकी शादी को वैध भी ठहराया।

इस जोड़े ने अपनी शादी के पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। जब वे अदालत में पेश हुए, तो सुरक्षाकर्मियों ने मीडिया को बाहर ही रोक दिया था। इस बीच साक्षी और उसके पति ने मुख्यमंत्री के जन सुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर दावा किया था कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट डालकर लड़की के पिता और ससुराल वालों की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।

साक्षी के करीबी एक सूत्र ने बताया कि भले ही उनकी शादी को कोर्ट ने वैध ठहरा दिया हो, लेकिन वे ‘सभी संदेहों को दूर करने’ के लिए शादी का पंजीकरण कराना चाहते थे। पति-पत्नी दिल्ली लौट गए हैं।

उत्तर प्रदेश

हरदोई में 16 बार चुनाव लड़ा, हर बार मिली हार, फिर से मैदान में उतरे शिवकुमार

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हरदोई। देश भर में चुनाव का माहौल गरमाया हुआ है और ऐसे में हरदोई में भी चुनाव की गरमा गरमी अब खूब देखने को मिल रही है। यहां पर एक ऐसे प्रत्याशी भी है जो 17 वी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अब तक कुल 16 बार चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें आजतक किसी भी चुनाव में जीत नहीं मिली है। इनका नाम है शिवकुमार और यह शहर कोतवाली क्षेत्र के मन्नापुरवा के रहने वाले है।

इनका कहना है कि वह हारने के बाद भी वह चुनाव लड़ते रहेंगे क्योंकि जनता उनका सम्मान बरकरार रखती है। उन्होंने कहा कि इस बार अगर वह जीतते हैं तो लोकसभा क्षेत्र के लोगों की हर समस्या के समय उनके साथ खड़े रहेंगे और उनका सहयोग करेंगे। शिवकुमार ने प्रत्येक बार निर्दलीय होकर चुनाव लड़ा है।

शिवकुमार ने 3 प्रधानी के चुनाव 3 जिला पंचायत के साथ 7 चुनाव विधानसभा और अब तक 3 चुनाव दिल्ली वाले यानी लोकसभा ले लड़े है और अब वह चौथी बार 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि उनके मुद्दे क्या है अगर वह बता देंगे तो लोग नकल कर लेंगे।

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