बिजनेस
HDFC BANK ने लॉन्च किया डिजिटल डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म, उपयोग में है सुरक्षित व आसान
मुंबई। एचडीएफसी बैंक, भारत का प्रमुख प्राइवेट सेक्टर बैंक ने एक नया डिजिटल डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म (डीडीपी)-‘एचडीएफसी बैंक स्मार्ट साथी’ लॉन्च किया है। ये एक ऐसा अत्याधुनिक बैंकिंग सॉल्यूशन है जो कि काफी मजबूत और डिजिटल फार्मेट पर बनाया गया है।
यह प्लेटफॉर्म अपने सभी उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित और उपयोग में आसान अनुभव प्रदान करता है। नया लॉन्च किया गया प्लेटफॉर्म एचडीएफसी बैंक के ग्राहकों की तेजी से बदलती जरूरतों को पूरा करने वाले इनोवेटिव सॉल्यूशंस प्रदान करने की दिशा में एक नई और बड़ी उपलब्धि है।
यह प्लेटफॉर्म बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट्स (बीसी) और बिजनेस फैसिलिटेटर्स (बीएफ) को बैंक से जोडऩे के लिए एडवांस्ड टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस का उपयोग करेगा। बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट्स और बिजनेस फैसिलिटेटर्स का यह नेटवर्क बैंकिंग उत्पादों और सर्विसेज को दूर-दराज के क्षेत्रों तक वित्तीय समावेशन (फाइनेंशियल इनक्लूजन) को प्रोत्साहित करेगा।
इस प्लेटफॉर्म को डेवलप करने के लिए एचडीएफसी बैंक के सेमि-अर्बन और रूरल (अर्ध-शहर और ग्रामीण) इकोसिस्टम से प्राप्त अनुभव और इनसाइट्स का उपयोग किया गया है।
वित्तीय सेवा विभाग के सचिव विवेक जोशी और स्मिता भगत, ग्रुप हेड गवर्नमेंट एंड इंस्टीट्यूशनल बिजनेस, वैकल्पिक बैंकिंग चैनल और भागीदारी, समावेशी बैंकिंग समूह और स्टार्ट-अप, एचडीएफसी द्वारा दिल्ली में ‘एचडीएफसी बैंक स्मार्ट साथी’ का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर वित्तीय सेवा विभाग के संयुक्त सचिव श्री मुकेश बंसल और एचडीएफसी बैंक के वरिष्ठ अधिकारी दिनेश लूथरा और अजय शर्मा भी उपस्थित थे।
विवेक जोशी, सचिव, वित्तीय सेवा विभाग ने कहा, “इस तरह के डिजिटल प्लेटफॉर्म कैशलेस अर्थव्यवस्था और सच्चे डिजिटल वित्तीय समावेशन के भारत के दृष्टिकोण को पूरा करने में योगदान देंगे। एचडीएफसी बैंक स्मार्ट साथी बैंकिंग उत्पादों और सेवाओं को उपलब्ध कराने में योगदान देगा, विशेष रूप से ग्रामीण ग्राहकों के लिए ऋण, जो हमारे देश के विकास में मदद करेगा।
हालांकि, कैशलेस भारत को बड़ी सफलता बनाने के लिए मंडियों में लेन-देन करने वाले किसानों जैसे कुछ ग्राहक वर्गों में अभी भी व्यवहारिक परिवर्तन आवश्यक हैं। बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट इस व्यवहार परिवर्तन को लाने में मदद करेंगे।”
सुश्री स्मिता भगत, समूह प्रमुख, सरकार और संस्थागत व्यवसाय, वैकल्पिक बैंकिंग चैनल और भागीदारी, समावेशी बैंकिंग समूह और स्टार्ट-अप, एचडीएफसी बैंक ने कहा, “अगले 12 से 18 महीनों में हमारी शाखाओं और एजेंट नेटवर्क के संयोजन के माध्यम से दो लाख गांवों तक पहुंचने की योजना है।
इस प्लेटफॉर्म का शुभारंभ इस उद्देश्य को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ग्रामीण भारत की समृद्धि, जहां हमारे लगभग 70 प्रतिशत लोग रहते हैं, 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण को साकार करने का अभिन्न अंग है।”
व्यापार प्रतिनिधियों ने परंपरागत रूप से मुख्य रूप से खाते खोलने और लेनदेन पर ध्यान केंद्रित किया है। एचडीएफसी बैंक स्मार्ट साथी, एक प्रमुख अंतर के रूप में, अपने एजेंटों को ऋण उत्पादों सहित 40 से अधिक बैंकिंग उत्पादों और सेवाओं की पेशकश करने में सक्षम करेगा।
यह एजेंटों के लिए आय बढ़ाने में मदद करेगा और ग्राहकों को आसान क्रेडिट तक पहुंचने में भी मदद करेगा। यह प्लेटफॉर्म एजेंटों के लिए क्षमता निर्माण और ग्राहकों के लिए वित्तीय साक्षरता को भी बढ़ावा देगा।
बिजनेस
Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो
नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।
व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।
तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।
व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।
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