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जुर्म

भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को चार महीने जेल की सजा, 2 हजार का जुर्माना भी

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नई दिल्ली।  सुप्रीम कोर्ट ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ अवमानना के मामले में चार महीने की कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने माल्या पर 2 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। माल्या के खिलाफ यह कार्रवाई साल 2017 के केस में की गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, माल्या के बार-बार गैर हाजिर रहने से कोर्ट काफी नाराज था। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि अगर समय पर जुर्माना राशि जमा नहीं की गई, तो माल्या को दो और महीने की कैद भुगतनी होगी। जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एस रविंद्र भट्ट और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने यह फैसला सुनाया है।

अदालत ने मामले में अपना फैसला 10 मार्च को सुरक्षित रख लिया था और टिप्पणी की थी कि माल्या के खिलाफ सुनवाई में अब कोई प्रगति नहीं हो सकती। माल्या को अवमानना के लिए 2017 में दोषी ठहराया गया था।

शीर्ष अदालत ने 2017 के फैसले पर पुनर्विचार के लिए माल्या की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका 2020 में खारिज कर दी थी। माल्या मार्च 2016 से ब्रिटेन में रह रहे हैं। 18 अप्रैल 2017 को स्कॉटलैंड यार्ड ने प्रत्यर्पण वारंट पर उन्हें जमानत दी थी।

क्या था मामला

आदेश का उल्लंघन करते हुए अपने बच्चों को 40 मिलियन डॉलर भेजने के बारे में कोर्ट से जानकारी छिपाने के चलते साल 2017 में शीर्ष न्यायालय ने माल्या को अवमानना का दोषी पाया था। इस दौरान कोर्ट ने माल्या को चार हफ्तों में ब्याज के साथ 40 मिलियन डॉलर चुकाने के आदेश दिए हैं। साथ ही अगर माल्या ऐसा करने में असफल रहे, तो उनकी संपत्तियों को अटैच किया जाएगा।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम की तरफ से याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि माल्या ने ब्रिटिश कंपनी Diageo से प्राप्त 40 मिलियन डॉलर को अपने बच्चों को कथित तौर पर ट्रांसफर किए थे, जो न्यायिक आदेशों का उल्लंघन था। कोर्ट ने याचिका के आधार पर ही साल 2017 में फैसला सुनाया था।

उत्तर प्रदेश

मेरी पत्नी से शिक्षक का था अफेयर, इसलिए मार डाला; वकील के कबूलनामे से आया नया ट्विस्ट

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कानपुर। उप्र के कानपुर के पनकी के पतरसा में शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार वकील संजीव कुमार के बयान ने पेंच फंसा दिया है। वकील ने जो बयान दिया, उसके मुताबिक शिक्षक के उसकी पत्नी से अवैध संबंध थे। चूंकि शिक्षक वर्तमान में कानपुर देहात में ही रह रहा था।

इसके चलते पत्नी भी कानपुर देहात स्थित मायके में ही थी। इसलिए उसने रविवार को दयाराम को बुलाकर अकेले ही बंद कमरे में जिंदा जलाकर मार डाला। वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि भाभी के संबंध ढाबा संचालक से थे। विरोध करने पर भाभी ने प्रेमी और वकील के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी।

मृतक दयाराम के छोटे भाई अनुज ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि भाई दयाराम ने अपने मोबाइल फोन से उन्हें कॉल करके बताया था कि संजीव, पवन और संगीता ने उन्हें कमरे में बंद करके आग लगा दी है और भाग गए हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जब वकील संजीव को उठाकर पूछताछ शुरू की तो कहानी में नया मोड़ आ गया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव ने बताया कि दयाराम जिस कॉलेज में पढ़ाता था, उसी में संजीव का साला शिक्षक है। दोनों में गहरी दोस्ती थी। दयाराम का संजीव के साले के घर में भी आना-जाना था। संजीव को दयाराम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध का शक था।

संजीव के अनुसार, पत्नी को कई बार घर लाने की कोशिश की, लेकिन वो राजी नहीं हुई। पत्नी से संबंधों को लेकर बातचीत के लिए दयाराम को घर बुलाया। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि, पुलिस को अन्य हत्यारोपियों की घटनास्थल के आसपास लोकेशन भी नहीं मिली है। दोनों कहानियों की तह तक जाने के लिए पुलिस अब सक्ष्यों की मदद ले रही है।

संजीव कई बार बुला चुका था दयाराम को

अनुज ने बताया कि संजीव कई बार दयाराम को फोन करके उसकी पत्नी से समझौता कराने की बात कहकर बुला चुका था। परिवार वालों की राय के बाद वे समझौते के लिए गए थे, वहां सभी ने मिलकर उनके भाई की हत्या कर दी।

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