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इस घटना के बाद आरएसएस पर लग गया था प्रतिबंध, जानकर रह जाएंगे दंग!

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नई दिल्ली। राष्ट्र स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) देश के सबसे पुराने सांस्कृतिक संगठनों में से एक है। आज संघ से जुड़ी एक ऐसी बात हम आपको बताने जा रहे हैं जो बहुत कम ही लोग जानते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि देश के सबसे बड़े सांस्कृतिक संगठन (आरएसएस) पर प्रतिबंध भी लग चुका है।

30 जनवरी, 1948 को नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की उस वक्त हत्या कर दी थी, जब वे दिल्ली के बिड़ला भवन में प्रार्थना सभा के बाद लोगों से मिल रहे थे। महात्मा गांधी की हत्या के बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई थी। तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई ने गांधी की हत्या के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को जिम्मेदार मानते हुए फरवरी, 1948 को उस पर प्रतिबंध लगा दिया।

4 फरवरी, 1948 को केंद्र सरकार के गृह विभाग द्वारा आरएसएस पर प्रतिबंध लगाते हुए विज्ञप्ति जारी की गई। विज्ञप्ति में लिखा था, ‘भारत सरकार देश में सक्रिय नफरत और हिंसा की ताकतें, जो देश की आजादी को संकट में डालने और उसके नाम को काला करने का काम कर रही हैं, उन्हें जड़ से उखाड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। इस नीति के अनुसरण में भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को गैरकानूनी घोषित करने का निर्णय लिया है।’

सितंबर, 1948 में संध के तत्कालीन सरसंचालक माधव सदाशिव गोलवरकर ने सरदार पटेल को चिट्ठी लिखकर संघ पर से प्रतिबंध हटाने की मांग की। जिसके जवाब में गोलवरकर के संघ के एक सांस्कृतिक संगठन और राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहने के लिखित आश्वासन के बाद 11 जुलाई 1949 को संघ से प्रतिबंध हटाया गया।

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जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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