मुख्य समाचार
जो श्रीकृष्ण के भक्त हैं वही स्वेच्छाचारी होते हैं
एक उपकार के बदले हम तुमको प्राण दे सकते हैं हनुमान और तुम्हारे तो बहुत सारे आभार हैं हमारे ऊपर, हम तो हमेशा कर्जदार रहेंगे। ये इतनी ब्रह्मा हत्या करने वाले के लिये कह रहे हें? हां-
यत्पादपंकजपरागनिषेवतृपप्ता योगप्रभावविधुताखिलकर्मबन्धाः।
स्वैरं चरन्ति मुनयोऽपि न नहृमानास्तस्येच्छयाऽऽत्तवपुषः कुत एव बन्धः।।
(भाग 10-33-35)
शुकदेव परमहंस ने कहा परीक्षित! कान खोल कर सुन, जो श्रीकृष्ण के भक्त हैं या योग के द्वारा जिन्होंने कर्म बन्धनों को काट डाला है या जो ज्ञान के द्वारा ब्रह्मज्ञानी हो गये हैं, यही स्वेच्छाचारी होते हैं। स्वेच्छाचारी, जो चाहे करे, करने का फल नहीं मिलेगा। जैसे कमल के पत्ते पर जल रहता है। ऐसे ही उनको पाप नहीं छू सकता, पुण्य नहीं छू सकता। किसी कर्म का फल नहीं मिलता, भगवान् की बात तो बहुत दूर की है-
तस्य कर्तारमपि मां विद्धयकर्तारमव्ययम्।।
(गीता 4-13)
अर्जुन! मैंने इतने सारे कर्म किये हैं सृष्टि किया सर्वव्यापक हुआ, जीव के अन्दर बैठा, उसके कर्मों का हिसाब किया, फल दिया, अवतार लिया, सब कुछ करता हूँ मैं, लेकिन वेद कहता है-
अनन्श्चात्मा विश्वरूपो हृाकर्ता।
(श्वेता 1-9)
जो ब्रह्म है वो कुछ नहीं करता-
अनश्नन्नन्यो अभिचाकशीति।।
(श्वेता 4-6)
वेद कह रहा है, वो खाली देखता रहता है, नोट करता है, कर्म कुठ नहीं करता। सब कुछ करते हुये कुछ नहीं करता। तो भगवान् को कोई नहीं जान सकता। ये तो साधारण बुद्धि से भी समझा जा सकता है-
राम स्वरूव तुम्हार वचन अगोचर बुद्धि पर।
अविगत अकथ अपार नेति नित निगत वद।।
राम अतर्क्य बुद्धि मन बानी। मत हमारा अस सुनहु सयानी।
गो गोचर जहँ लगि मन जाई। सो सब माया जानेहु भाई।।
इन्द्रिय, मन, बुद्धि वहाँ नहीं जा सकते। लेकिन वो अगर अपनी कृपा से इन्द्रिय, मन, बुद्धि दिव्य, दिव्य, दिव्य दे दें, तो अनन्त जीवों ने जाना है, देखा है, पाया है। ‘मैं’ और ‘मेरा’ इस प्रश्न को हल किया है। इसके लिये भक्ति ही एकमात्र मार्ग है और इसी विषय में सूत जी ने उत्तर दिया था-
स वै पुंसां परो धर्मो यतो भक्तिरधोक्षजे।
अहैतुक्यप्रतिहता ययाऽऽत्मा सम्प्रसीदति।।
(भाग. 1-2-6)
श्रीकृष्ण की भक्ति हो और निष्काम हो, ये शर्त है। अहैतुकी हो। शेष फिर।
।। लाड़ली लाल की जय।।
नेशनल
दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी
नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।
वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।
स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।
नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”
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