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मुख्य समाचार

आ गया है आम का सीज़न, जानिए गर्मी में इसे खाने के फायदे

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गर्मी अपने पीक पर है और बाजार में आम नजर आने लगे हैं. आम ना केवल स्‍वाद में बेहतरीन होता है, ये हमारी सेहत को दुरुस्त रखने में भी मदद करता है. वेबएमडी के मुताबिक, आम में भरपूर मात्रा में विटामिन, मिनरल्‍स, एंटीऑक्‍सीडेंट पाए जाते हैं जो हमारे शरीर को सेहतमंद रखने के लिए जरूरी तत्‍व हैं. आम ब्‍लड क्‍लॉटिंग की समस्‍या को दूर करता है और एनीमिया की समस्‍या से हमें बचाता है.

Mangoes are fifty per cent cheaper than last year - 9Kitchen

यही नहीं, यह हमारे शरीर के बोन्‍स को भी मजबूत बनाने में मदद करता है. आम में मौजूद विटामिन सी ब्‍लड वेसेल्‍स और कोलेजन के प्रोडक्‍शन को बेहतर करता है जिससे शरीर में किसी तरह की समस्‍या को जल्‍द से जल्‍द हील करने में आसानी होती है. तो आइए जानते हैं कि गर्मी के मौसम में हमें आम खाने से और क्‍या क्‍या फायदे मिल सकते हैं.

Can mangoes protect heart and gut health?

हार्ट की समस्‍या को रखे दूर

Mangoes 101: Nutrition, Benefits, Types, and More | Everyday Health

आम के सेवन से कार्डियोवेस्‍कुलर सिस्‍टम बेहतर तरीके से काम करता है. इसमें मौजूद मैग्‍नेशियम और पोटैशियम ब्‍लड प्रेशर को बेहतर करता है और पल्‍स रेट को नॉर्मल रखने में मदद करता है जिससे हार्ट की समस्‍याएं दूर रहती हैं.

डायजेशन को रखे ठीक

Mango Health Benefits: Here is how (and why) you should have mangoes every  day | How to Eat Mango

आम में भरपूर मात्रा में डायटरी फाइबर पाया जाता है जो डाइजेशन सिस्‍टम को बेहतर रखता है और गट को क्‍लीन करने में मदद करता है. जिससे कब्‍ज की समस्‍या दूर रहती है और पाचन तंत्र अच्‍छा रहता है.

डायबिटीज को रखे दूर

Here are some of the Mango Memes of all seasons Mangoes and Memes are just  the combination that you need to survive summer heat! | Trending & Viral  News

आम एक कम जीआई स्कोर वाला फल है जिस वजह से इसे डायबिटीज रोगियों के लिए नुकसान देह नहीं माना जाता. यह ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित नहीं करता है और शरीर में एनर्जी देता है.

वजन घटाने में सहायक

Dubai Supermarket is delivering mangoes in Lamborghini, internet is on  fire! – Food & Recipes

आम वजन घटाने के लिए भी अनुकूल माना जाता है क्योंकि इसके सेवन से फैट नहीं बनता और ये कोलेस्ट्रॉल मुक्त होता है. यह घुलनशील फाइबर से भरा होता है जो आपके पेट को लंबे समय तक भरा रखता है जिससे आप कम खाते हैं.

थायरॉइड की स्थिति में करे सुधार

How and when to prune a mango tree – Press Enterprise

आम में पोटेशियम, मैग्नीशियम और विटामिन सी जैसे पोषक तत्व होते हैं जो ब्‍लड प्रेशर को बेहतर बनाने में मदद करता है. आम में मौजूद मैग्नीशियम थायरॉइड से संबंधित समस्याओं  में भी फायदेमंद है.

त्वचा की समस्याओं को करे दूर

Health Benefits of Mangoes | Longevity

आम में मौजूद विटामिन ए त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है जो मुंहासे को दूर करने और एंटी-एजिंग गुण से भरपूर होता है. विटामिन सी कोलेजन उत्पादन को बढ़ावा देता है और इससे स्किन के साथ साथ बाल भी हेल्‍दी रहते हैं.

नेशनल

लोकसभा के शोले और रहीम चाचा की खामोशी

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सच्चिदा नन्द द्विवेदी एडिटर-इन-चीफ

हिन्दी सिनेमा की कालजई फिल्म शोले के रहीम चाचा का किरदार आपको जरूर याद होगा। उनका एक डायलॉग था जिसमें वो कहते है “इतना सन्नाटा क्यूँ है भाई” उस वक्त पूरे रामगढ़ में किसी के पास इसका जवाब नहीं था, कमोवेश ठीक वैसे ही हालात इस वक्त लोकसभा चुनाव में नजर आ रहे हैं। लोकसभा के चुनाव के दो चरण पूरे हो चुके हैं पर पूरे देश में कहीं भी ऐसा नजर नहीं आता कि हम अगले पाँच साल के लिए अपने नुमाइंदे चुनने जा रहे हैं। एक अजीब खामोशी नुमायाँ है। गांव, कस्बों और शहरों तक में होर्डिंग और पोस्टर नजर नहीं आ रहे हैं और न ही कानफोडू लाऊडस्पीकर पर वोट मांगने वालों का शोर सुनाई दे रहा है, चाय की टपरी और पान के खोखों पर जमा होने वाली भीड़ अपने होंठों को सिले हुए है।

एक वक्त था जब हम लोग चाय की टपरी, पान की दुकान और रास्तों के ढाबों से देश का मूड भांप लेते थे। मतदाताओं के मन में क्या चल रहा है इसका अंदाज लगाना आसान था। लेकिन आज स्थिति उलट है इन जगहों पर खड़ा आम आदमी आपसे ही उल्टा पूछ लेता है ‘और क्या चल रहा है’ इंसान-इंसान के बीच अविश्वास की खाई इतनी गहरी हो गई है कि वो पब्लिक प्लेस पर अब राजनीतिक बात करने से गुरेज करने लगा है। वोटर अपने मन की बात जुबान पर नहीं लाना चाहता हैं क्यूंकी अब वो रेडियो पर ‘मोदी जी’ के मन की बात सुन रहा है और अपने मन की बात अपने मन में रखे हुए है। उसे डर है और ये डर मिश्रित चुप्पी स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छा लक्षण नहीं है।

लोकसभा चुनाव के पहले चरण की तरह दूसरे चरण में भी वोटिंग 2019 के मुकाबले कम हुई है। पहले चरण में 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों पर 64 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में उन सीटों पर भी 70 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुआ था। ऐसे ही इस बार दूसरे चरण में 13 राज्यों की 88 लोकसभा सीटों पर करीब 63 फीसदी वोट पड़े। यह 2019 के लोकसभा चुनाव में 70.09% मतदान के मुकाबले काफी कम था। यूपी, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे बड़े राज्यों में वोटिंग उम्मीद से काफी कम रही। यूपी में 54.85%, बिहार में 55.08% , महाराष्ट्र में 57.83% , एमपी में 57.88 % वोटिंग हुई। सबसे अधिक वोट त्रिपुरा, मणिपुर, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में पड़े। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में सात मई को वोटिंग है। इसमें 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 95 सीट पर मतदान होगा, जिसके लिए 1351 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।

जब 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को तीसरे, चौथे, पांचवे, छठे और सातवें चरण का मतदान होगा तो इस दौरान देश के अधिकतर हिस्सों में गर्मी के साथ लू का असर दिखाई देगा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान लगभग 72% निर्वाचन क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 35°C या इससे अधिक हो सकता है। विशेष रूप से, 59 सीटों पर 40-42 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान का सामना करना पड़ सकता है। जबकि 194 सीटों पर 37.5-से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान देखा जा सकता है। लेकिन इस गर्मी के बीच क्षेत्रीय दलों के नेता काफी तेजी से अपने इलाके के मतदाताओं पर पकड़ बना रहे हैं और उन सवालों को उठा रहे हैं जिनसे देश का किसान, मजदूर और नौजवान चिंतित है। इसलिए उनके प्रति आम जनता की अपेक्षाएं बढ़ी हैं इसलिए विपक्षी गठबंधन के नेताओं की रैलियों में भारी भीड़ आ रही है। जबकि भाजपा की रैलियों का रंग उसके मुकाबले फीका नजर या रहा है।

हालांकि रैली में आने वाली भीड़ जीत का पैमाना नहीं होती इसलिए कुछ कहा नहीं जा सकता। हर दल का अपना एक समर्पित काडर होता है। जबकि आज काडर के नाम पर ज्यादातर दलों के पास सत्ता के छत्ते से चिपकी रहने वाली मधुमक्खी ही ज्यादा नजर या रहीं है ये वो लोग हैं जिन्हें सत्ता की दलाली करने के अवसरों की तलाश होती है। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ जिसके पास काडर है कार्यकर्ता हैं वो भी खामोश नजर आ रहा है। बहरहाल लगातार कम होते मतदान ने नेताओं की धुकधुकी बढ़ा रखी है। सत्ता पक्ष मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए परेशान है तो विपक्ष कम प्रतिशत को अपने पक्ष में मानकर मुंगेरीलाल के सपने बुनने में मगन है।

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