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SC की कठोर टिप्पणी, बालिग लड़की को अपराधी से प्यार करने से नहीं रोक सकते

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केरल लव जिहाद मामले में 24 वर्षीय महिला हादिया के पिता को निर्देश दिया कि उसे (हादिया ) 27 नवंबर को कोर्ट के समक्ष पेश किया जाए। इसके साथ ही अदालत ने एनआईए से पूछा है कि क्या कोई ऐसा कानून है कि किसी अपराधी से साथ बालिग लड़की प्यार नहीं कर सकती या शादी नहीं कर सकती। सुप्रीम कोर्ट ने तमाम दलीलों को सुनने के बाद मामले की सुनवाई 27 नवंबर तक टाल दी और हादिया के पिता से अगली सुनवाई में उसे कोर्ट के समक्ष पेश करने को कहा है।

कोर्ट ने मुस्लिम युवक शफीन जहां से विवाह करने पर उसके विचार जानने के लिए यह आदेश दिया है। हिंदू महिला हादिया ने अपना धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम धर्म अपना लिया था। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की पीठ ने यह भी कहा कि कोर्ट चाहेगा कि वह अपने विचार खुली अदालत में रखे, क्योंकि यह स्वीकार नहीं किया जा सकता कि न्यायाधीश उससे बंद कमरे में सवाल पूछें।

हादिया उर्फ अखिला ने पिछले वर्ष इस्लाम धर्म कबूल कर लिया था और शफीन जहां नामक मुस्लिम युवक से शादी कर ली थी। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को जहां की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। जहां ने हादिया के साथ उसकी शादी को निरस्त करने के मई में केरल उच्च न्यायालय के फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

उसके पिता ने बंद कमरे में सुनवाई करने की अपील की थी, लेकिन न्यायालय ने इसे ठुकरा दिया। हादिया के पिता की याचिका पर उच्च न्यायालय ने उसकी शादी निरस्त कर दी थी। हादिया के पिता ने जहां पर आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट(आईएस) के साथ संबंध होने का भी आरोप लगाया था।

जहां ने इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय से इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से कराने के फैसले को निरस्त करने की मांग की थी। सर्वोच्च न्यायालय ने ही इस मामले की जांच एनआईए से कराने का आदेश दिया था।

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सीएम योगी का सपा पर निशाना, कहा- इनके शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे

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उन्नाव। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को उन्नाव में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और सपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस का इतिहास प्रभु श्रीराम का विरोध करने वाला रहा है। कांग्रेस कहती थी कि प्रभु राम का अस्तित्व ही नहीं है। वहीं, दूसरी तरफ सपा कहती थी कि अयोध्या में एक भी परिंदा पर नहीं मार सकता है, यह इनका दोहरा चरित्र है। सपा के शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे।

सीम योगी ने कहा कि इन लोगों ने अयोध्या, रामपुर में सीआरपीएफ कैंप, काशी में संकटमोचन मंदिर, लखनऊ, अयोध्या और वाराणसी की कचहरी पर हमला करने वाले आतंकियों के मुकदमे वापस लेने का प्रयास किया था। जिस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि आप इनके मुकदमे वापस लेने की बात कह रहे हैं और कल इन्हें पद्म पुरस्कार से नवाजेंगे।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में जहां एक ओर रामलला विराजमान हो गए हैं। वहीं, दूसरी ओर बड़े-बड़े माफिया की ‘राम नाम सत्य’ हो रही है। इंडिया गठबंधन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि इनके मेनिफेस्टो में अल्पसंख्यकों को खाने-पीने की पूरी स्वतंत्रता देने की बात कही गई है। यह जनता को नहीं बता रहे हैं कि ऐसा कौन सा खान-पान है जो बहुसंख्यक समाज नापसंद करता है। बहुसंख्यक समाज गोमाता की पूजा करता है और वह गोकशी को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।

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