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मुस्लिम धर्मगुरु इलियासी ने मोहन भागवत को बताया राष्ट्रपिता और राष्ट्र ऋषि

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत ने आज बृहस्पतिवार को कस्तूरबा गांधी मार्ग वाली मस्जिद पहुंचकर चीफ़ इमाम डा. उमेर अहमद इलियासी सहित कई मुस्लिम धर्मगुरुओं और बुद्धिजीवियों से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद मुस्लिम धर्मगुरु डा. उमेर अहमद इलियासी ने मोहन भागवत को राष्ट्रपिता और राष्ट्र ऋषि बताया है। इलियासी ने कहा कि भागवत इमाम हाउस आए थे, उनका स्वागत किया गया। देश को सौहार्द के साथ तरक्की के रास्ते पर ले जाने को लेकर करीब एक घंटे बातचीत हुई।

मुस्लिम और ईसाइयों से संवाद बढ़ाने की कोशिश

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत की मुस्लिम धर्मगुरुओं और बुद्धिजीवियों से मुलाकातें और संवाद अनायास नहीं हैं। यह संघ की उस अहम रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वह मुस्लिम और ईसाइयों से संवाद बढ़ाने पर जोर दे रहा है, ताकि धर्म आधारित गलतफमियों, दूरियों और संवादहीनता को दूर कर राष्ट्र निर्माण में उनकी व्यापक सहभागिता सुनिश्चित की जा सके।

साथ ही संगठन की पहचान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत किया जा सके। संघ का यह प्रयास खुद के उस सोच के दायरे में है, जिसमें वह हिंदुस्तान में रहने वाले सभी लोगों को ‘हिंदू’ मानता है।

मुस्लिम धर्मगुरुओं से मिले संघ प्रमुख

इस नीति को मूर्त रूप देने के लिए संगठन के भीतर चार सदस्यीय समिति बनाई गई है और इसका दायित्व सह सरकार्यवाह डा कृष्ण गोपाल व डा मनमोहन वैद्य के साथ ही अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल व वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार को दिया गया है।

संघ की ओर से यह कोशिश ऐसे वक्त में हो रही है, जब विपक्षी दलों के राष्ट्रीय नेता उसपर सर्वाधिक आक्रामक हैं और आरोप लगाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। इससे बेफ्रिक वह अपने प्रयासों में जुटा हुआ है। हाल के दिनों में इस तरह की बैठकें और मुस्लिम धर्मगुरुओं और बुद्धिजीवियों की संघ प्रमुख से मुलाकातें बढ़ी हैं।

विशेष बात यह है कि संघ का यह अभिनव प्रयास उसके शताब्दी वर्ष 2024 तक संघ कार्य को देश के एक लाख स्थानों तक पहुंचाने के लक्ष्य के बीच भी है। ज्ञात हो कि संघ कार्य अभी देश के 60 हजार के करीब स्थानों पर ही है। ऐसे में संघ का जोर पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों और कश्मीर जैसे राज्य पर भी है, जहां ईसाई व मुस्लिम समुदाय बहुसंख्य हैं।

देशहित में सभी समुदायों को साथ लाने की पहल

आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि अखिल भारतीय इमाम संगठन के मुख्य इमाम इलियासी साहब ने मोहन भागवत को कई दिन पहले आमंत्रित किया था। इसलिए RSS चीफ ने उनसे मुलाकात की। आरएसएस के सरसंघचालक हर वर्ग के लोगों से मिलते हैं। यह सामान्य संवाद प्रक्रिया का हिस्सा है।

संघ को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम

संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी व मामले के जानकार ने कहा कि संगठन का काम जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, वैसे ही दूसरे संप्रदाय से भी लोग आ रहे हैं और संघ को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम को दूर करने के लिए उसे करीब से जानने की कोशिश कर रहे हैं।

इन संप्रदायों में भी ऐसे राष्ट्रीय सोच के लोग हैं, जो अपनी पूजा पद्धति और आस्था पर रहते हुए देशहित में साथ आकर काम करना चाहते हैं, इसलिए इस तरह की व्यवस्था की जरूरत महसूस हुई।

उन्होंने कहा कि अभी तक इसके अच्छे अनुभव सामने आ रहे हैं, हालांकि परिणाम निकलने में कुछ वक्त लगेगा। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) से अलग व्यवस्था है, क्योंकि वह मुस्लिमों के द्वारा मुस्लिम समुदाय के लिए संगठन है।

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जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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