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खुशखबरी : अब मुफ्त बनेगा किसान क्रेडिट कार्ड, 4 फीसदी पर 3 लाख का लोन

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केंद्र सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। खेती-किसानी के लिए केवल 4 प्रतिशत ब्याज दर पर पैसा देने के लिए जो किसान क्रेडिट कार्ड बनता है, उसे बनवाने के लिए लगने वाली सारी प्रोसेसिंग फीस, इंस्पेक्शन और लेजर फोलियो चार्ज को अब खत्म कर दिया जा रहा है।

यदि किसी बैंक द्वारा अब किसी किसान से ये चार्ज वसूला जाता है तो उस पर कार्रवाई की जा सकती है। इसमें 3 लाख रुपए तक का लोन दिया जाता है। पहले बिना गारंटी के 1 लाख का लोन मिलता था जिसे बढ़ाकर अब 1.60 लाख रुपए कर दिया गया।

जाने किसान क्रेडिट कार्ड के बारे में

यदि आपके पास खेती करने के लिए ज़मीन है तो अपनी जमीन को बिना गिरवी रखे बिना लोन लिया जा सकता है। इसकी सीमा एक लाख रुपए थी। अब आरबीआई ने बिना गारंटी वाले कृषि लोन की सीमा 1.60 लाख  रुपए कर दी है।

पशुपालन और मछलीपालन वाले किसानों को भी अब केसीसी के माध्यम से 2 लाख रुपए प्रति किसान की सीमा तक 4 प्रतिशत की ब्याज दर पर लाभ दिया जाएगा, जिससे किसानों को साहूकारों से छुटकारा मिल जाए।

इस समय देश में 7,02,93,075 किसानों के पास केसीसी है। केसीसी के अंतर्गत ज्यादा से ज्यादा संख्या में किसानों को लाने के लिए सरकार ने बैंकों के सहयोग से किसानों के केसीसी बनाने के एक अभियान की शुरूआत की है। इसमें आवेदन सरल किया गया है और फार्म मिलने की तारीख से 14 दिनों के भीतर केसीसी जारी करने का आदेश शामिल है।

जानिए आखिर कैसे 4 प्रतिशत की दर से मिलता है कृषि लोन

खेती-किसानी के लिए ब्याजदर वैसे तो 9 प्रतिशत है। लेकिन सरकार इसमें 2 प्रतिशत सब्सिडी देती है. इस प्रकार यह 7 प्रतिशत पड़ता है। लेकिन समय पर लौटा देने पर 3 प्रतिशत और छूट मिल जाती है।

इस तरह इसकी दर ईमानदार किसानों के लिए सिर्फ 4 फीसदी रह जाती है। कोई भी साहूकार इतनी सस्ती दर पर किसी को कर्ज नहीं दे सकता। इसलिए यदि आपको खेती-किसानी के लिए लोन लेना है तो बैंक जाएं और किसान क्रेडिट कार्ड बनवाइए। इसके जरिए आप 3 लाख रुपए तक का लोन आसानी से ले सकते हैं।

नेशनल

इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति ने वापस लिया नामांकन, बीजेपी में होंगे शामिल

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इंदौर। लोकसभा चुनाव से पहले ही इंदौर से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। अक्षय कांति के इस फैसले फैसले से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कलेक्टर कार्यालय में जाकर बीजेपी के उम्मीदवार शंकर लालवानी के सामने उन्होंने अपना पर्चा वापस लिया। इस दौरान बीजेपी के नेता रमेश मेंदोला भी साथ थे। इसके बाद में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और विधायक मेंदोला के साथ भाजपा कार्यालय के लिए रवाना हो गए। माना जा रहा है कि बम भाजपा की सदस्‍यता लेंगे।

इंदौर कैलाश विजयवर्गीय का गढ़ माना जाता है। विजयवर्गीय इंदौर 1 से विधायक हैं। उन्होंने एक्स पर अक्षय कांति बम की तस्वीर के साथ लिखा, ”इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम जी का माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के नेतृत्व में बीजेपी में स्वागत है।”

इसके बाद इंदौर सीट पर अब भाजपा के लिए मैदान लगभग साफ हो गया है, उसके सामने निर्दलीय और अन्य दलों के अलावा कोई प्रत्याशी नहीं बचा। नामांकन वापस लेने के बाद अक्षय कांति बम ने कहा कि जब से उन्होंने नामांकन जमा किया था, तब से ही कांग्रेस की ओर से उन्हें कोई सपोर्ट नहीं मिल रहा था। हालांकि, राजनीतिक गलियारों में यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि फॉर्म भरने के बाद से ही कांग्रेस अक्षय कांति पर दबाव बना रही थी।

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