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परिवारवादियों पर पीएम नरेन्द्र मोदी ने खुलकर बोला हमला, यूपी के लोगों से कहा सावधान रहना ऐसे लोगों से

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लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कासगंज में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित जनसभा में अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कई बार तारीफ की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कासगंज की विधानसभा में चुनाव लड़ रहे भाजपा प्रत्याशी भी यहां मौजूद रहे। पीएम नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए जनता से कहा कि भाजपा को दिया आपका एक-एक वोट यूपी की तस्वीर बदल देगा। उन्होंने कहा कि योगी जी ने यूपी में सुरक्षा का जो माहौल दिया है, उसने समृद्धि का नया द्वार खोला है।

समाज का हर वर्ग मेहनत करे, उन्नति करे, इसके लिए जो माहौल जरूरी है, वो माहौल योगी जी सरकार ने दिया है। उन्होंने कहा कि आज आपके पास ऐसा मुख्यमंत्री है जिस पर विरोधियों ने भी कभी भ्रष्टाचार का आरोप लगाने की कोशिश नहीं की है। यहां पहले जो मुख्यमंत्री रहे हैं, उन पर कैसे-कैसे आरोप हैं, ये यूपी के लोग अच्छे से जानते हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी ने जनता से जनसभा में पहुंचने में हुए विलंब के लिए क्षमा भी मांगी। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से अयोध्या में एक चौराहे का नाम भारत रत्न लता मंगेशकर के नाम पर करने की घोषणा की भी तरीफ की। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने स्वागत भाषण में पीएम नरेन्द्र मोदी को स्वागत किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि आपने 2017 में जिन्हें सबक सिखाया, उन्हें अब लगा है कि विकास की बात किए बिना कोई चारा नहीं है। इसलिए उन्हें अब विकास भी याद आने लगा है। ऐसे ही लोगों के लिए काका हाथरसी ने कहा है- “मन मैला, तन उजला, भाषण लच्छेदार। ऊपर सत्याचार है, भीतर भ्रष्टाचार।“

पीएम मोदी ने कहा कि मैं यूपी के लोगों को सावधान भी करना चाहता हूं। ये परिवारवादी लोग इस समय इतने बौखलाए हुए हैं कि ठान कर बैठे हैं कि गरीब के लिए चल रही सारी योजनाओं को सबसे पहले बंद कराएंगे। इसलिए, ऐसे लोगों को कभी मौका मत देना। उन्होंने कहा कि परिवारवादियों ने अपना घर, अपनी तिजोरी तो भरी लेकिन कभी गरीब की चिंता नहीं की। गरीब का जीवन आसान बने, ये लोग न पहले चाहते थे, न आज चाहते हैं। ये अफवाहवादी पूरी कोशिश कर रहे थे कि कोरोना का मुफ्त टीका गरीब परिवारों को न लगे। लेकिन गरीबों की सरकार ने इन्हें सफल नहीं होने दिया। मोदी और योगी जी को जो आशीर्वाद और प्यार आप दे रहे हैं, उसने इन परिवारवादियों की नींद उड़ा दी है। कितनी कोशिश की, इन लोगों ने आपको बांटने की, जाति के नाम पर अलग-अलग करने की, लेकिन ये लोग फेल हो गए।

पीएम ने कहा कि ऐटा, फरुखाबाद, हाथरस, फिरोजाबाद और बरेली के अनेक स्थानों से भी तकनीक के माध्यम से वर्चुअली जुड़े भाई-बहनों को भी यहां से प्राणम करता हूं। भीड़ में नौजवानों का उत्साह देखकर उन्होंने कहा कि नौजवानों से विनती है मेरा भरपूर प्यार आपकी तरफ है। उन्होंने कासगंज के भाईयों और बहनों को आदरणीय कहकर सम्बोधित किया और तुलसीदास जी को भी नमन किया। उन्होंने पंडित दीन दयाल उपाध्याय को भी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि बाबू जी की याद आना स्वाभविक है। मुझे कल्याण सिंह की अंगुली पकड़कर चलने का मौका मिला। उनकी प्रेरणा से भाजपा निरंतर गरीबों, दलितों, पिछड़ों, जनता-जनार्दन की सेवा में जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि कल यूपी में पहले चरण का मतदान पूरा हुआ है।

लोगों ने भारी संख्या में घरों से निकलकर यूपी को सुरक्षित रखने के लिए, यूपी के विकास के लिए भारी मात्रा में कमल को वोट दिया है। विशेष रूप से हमारी बहन बेटियों ने जमकर मतदान किया है। जो रुझान आए हैं वो ये बता रहे हैं कि पहले चरण में भाजपा का परचम लहरा रहा है। कल दोपहर के बाद उन नेताओं के जितने इंटरव्यू आए हैं उनका चेहरा लटका हुआ है। अब वह खुलकर परिवार की बात कर रहे हैं। योगी जी आपने क्या हाल कर दिया इन लोगों का। आप देखिये ये बात जो घोर परिवारवादी है उनको पता चल गई है कि नैया डूब चुकी है। इसलिए उन्होंने अभी से ईवीएम पर चुनाव आयोग पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है।

पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इन लोगों को अहसास ही नहीं था कि मोदी योगी ने इनके राशन माफियाओं को किनारे लगा दिया है। महामारी के समय में हमारी सरकार हर गरीब को पिछले कई महीनों से मुफ्त राशन दे रही है। गरीब के घर का चूल्हा जलते रहने की हमने चिंता की। माताओं बहनों को पता है कि भाजपा की सरकार में उनके बच्चों को कभी भूखे सोना नहीं पड़ा है। पीएम ने कहा कि घोर परिवारवादियों ने जो माहौल बना दिया था उसके खिलाफ योगी जी ने बहुत बड़ी लड़ाई लड़ी है। जीवन में सुरक्षा बड़ी चीज है। योगी जी ने ऐसी कठिन स्थिति में पांच साल में कानून का राज स्थापित करने में सफलता हासिल की है। आगे इसको और पक्का करेंगे उनपर मुझे विश्वास है। योगी जी ने प्रदेश में सुरक्षा का माहौल पैदा करके समृद्ध का द्वार खोल दिया है।

पीएम मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी ने यूपी में कानून के राज को सबसे बड़ी प्राथमिकता बनाया और करके दिखाया है गुडें माफियाओं को खोज खाजकर जेल भेजा उनपर कार्रवाई की। क्या य माफियाओं को जेल भेजना चाहिये या महल भेजना चाहिये। यही करना चाहिए तभी तो सज्जन व्यक्ति जीवन जी सकता है। बरेली के लोग भी हमसे जुड़े हुए हैं बरेली को कैसे बार बार दंगों की आग में झोका गया हमने देखा है। दंबग, दंगा और माफियाराज को पूरी तरह से प्रदेश से बाहर करना है। इस बार भी इन घोर परिवारवादियों को ऐसे अपराधी चुनाव के मैदान में उतारे हैं जो आपसे खार खाए बैठे हैं। इन अपराधियों और गुंडों को हराने के लिए भाजपा उम्मीदवारां के पक्ष में मतदान करों ये मैं कहने आया है। ये बदला लेने की फिराक में है कभी इनको मौका मत देना दोस्तों। यूपी के बेहतर भविष्य से आपका भी भविष्य जुड़ा हुआ है।

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लोकसभा के शोले और रहीम चाचा की खामोशी

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सच्चिदा नन्द द्विवेदी एडिटर-इन-चीफ

हिन्दी सिनेमा की कालजई फिल्म शोले के रहीम चाचा का किरदार आपको जरूर याद होगा। उनका एक डायलॉग था जिसमें वो कहते है “इतना सन्नाटा क्यूँ है भाई” उस वक्त पूरे रामगढ़ में किसी के पास इसका जवाब नहीं था, कमोवेश ठीक वैसे ही हालात इस वक्त लोकसभा चुनाव में नजर आ रहे हैं। लोकसभा के चुनाव के दो चरण पूरे हो चुके हैं पर पूरे देश में कहीं भी ऐसा नजर नहीं आता कि हम अगले पाँच साल के लिए अपने नुमाइंदे चुनने जा रहे हैं। एक अजीब खामोशी नुमायाँ है। गांव, कस्बों और शहरों तक में होर्डिंग और पोस्टर नजर नहीं आ रहे हैं और न ही कानफोडू लाऊडस्पीकर पर वोट मांगने वालों का शोर सुनाई दे रहा है, चाय की टपरी और पान के खोखों पर जमा होने वाली भीड़ अपने होंठों को सिले हुए है।

एक वक्त था जब हम लोग चाय की टपरी, पान की दुकान और रास्तों के ढाबों से देश का मूड भांप लेते थे। मतदाताओं के मन में क्या चल रहा है इसका अंदाज लगाना आसान था। लेकिन आज स्थिति उलट है इन जगहों पर खड़ा आम आदमी आपसे ही उल्टा पूछ लेता है ‘और क्या चल रहा है’ इंसान-इंसान के बीच अविश्वास की खाई इतनी गहरी हो गई है कि वो पब्लिक प्लेस पर अब राजनीतिक बात करने से गुरेज करने लगा है। वोटर अपने मन की बात जुबान पर नहीं लाना चाहता हैं क्यूंकी अब वो रेडियो पर ‘मोदी जी’ के मन की बात सुन रहा है और अपने मन की बात अपने मन में रखे हुए है। उसे डर है और ये डर मिश्रित चुप्पी स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छा लक्षण नहीं है।

लोकसभा चुनाव के पहले चरण की तरह दूसरे चरण में भी वोटिंग 2019 के मुकाबले कम हुई है। पहले चरण में 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों पर 64 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में उन सीटों पर भी 70 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुआ था। ऐसे ही इस बार दूसरे चरण में 13 राज्यों की 88 लोकसभा सीटों पर करीब 63 फीसदी वोट पड़े। यह 2019 के लोकसभा चुनाव में 70.09% मतदान के मुकाबले काफी कम था। यूपी, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे बड़े राज्यों में वोटिंग उम्मीद से काफी कम रही। यूपी में 54.85%, बिहार में 55.08% , महाराष्ट्र में 57.83% , एमपी में 57.88 % वोटिंग हुई। सबसे अधिक वोट त्रिपुरा, मणिपुर, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में पड़े। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में सात मई को वोटिंग है। इसमें 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 95 सीट पर मतदान होगा, जिसके लिए 1351 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।

जब 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को तीसरे, चौथे, पांचवे, छठे और सातवें चरण का मतदान होगा तो इस दौरान देश के अधिकतर हिस्सों में गर्मी के साथ लू का असर दिखाई देगा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान लगभग 72% निर्वाचन क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 35°C या इससे अधिक हो सकता है। विशेष रूप से, 59 सीटों पर 40-42 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान का सामना करना पड़ सकता है। जबकि 194 सीटों पर 37.5-से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान देखा जा सकता है। लेकिन इस गर्मी के बीच क्षेत्रीय दलों के नेता काफी तेजी से अपने इलाके के मतदाताओं पर पकड़ बना रहे हैं और उन सवालों को उठा रहे हैं जिनसे देश का किसान, मजदूर और नौजवान चिंतित है। इसलिए उनके प्रति आम जनता की अपेक्षाएं बढ़ी हैं इसलिए विपक्षी गठबंधन के नेताओं की रैलियों में भारी भीड़ आ रही है। जबकि भाजपा की रैलियों का रंग उसके मुकाबले फीका नजर या रहा है।

हालांकि रैली में आने वाली भीड़ जीत का पैमाना नहीं होती इसलिए कुछ कहा नहीं जा सकता। हर दल का अपना एक समर्पित काडर होता है। जबकि आज काडर के नाम पर ज्यादातर दलों के पास सत्ता के छत्ते से चिपकी रहने वाली मधुमक्खी ही ज्यादा नजर या रहीं है ये वो लोग हैं जिन्हें सत्ता की दलाली करने के अवसरों की तलाश होती है। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ जिसके पास काडर है कार्यकर्ता हैं वो भी खामोश नजर आ रहा है। बहरहाल लगातार कम होते मतदान ने नेताओं की धुकधुकी बढ़ा रखी है। सत्ता पक्ष मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए परेशान है तो विपक्ष कम प्रतिशत को अपने पक्ष में मानकर मुंगेरीलाल के सपने बुनने में मगन है।

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