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प्रादेशिक

सीएम योगी बोले, पहले की सरकारों के एजेंडे में किसान, गरीब और युवाओं का विकास नहीं था

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भदोही। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि पहले की सरकारों के एजेंडे में किसान और गरीब का विकास नहीं था। योगी ने कहा कि सरकार यूपी के सभी जिलों के विकास के लिए काम कर रही है। इसी सोच के तहत प्रदेश सरकार कार्य कर रही है। जबकि विकास के बारे में पूर्व की सरकारों की सोच एकांगी और सीमित थी।

योगी ने कहा कि उनके एजेंडे में किसान, गरीब और युवाओं का विकास तो था ही नहीं। इसलिए किसानों को पहले एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) नहीं मिला, गरीबों को मकान और रसोई गैस का कनेक्शन नहीं दिया। शौचालयों का निर्माण नहीं कराया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश 1947 में आजाद हुआ था। तब से लेकर 2014 तक की सरकारों के एजेंडे में जाति थी, परिवार था, क्षेत्र था। मत और मजहब के आधार पर सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करने का एजेंडा था। इसीलिए किसानों को सम्मान निधि नहीं दी गई, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं दिया गया। ये लोग भारत को मजबूत नहीं, बल्कि मजबूर बनाए रखना चाहते थे।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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