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HDFC BANK ने मनाया इंटरनेशनल फ्रॉड अवेयरनेस वीक 2022 

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मुंबई।  HDFC BANK ने आज लोगों के बीच बैंकिंग की सुरक्षित आदतों को बढ़ावा देने और साईबर फ्रॉड हमलों के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए अनेक अभियान प्रस्तुत कर इंटरनेशनल फ्रॉड अवेयरनेस वीक 2022 मनाया। बैंक नागरिकों को डिजिटल विनिमय करते हुए सुरक्षित बैंकिंग की आदतों को अपनाने का संकल्प लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, और उनसे आग्रह कर रहा है कि वो गोपनीय बैंकिंग जानकारी (जैसे पासवर्ड, पिन, ओटीपी आदि) किसी के साथ भी साझा न करें।

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नागरिकों से टैक्स्ट या व्हाट्सऐप मैसेजेस द्वारा भेजे गए असत्यापित लिंक्स पर क्लिक न करने के लिए भी कहा जा रहा है। उन्हें हैल्पलाईन/कस्टमर केयर नंबर पाने के लिए केवल आधिकारिक वेबसाईट्स पर ही विज़िट करना चाहिए और किसी भी अनधिकृत लेन-देन की सूचना 1930 पर कॉल करके बैंक और नेशनल साईबर क्राईम हैल्पलाईन को देनी चाहिए।

एचडीएफसी बैंक ने हर माह के पहले बुधवार को ‘साईबर जागरुकता दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है, और यह सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग विधियों के विभिन्न पहलुओं को शामिल करते हुए अपने ब्रांच बैंकिंग स्टाफ के लिए कार्यशालाओं का आयोजन कर रहा है। यह अभियान रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया की एक एडवाईज़री के बाद शुरू किया गया है और बैंक के हाल ही में लॉन्च किए गए विजिल ऑन्टी अभियान को मजबूत करता है।

इन कार्यशालाओं द्वारा बैंक विस्तृत विकल्पों जैसे साईबर फ्रॉड्स के काम करने के तरीके, अनधिकृत विनिमय को पहचानने और रिपोर्ट करने की प्रक्रिया आदि के बारे में जागरुकता बढ़ाएगा।

एचडीएफसी बैंक के चीफ क्रेडिट ऑफिसर, जिमी टाटा ने कहा, ‘‘हम अंतर्राष्ट्रीय फ्रॉड अवेयरनेस वीक 2022 मनाते हुए अनेक अभियानों का आयोजन कर रहे हैं, जिनका उद्देश्य सुरक्षित बैंकिंग की विधियों के बारे में उपभोक्ताओं की जागरुकता बढ़ाना और उन्हें शिक्षित करना है। सुरक्षित बैंकिंग की विधियां हर नागरिक के जीवन में शामिल होनी चाहिए। जिस प्रकार हमें जीवित रहने के लिए साँस की जरूरत होती है, उसी प्रकार हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि हम डिजिटल विनिमय करते हुए सुरक्षित बैंकिंग के नियमों का कड़ाई से पालन करें।

साईबर फ्रॉड के हमलों से लड़ने के लिए एचडीएफसी बैंक ने अनेक कदम उठाए हैं, लेकिन यह एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है, क्योंकि जालसाज आपके पैसे चुराने के लगातार नए तरीके तलाशते रहते हैं। इसलिए हम लोगों के बीच सुरक्षित बैंकिंग की आदतों का विकास करने के लिए जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन करते रहेंगे।’’

कार्यशालाओं के अलावा बैंक ने अपने सभी कर्मचारियों के लिए एक अनिवार्य ई-लर्निंग साईबर सिक्योरिटी कोर्स, ‘फ्रॉड नॉलेज सीरीज़’ शुरू की है। बैंक ने हाल ही में विजिल ऑन्टी अभियान लॉन्च किया है, जिसने प्रिंट, डिजिटल, और सोशल मीडिया द्वारा लाखों भारतीयों के बीच सुरक्षित बैंकिंग की आदतों के बारे में जागरुकता बढ़ाने में मदद की है।

चंद्राकर भारती, आईएएस, एडिशनल सेक्रेटरी, मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स, भारत सरकार ने कहा, ‘‘ग्राहकों को शिक्षित करना बैंक की जिम्मेदारी है ताकि वो साईबर फ्रॉड हमलों से खुद की सुरक्षा कर सकें। साईबर अपराधी बैंक खातों से पैसे चुराने के लिए बहुत चालाकी से सोशल इंजीनियरिंग जैसे हथकंडों का इस्तेमाल करते हैं।

इसलिए ऑनलाईन विनिमय करते हुए जागरुक व सतर्क बने रहना बहुत आवश्यक हो गया है। मुझे खुशी है कि एचडीएफसी बैंक ने जागरुकता बढ़ाने और लोगों को इन आसान आदतों के बारे में जानकारी देने की पहल की है, ताकि वो साईबर फ्रॉड के हमलों से खुद की सुरक्षा कर सकें।’’

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Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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