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आर्थिक सर्वेक्षण 2015-16 : मुख्य बिंदु
नई दिल्ली| केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को आर्थिक सर्वेक्षण 2015-16 संसद पटल पर रखे। इसके प्रमुख बिंदु निम्न प्रकार हैं : – अगले दो-तीन साल में विकास दर आठ फीसदी से अधिक।
– भारतीय अर्थव्यवस्था स्थिरता, गिरावट से उबरने और उम्मीदों का स्तंभ और आगामी वित्तवर्ष में विकास दर 7-7.75 फीसदी रहने की संभावना।
– चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल में भारत 2016 में सबसे तेज विकास विकास दर वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बन सकता है।
– भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक सुस्ती को झेलने में सक्षम, बहुपक्षीय संस्थानों की भारत के प्रति सकारात्मक धारणा।
– 2015-16 में 3.9 फीसदी वित्तीय घाटा का लक्ष्य पूरा होने की उम्मीद।
– आगामी वर्ष वित्तीय दृष्टि से चुनौतीपूर्ण रहने की संभावना।
– चालू खाता घाटा अप्रैल-सितंबर 2015-16 में जीडीपी का 1.4 फीसदी।
– जीएसटी आधुनिक वैश्विक कराधान के इतिहास में अभूतपूर्व सुधारात्मक कदम।
– भारतीय शेयर बाजार में गिरावट से उबरने की क्षमता दूसरे उभरते बाजारों के शेयर बाजारों से अधिक।
– सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों से अवसंरचना क्षेत्र में सुधार में मदद मिलेगी।
– मुक्त व्यापार समझौते के कारण आयात-निर्यात में वृद्धि।
– व्यापार घाटा अप्रैल-जनवरी 2015-16 में घटकर 106.8 अरब डॉलर, जो एक साल पहले समान अवधि में 119.6 अरब डॉलर था।
– विदेशी पूंजी भंडार पांच फरवरी, 2016 को 351.5 अरब डॉलर।
– सेवा क्षेत्र आर्थिक विकास का प्रमुख इंजन बरकरार। 2015-16 में करीब 66.1 फीसदी योगदान।
– 2015-16 के प्रथम सात महीने में सेवा क्षेत्र में एफडीआई 74.7 फीसदी बढ़कर 14.8 अरब डॉलर रहा।
– जलवायु परिवर्तन पहल के लिए 2015 भारत के लिए महत्वपूर्ण वर्ष।
– दूध उत्पादन में भारत अग्रणी। वैश्विक उत्पादन में 18.5 फीसदी योगदान।
– भारतीय दूध उत्पादन में 6.26 फीसदी वृद्धि, जबकि वैश्विक वृद्धि दर 3.1 फीसदी।
– देश में प्रति व्यक्ति दैनिक दूध उपलब्धता 1990-91 के 176 ग्राम से बढ़कर 2014-15 में 322 ग्राम।
– अंडे और मछली का उत्पादन भी बढ़ा।
– 2015-16 की तीसरी तिमाही में मछली उत्पादन बढ़कर अनुमानित 47.9 करोड़ टन रहा।
– बिजली क्षेत्र में गत दो साल में उल्लेखनीय प्रगति। रिकार्ड उत्पादन क्षमता बढ़ी। बिजली के एक बाजार की तरफ प्रगति। डिस्कॉम सुधार। नवीकरणीय ऊर्जा का विकास।
– मेक इन इंडिया को गति देने के लिए ओपन एक्सेस के जरिए उद्योग के लिए अतिरिक्त उत्पादन का अवशोषण करने के लिए मुफीद समय।
– विकासशील किराया संरचना से गरीबों के लिए लागत घटेगी और अमीरों पर भी बोझ नहीं बढ़ेगा।
– किसानों के लिए टिकाऊ जीविका और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कृषि क्षेत्र में सुधार जरूरी।
– ऊर्वरक सब्सिडी में डीबीटी लागू हो।
– कृषि उत्पादन में बागवानी का 33 फीसदी से अधिक उत्पादन।
– गत एक दशक में बागवानी क्षेत्र में सालाना करीब 2.7 फीसदी वृद्धि और सालाना उत्पादन में सात फीसदी वृद्धि।
– 2012-13 के बाद से बागवानी उत्पादन वृद्धि दर अनाज उत्पादन वृद्धि दर से अधिक।
– मौजूदा कृषि परिस्थिति में खाद्य सुरक्षा के लिए भारत को आपूर्ति पर ध्यान देना होगा, जो समयबद्ध, बाधा रहित और गरीबों के लिए वहनीय हो।
– 57 फीसदी परिवारों की कैलोरी खपत रोजाना प्रति उपभोक्ता 2,160 किलोकैलोरी से कम।
– औसत प्रोटीन खपत प्रति व्यक्ति प्रति दिन बढ़ा।
– भारत दूसरा सर्वाधिक कुपोषित लोगों वाला देश, तत्काल इस पर ध्यान देने की जरूरत।
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जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा
नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।
संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।
जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।
संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।
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