जुर्म
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जहांगीरपुरी हिंसा मामला, 21 की हुई गिरफ्तारी
दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। कोर्ट में याचिका दायर कर हिंसा की जांच के लिए कमेटी गठित करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता की ओर से अपील की गई है कि हिंसा की जांच के लिए मौजूदा जज की अध्यक्षता में कमेटी गठित कराई जाए और पूरी जांच कमेटी की ही निगरानी में कराई जाए।
वकील अमृतपाल सिंह खालसा ने अपनी याचिका में कहा कि इसी अदालत ने 2020 में दंगे रोकने में विफल रहने पर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई थी। पुलिस की छवि कमजोर हुई है और लोगों का उस पर विश्वास कम हुआ है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस की अब तक की जांच पक्षपाती और दंगों की तैयारी करने वालों को सीधे तौर पर बचाने वाली रही है। वकील ने कहा कि ऐसा दूसरी बार है जब राजधानी में दंगे हुए हैं। इस बार भी केवल अल्पसंख्यकों को ही निशाना बनाया जाएगा।
अब तक 21 लोगों की हुई गिरफ्तारी
जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जन्मोत्सव पर शनिवार शाम शोभायात्रा पर पथराव के बाद भड़की हिंसा मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी अंसार समेत 21 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके अलावा 2 नाबालिग भी पकड़े गए हैं। करीब 21 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ एवं आरएएफ की पांच अतिरिक्त कंपनियां तैनात कर दी हैं। पुलिस ने रविवार को 14 आरोपियों को अदालत में पेश किया, जहां से 12 को जेल भेज दिया, जबकि अंसार और गोली चलाने का आरोपी असलम पुलिस कस्टडी में है। इलाके में फिलहाल तनावपूर्ण शांति का माहौल है। गृह मंत्रालय ने एहतियात के तौर पर सीआरपीएफ और आरएएफ की पांच और कंपनियां भेजी हैं। दिल्ली पुलिस ने पूरे मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी है।
इन लोगों की हुई गिरफ्तारी
पुलिस ने जहांगीरपुरी निवासी जाहिद (22), अंसार (35), शहजाद (33), सलीम उर्फ चिकना (36), मुख्तियार अली (28), आमिर (22), अकसर (26), नूर आलम (28), मोहम्मद असलम (22),जाकिर (22), अकरम (22), इम्तियाज (29), मोहम्मद अल (27), आहिर (35), मोहम्मद अली सेख (22), शेख सौरभ (42), सुकेन के पुत्र सूरज (21) व नीरज (19), सुकेन (45), सुरेश (43) व सुजीत सरकार (28) को गिरफ्तार किया है। दो नाबालिगों को भी पकड़ा गया है। गिरफ्तार आरोपियों में से चार एक ही परिवार के हैं। पुलिस ने असलम व एक आरोपी को पिस्टल समेत दबोचा है। सभी आरोपी जहांगीरपुरी के अलग-अलग ब्लॉक के रहने वाले हैं। आरोपियों के खिलाफ बलवा करने, सरकारी काम में बाधा, ड्यूटी के दौरान हमला, मारपीट, आगजनी, जानलेवा हमला, आपराधिक षड्यंत्र और ऑर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया गया है।
अमन कमेटियों से चल रही बात
उत्तर-पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त उषा रंगनानी ने बताया कि हिंसा के दौरान पुलिस के आठ जवानों समेत नौ लोग जख्मी हुए थे। इनमें एक एसआई के हाथ में गोली लगी थी। रविवार को कुछ नए वीडियो सामने आए, जिनके आधार पर छानबीन की जा रही है। अमन कमेटियों से बात कर माहौल को शांत करने की कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त दीपेंद्र पाठक (स्पेशल सीपी लॉ एंड ऑर्डर) रविवार को दिनभर मौके पर डटे रहे। उन्होंने बताया कि इलाके में पूरी तरह से शांति है और बलवा करने वालों की तलाश की जा रही है। पुलिस ने 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और वीडियो को कब्जे में लिया है। इन्हीं वीडियो के आधार पर गिरफ्तारियां की गईं हैं।
उत्तर प्रदेश
मेरी पत्नी से शिक्षक का था अफेयर, इसलिए मार डाला; वकील के कबूलनामे से आया नया ट्विस्ट
कानपुर। उप्र के कानपुर के पनकी के पतरसा में शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार वकील संजीव कुमार के बयान ने पेंच फंसा दिया है। वकील ने जो बयान दिया, उसके मुताबिक शिक्षक के उसकी पत्नी से अवैध संबंध थे। चूंकि शिक्षक वर्तमान में कानपुर देहात में ही रह रहा था।
इसके चलते पत्नी भी कानपुर देहात स्थित मायके में ही थी। इसलिए उसने रविवार को दयाराम को बुलाकर अकेले ही बंद कमरे में जिंदा जलाकर मार डाला। वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि भाभी के संबंध ढाबा संचालक से थे। विरोध करने पर भाभी ने प्रेमी और वकील के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी।
मृतक दयाराम के छोटे भाई अनुज ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि भाई दयाराम ने अपने मोबाइल फोन से उन्हें कॉल करके बताया था कि संजीव, पवन और संगीता ने उन्हें कमरे में बंद करके आग लगा दी है और भाग गए हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जब वकील संजीव को उठाकर पूछताछ शुरू की तो कहानी में नया मोड़ आ गया।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव ने बताया कि दयाराम जिस कॉलेज में पढ़ाता था, उसी में संजीव का साला शिक्षक है। दोनों में गहरी दोस्ती थी। दयाराम का संजीव के साले के घर में भी आना-जाना था। संजीव को दयाराम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध का शक था।
संजीव के अनुसार, पत्नी को कई बार घर लाने की कोशिश की, लेकिन वो राजी नहीं हुई। पत्नी से संबंधों को लेकर बातचीत के लिए दयाराम को घर बुलाया। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि, पुलिस को अन्य हत्यारोपियों की घटनास्थल के आसपास लोकेशन भी नहीं मिली है। दोनों कहानियों की तह तक जाने के लिए पुलिस अब सक्ष्यों की मदद ले रही है।
संजीव कई बार बुला चुका था दयाराम को
अनुज ने बताया कि संजीव कई बार दयाराम को फोन करके उसकी पत्नी से समझौता कराने की बात कहकर बुला चुका था। परिवार वालों की राय के बाद वे समझौते के लिए गए थे, वहां सभी ने मिलकर उनके भाई की हत्या कर दी।
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