बिजनेस
रिलायंस जियो जल्द लॉन्च कर सकता है जियोबुक लैपटॉप, कीमत होगी किफायती
नई दिल्ली। दूरसंचार क्षेत्र में धमाल मचाने वाली कंपनी रिलायंस जियो जल्द ही अपना लैपटॉप जियोबुक भी लांच करने की योजना बना रही है और उसके इस लैपटॉप की सबसे खास बात होगी -इसकी किफायती कीमत।
जीएसएम एरेना की रिपोर्ट के मुताबिक हार्डवेयर सर्टिफाइड करने वाले दस्तावेजों में जियो के लैपटॉप का उल्लेख किया गया है। दस्तावेजों में नये लैपटॉप के बारे में बताया गया है कि इसमें इंटेल का एक्स86 प्रोसेसर नहीं बल्कि एआरएम प्रोसेसर होगा और इस पर विंडोज 10 का एआरएम वर्जन रन करेगा। इस लैपटॉप में विंडोज 10 ऑउट ऑफ द बॉक्स बूट किया जा सकता है।
हार्डवेयर एप्रूवल दस्तावेजों के मुताबिक इस लैपटॉप को एमडोर डिजिटल टेक्न ोलॉजी कंपनी लिमिटेड बनायेगी यानी यही कंपनी ऑरिजनल उपकरण निर्माता होगी लेकिन इसे जियो के ब्रांड नाम से भारतीय बाजार में उतारा जायेगा। यह ओईएम चीन के शेनजेन शहर में स्थित कंपनी और वह इस तरह के हार्डवेयर बनाती है।
जियोबुक के बारे में अन्य जानकारी अभी प्राप्त नहीं हुई है। इसे पहले भारतीय मानक ब्यूरो की सर्टिफिकेशन वेबसाइट और गीकबेंच पर देखा गया था। गीकबेंच में की गयी लिस्टिंग से पता चलता है कि जियोबुक में 2जीबी रैम होगा और एक मीडियाटेक एमटी8788 चिपसेट होगा। इसमें जियोबुक के प्रोटोटाइप की इमेज भी थी, जिससे पता चलता है कि यह किस तरह का दिखेगा।
बिजनेस
Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो
नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।
व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।
तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।
व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।
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