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ग्रामीण डाक सेवकों के लिए भारी खुशखबरी, मंत्रिमंडल से पुनरीक्षित वेतन को मिली मंंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ग्रामीण डाक सेवकों (जीडीएस) के वेतन और भत्ते के पुनरीक्षण को मंजूरी प्रदान की। ग्रामीण डाक सेवकों के पुनरीक्षित वेतन व भत्तों पर वर्ष 2018-19 में अनुमानित 1,257.75 करोड़ रुपए खर्च होंगे और इससे 3.07 लाख ग्रामीण डाक सेवकों को लाभ मिलेगा।
मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी मीडिया को देते हुए दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि टीआरसीए की संरचना और स्लैब को तर्कसंगत बनाया गया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण डाक सेवकों को शाखा डाकपाल और सहायक शाखा डाकपाल की दो श्रेणियों में बांटा गया है। साथ ही, एक नया जोखिम व विपत्ति भत्ता शामिल किया गया है।
समय से संबंधित नियमित्ता भत्ता (टीआरसीए) ढांचा और स्लैब को युक्ति संगत बनाया गया है। कुल जीडीएस को इन दो श्रेणियों के तहत लाया गया है – ब्रांच पोस्ट मास्टर (बीपीएम) और ब्रांच पोस्टर से इतर जैसे असिस्टेंट ब्रांच पोस्ट मास्टर (एबीपीएम)। मौजूदा 11 टीआरसीए स्लैब को केवल तीन स्लैबों के तहत लाया गया है जिनमें बीपीएम एवं बीपीएम के इतर कर्मियों के लिए एक-एक स्तर होंगे।
समय से संबंधित नियमित्ता भत्ते (टीआरसीए) के रूपरेखा इस प्रकार होगी:-
ब्रांच पोस्ट मास्टर को चार घंटे/स्तर 1 के लिए न्यूनतम टीआरसीए 12,000 रुपए व पांच घंटे/स्तर 2 के लिए न्यूनतम टीआरसीए 14,500 रुपए तय की गई है। ब्रांच पोस्ट से इतर जैसे असिस्टेंट ब्रांच पोस्ट मास्टर (एबीपीएम) को चार घंटे/स्तर 1 के लिए न्यूनतम टीआरसीए 10,000 रुपए व पांच घंटे/स्तर 2 के लिए न्यूनतम टीआरसीए 12,000 रुपए तय की गई है।
महंगाई भत्ते का भुगतान अलग से जारी रहेगा और केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए उसमें समय-समय पर बदलाव होता रहेगा। नई योजना के तहत 7000 रुपए की सीमा तक टीआरसीए+डीए की गणना के साथ अनुग्रह बोनस जारी रखने का निर्णय लिया गया है। 01.01.2016 से संशोधित वेतनमान के लागू होने की तिथि तक की अवधि के लिए एरियर की गणना 2.57 गुणक के साथ बढ़े हुए बेसिक टीआरसीए के अनुसार की जाएगी। एरियर का भुगतान एकमुश्त किया जाएगा।
वार्षिक बढ़ोतरी 3 फीसदी की दर से होगी और वह हर साल पहली जनवरी अथवा पहली जुलाई को दी जा सकती है जो जीडीएस के लिखित आग्रह पर आधारित होगी। एक नया जोखिम एवं कठिनाई भत्ता को भी लागू किया गया है। अन्य भत्ते जैसे कार्यालय रख-रखाव भत्ता एकीकृत ड्यूटी भत्ता, नकदी लाने-ले जाने का शुल्क, साइकिल रख-रखाव भत्ता, नाव भत्ता और निर्धारित स्टेशनरी शुल्क में संशोधन किया गया है।
कार्यान्वयन रणनीति एवं लक्ष्य:- ग्रामीण डाक सेवकों के वेतन भत्तों में संशोधन किए जाने से ग्रामीण क्षेत्रों में कुशल एवं सस्ती बुनियादी डाक सुविधाओं को बेहतर करने में मदद मिलेगी। प्रस्तावित वेतन वृद्धि से वे अपनी सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुधारने में समर्थ होंगे।
प्रभाव :- डाकघरों की ग्रामीण शाखा गांवों एवं दूरदराज के क्षेत्रों में संचार एवं वित्तीय सेवाओं का आधार है। ग्राहकों को भुगतान के लिए पोस्ट मास्टर को काफी रकम का हिसाब रखना पड़ता है और इसलिए उनके काम की जिम्मेदारी पहले से ही निर्धारित है। इस वेतन वृद्धि से उनमें जिम्मेदारी का भाव और बढ़ेगा। कुल मिलाकर ग्रामीण आबादी के बीच वित्तीय समावेशीकरण की प्रक्रिया में भारतीय डाक भुगतान बैंक (आईपीपीबी), सीडीएस नेटवर्क की अहम भूमिका होने की उम्मीद है।
भारतीय डाक विभाग में अतिरिक्त विभागीय व्यवस्था की स्थापना 150 वर्ष पहले उन ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी आर्थिक एवं कुशल डाक सेवा मुहैया कराने के लिए की गई थी जहां पूर्णकालिक कर्मचारियों को बहाल करने का कोई औचित्य नहीं था। 1,29,346 अतिरिक्त विभागीय डाक शाखा का संचालन मुख्य तौर पर ग्रामीण डाक सेवक ब्रांच पोस्ट मास्टर के द्वारा किया जा रहा है। साथ ही, ग्रामीण डाक सेवक ब्रांच पोस्ट मास्टर के अलावा शाखा, उप एवं मुख्य डाक घरों में भी काम करते हैं। ग्रामीण डाक सेवकों को बहाल करने की मुख्य विशेषता यह है कि वे तीन से पांच घंटे प्रतिदिन अंशकालिक कार्य करते हैं और इससे प्राप्त आय उनके मुख्य आय का पूरक है जो उनके लिए अपने परिवार का भरण पोषण करने का एक पर्याप्त साधन है। वे 65 वर्ष की आयु तक सेवा में बने रह सकेंगे।
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भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव
एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।
उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।
उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।
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