प्रादेशिक
कुशाग्र वर्मा ने दी संघ प्रमुख मोहन भागवत को जन्मदिन की शुभकामनाएं, बोले- आप ऐसे ही हिंदू समाज का मार्गदर्शन करते रहें
लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत का आज जन्मदिन है। आज वो 70 साल के हो गए हैं। इस खास मौके पर उन्हें जन्मदिन की बधाइयां देने वालों का तांता लगा हुआ है। कुशाग्र वर्मा महानगर उपाध्यक्ष (सक्षम) ने भी आदरणीय मोहन भागवत को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं दी है।
कुशाग्र वर्मा ने कहा कि मैं आदरणीय श्री मोहनभागवत जी को जन्मदिवस की अनंत शुभकामनायें देता हूं। एक मार्गदर्शक के रूप में आपका मार्गदर्शन राष्ट्र नवनिर्माण के लिए प्रेरणादायी है। मैं आपके स्वस्थ,सुखद और चिरायु जीवन की कामना करता हूँ। साथ ही मैं ये कामना करता हूं कि वे हिन्दू समाज का ऐसे ही मार्गदर्शन करते रहें।
मोहन भागवत का पूरा नाम मोहनराव मधुकरराव भागवत है। उनका जन्म 11 सितम्बर 1950 को महाराष्ट्र के चन्द्रपुर जिले में हुआ था। उनका परिवार कई पीढ़ियों से संघ से जुड़ा हुआ था। उनके पिता मधुकरराव भागवत चन्द्रपुर क्षेत्र के प्रमुख थे, जिन्होंने गुजरात के प्रान्त प्रचारक के रूप में कार्य किया था। कहा जाता है कि मधुकरराव ने ही लाल कृष्ण आडवाणी का संघ से परिचय कराया था। मोहन भागवत तीन भाई और एक बहन चारों में सबसे बड़े हैं।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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