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वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाने दोबारा इसरो मुख्यालय पहुंचे प्रधानमंत्री, गले लगकर रोने लगे इसरो चीफ

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नई दिल्ली। अपनी मंजिल पर पहुंचने से महज कुछ सेकेंड पहले चंद्रयान-2 अपना रास्ता भटक गया और इसरो का उससे संपर्क टूट गया। इस दौरान पीएम मोदी भी इसरो मुख्यालय में मौजूद थे। सुबह एक बार फिर नरेंद्र मोदी वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाने बेंगलुरु स्थित इसरो मुख्यालय पहुंचे।

वैज्ञानिकों को संबोधित करने के बाद जब प्रधानमंत्री मोदी इसरो मुख्यालय से लौटने लगे तो इसरो चीफ के. सिवन भावुक हो गए और पीएम मोदी के गले लगकर रोने लगे। पीएम मोदी ने इसरो चीफ को गले लगाकर उनकी पीठ थपथपाई और उनका हौसला बढ़ाया।

पीएम ने कहा कि हर मुश्किल, हर संघर्ष, हर कठिनाई, हमें कुछ नया सिखाकर जाती है, कुछ नए आविष्कार, नई टेक्नोलॉजी के लिए प्रेरित करती है और इसी से हमारी आगे की सफलता तय होती हैं। ज्ञान का अगर सबसे बड़ा शिक्षक कोई है तो वो विज्ञान है। विज्ञान में विफलता नहीं होती, केवल प्रयोग और प्रयास होते हैं।

पीएम मोदी बोले, मैं सभी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के परिवार को भी सलाम करता हूं। उनका मौन लेकिन बहुत महत्वपूर्ण समर्थन आपके साथ रहा। हम असफल हो सकते हैं, लेकिन इससे हमारे जोश और ऊर्जा में कमी नहीं आएगी। हम फिर पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ेंगे।

उन्होंने कहा कि अपने वैज्ञानिकों से मैं कहना चाहता हूं कि भारत आपके साथ है। आप सब महान प्रोफेशनल हैं जिन्होंने देश की प्रगति के लिए संपूर्ण जीवन दिया और देश को मुस्कुराने और गर्व करने के कई मौके दिए। आप लोग मक्खन पर लकीर करनेवाले लोग नहीं हैं पत्थर पर लकीर करने वाले लोग हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, साथियों मैं कल रात को आपकी मनस्थिति को समझ रहा था। आपकी आंखें बहुत कुछ कह रही थीं। आपके चेहरे की उदासी मैं पढ़ पा रहा था। ज्यादा देर मैं आपके बीच नहीं रुका। कई रातों से आप सोए नहीं हैं। फिर भी मेरा मन करता था, कि एक बार सुबह आपको फिर से बुलाऊं। आपसे बातें करूं। इस मिशन के साथ जुड़ा हुआ हर व्यक्ति अलग ही अवस्था में था, बहुत से सवाल थे। बड़ी सफलता के साथ आगे बढ़ते गए. अचानक सबकुछ नजर आना बंद हो गया है। मैंने भी उस पल को आपके साथ जिया है।

 

 

नेशनल

इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति ने वापस लिया नामांकन, बीजेपी में होंगे शामिल

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इंदौर। लोकसभा चुनाव से पहले ही इंदौर से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। अक्षय कांति के इस फैसले फैसले से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कलेक्टर कार्यालय में जाकर बीजेपी के उम्मीदवार शंकर लालवानी के सामने उन्होंने अपना पर्चा वापस लिया। इस दौरान बीजेपी के नेता रमेश मेंदोला भी साथ थे। इसके बाद में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और विधायक मेंदोला के साथ भाजपा कार्यालय के लिए रवाना हो गए। माना जा रहा है कि बम भाजपा की सदस्‍यता लेंगे।

इंदौर कैलाश विजयवर्गीय का गढ़ माना जाता है। विजयवर्गीय इंदौर 1 से विधायक हैं। उन्होंने एक्स पर अक्षय कांति बम की तस्वीर के साथ लिखा, ”इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम जी का माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के नेतृत्व में बीजेपी में स्वागत है।”

इसके बाद इंदौर सीट पर अब भाजपा के लिए मैदान लगभग साफ हो गया है, उसके सामने निर्दलीय और अन्य दलों के अलावा कोई प्रत्याशी नहीं बचा। नामांकन वापस लेने के बाद अक्षय कांति बम ने कहा कि जब से उन्होंने नामांकन जमा किया था, तब से ही कांग्रेस की ओर से उन्हें कोई सपोर्ट नहीं मिल रहा था। हालांकि, राजनीतिक गलियारों में यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि फॉर्म भरने के बाद से ही कांग्रेस अक्षय कांति पर दबाव बना रही थी।

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