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सरकार ने वापस लिया ईपीएफ पर टैक्स का प्रस्ताव

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ईपीएफ पर टैक्स का का प्रस्ताव वापस, वित्‍तमंत्री अरूण जेटली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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ईपीएफ पर टैक्स का का प्रस्ताव वापस, वित्‍तमंत्री अरूण जेटली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि यानी ईपीएफ के ब्‍याज के 60% पर टैक्स लगाने का था प्रस्‍ताव चौतरफा दबाव के बाद केंद्र सरकार ने वापस ले लिया है। संसद में आज वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ईपीएफ के 60 प्रतिशत हिस्से पर लगाए जाने वाले टैक्स के प्रावधान को फिलहाल वापस ले रही है। बता दें कि बजट 2016-17 संसद में पेश करने के दौरान ईपीएफ पर टैक्स का ऐलान हुआ था।इसके साथ ही वित्त मंत्री ने लोगों को पेंशन फंड में निवेश करने के लिए कहा। इसके अलावा एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम) पर अभी भी 40% रकम निकालने पर टैक्स नहीं लगेगा। वैसे वित्त मंत्री ने कहा है कि इस पर विस्तृत समीक्षा की बात कही है लेकिन फिलहाल ईपीएफ पर टैक्स का खतरा टल गया है।

ईपीएफ के 60% पर टैक्स लगाने का था प्रस्ताव

गौरतलब है कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वित्त मंत्री अरुण जेटली से इस मामले पर दोबारा विचार करने को कहने के बाद से ही ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि यह प्रस्‍ताव वापस हो सकता है। इस प्रस्ताव से देश के करीब छह करोड़ वेतनभोगी प्रभावित होते। ऐसे में कयास लगाए ही जा रहे थे कि जेटली आज संसद में यह प्रस्ताव वापस लेने की घोषणा कर सकते हैं। सोमवार को कांग्रेस ने सरकार के फ़ैसले के विरोध में जंतर मंतर पर प्रदर्शन भी किया था।

बजट में क्या प्रस्ताव दिया गया था…

-40% से ऊपर ईपीएफ़ निकालने पर टैक्स

-अप्रैल से जमा 60% रकम पर लग सकता है टैक्स

-पेंशन स्कीम में निवेश पर नहीं लगेगा टैक्स

-15000 रुपये महीने से कम आय पर टैक्स नहीं

क्या था सरकार का तर्क…

-पेंशन योजना को बढ़ावा देना

-एकमुश्त पैसा न निकाल लें लोग

-आर्थिक सुरक्षा बनी रहे

-सिर्फ़ 60 लाख लोगों पर बोझ

-तीन करोड़ से ऊपर 15,000 रुपये महीने वाले

इस पूरे मामले पर काफी हो हल्ला मचा हुआ था। ईपीएफ टैक्‍स के खिलाफ एक लाख से ज्‍यादा लोगों ने ऑनलाइन याचिका पर हस्‍ताक्षर भी किए थे। इस टैक्स को खत्म करवाने के लिए सोशल मीडिया पर #RollBackEPF हैशटैग भी कई दिन चला जिसमें सरकार से लोगों ने अपील की कि इसे वापस ले लिया जाए।

जेटली ने टैक्स संबंधी प्रस्तावों का जिक्र आम बजट में किया था

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा था, ‘पेंशन के पैसों और ईपीएफ सहित मान्यताप्राप्त भविष्य निधि का 40 प्रतिशत हिस्सा टैक्स फ्री रहेगा…’ विशेषज्ञों ने बातचीत में बताया था कि प्रस्ताव से पहले पांच साल की लगातार नौकरी के बाद कर्मचारी भविष्य निधि की निकासी पूरी तरह आयकरमुक्त थी, लेकिन नए प्रस्ताव के बाद कर्मचारियों को ईपीएफ से निकाली गई कुल राशि के 60 फीसदी हिस्से पर इनकम टैक्स देना पड़ता।

नेशनल

स्मृति ईरानी ने अमेठी से किया नामांकन, एमपी के सीएम मोहन यादव भी रहे मौजूद

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अमेठी। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आज अमेठी से अपना नामांकन दाखिल कर दिया। इस मौके पर उनके साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव मौजूद रहे। सत्तारूढ़ी बीजेपी की ओर से स्मृति ईरानी को अमेठी का टिकट दिया गया है। उन्होंने 2019 में भी इस सीट से राहुल गांधी को मात दी थी।

नामांकन से पहले स्मृति ईरानी ने रोड शो किया जो करीब दो किमी लंबा था। यह भाजपा कार्यालय से कलेक्ट्रेट तक गया। कलेक्ट्रेट के बाहर ढोल नगाड़ों के साथ नाच गाना भी हुआ। भारी संख्या में कार्यकर्ता वहां मौजूद रहे।नामांकन से पहले उन्होंने अपने अमेठी स्थित आवास पर पूजा-पाठ किया।

इससे पहले रविवार को दिन में वह अयोध्या गई थीं और उन्होंने रामलला के दर्शन किए थे। भगवान राम की पूजा-अर्चना करने के बाद ईरानी ने कहा, ‘आज मैं खुद को सौभाग्यशाली मानती हूं कि मेरा जन्म ऐसे युग में हुआ, जिसमें हमारे रामलला को एक भव्य समारोह के माध्यम से एक तंबू से भव्य मंदिर में स्थापित किया गया। ‘मैंने राष्ट्र की प्रगति, प्रधान सेवक (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) के अच्छे स्वास्थ्य और भारत के गौरव के लिए रामलला के चरणों में आशीर्वाद मांगा। साथ ही भगवान हनुमान से आशीर्वाद मांगा कि मेरा सेवा भाव उनके जैसा ही हो।

बता दें कि हाईप्रोफाइल अमेठी संसदीय क्षेत्र से भाजपा की ओर से लगातार तीसरी बार ईरानी उम्मीदवार बनाई गई हैं। इस संसदीय सीट तीन जिलों के पांच विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर बनाई गई है। इसमें जिले की चार विधानसभा क्षेत्रों के साथ ही रायबरेली जिले का सलोन विधान सभा क्षेत्र व जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र में सुल्तानपुर के बल्दीराय तहसील के 24 ग्राम पंचायतों के 62 बूथ शामिल हैं।

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