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अन्तर्राष्ट्रीय

चीन पांगोंग लेक पर तेज़ी से बना रहा पुल, सेटेलाइट इमेज से हुआ खुलासा

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भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में गतिरोध कम होता नहीं दिख रहा है। पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो के पास चीन द्वारा बनाए जा रहे एक नए पुल को लेकर दो देशों के बीच तनाव फिर से बढ़ रहा है। ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस एनालिस्ट डेमियन साइमन ने हाल ही में उस क्षेत्र के सैटेलाइट इमेज साझा किया है, जिसमें पैंगोंग त्सो लेक के दो किनारों को जोड़ने वाली एक पुल जैसी संरचना दिखी है।

रिपोर्टर्स के मुताबिक अब तक 400 मीटर का काम किया जा चुका है। जिस स्पीड से पुल का काम पूरा किया जा रहा है, आने वाले कुछ महीने में इसका निर्माण पूरा हो जाएगा। भारी बर्फबारी और खराब मौसम के बावजूद भी चीन इस पुल को पूरा करने में जुटा हुआ है। एक्सपर्ट्स की मानें तो इस पुल के बनने से चीन को इस क्षेत्र में सामरिक बढ़त हासिल हो जाएगी।

चीन का पीछे हटने से इनकार?

रिपोर्ट्स के मुताबिक झील के उत्तरी इलाके में रुतोग तक पहुंचने के लिए चीन यह पुल बना रहा है। इस पुल के बन जाने से रुतोग तक पहुंचने के लिए चीन को 200 किलोमीटर का चक्कर नहीं लगाना होगा। रुतोग तक पहुंचने में करीब 150 किलोमीटर कम हो जाएगा। स्वीडन के उप्साला यूनिवर्सिटी में पीस एंड कंफ्लिक्ट रिसर्च डिपार्टमेंट के प्रमुख प्रोफेसर अशोक स्वैन ने कहा कि यह साफ संकेत है कि चीन का उस क्षेत्रों से हटने की कोई प्लान नहीं है।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान ने IMF के आगे फिर फैलाए हाथ, की नए लोन की डिमांड

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आईएमएफ के सामने एक बार फिर भीख का कटोरा आगे कर दिया है। पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात कर उनसे नए ऋण कार्यक्रम पर चर्चा की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा कि पीएम शहबाज की मुलाकात रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर हुई।

रियाद में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक बैठक से इतर शरीफ ने तीन अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था (एसबीए) हासिल करने में पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक जॉर्जीवा का शुक्रिया अदा किया। पाकिस्तान ने पिछले साल जून में तीन अरब अमेरिकी डॉलर का आईएमएफ कार्यक्रम हासिल किया था। पाकिस्तान मौजूदा एसबीए के इस महीने समाप्त होने के बाद एक नई दीर्घकालिक विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) की मांग कर रहा है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के नुसार, “दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के लिए एक अन्य आईएमएफ कार्यक्रम पर भी चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले वर्ष से हासिल लाभ समेकित हो और आर्थिक वृद्धि सकारात्मक बनी रही।’’ शरीफ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए कार्यक्रम पर कर्मचारी स्तर का समझौता हासिल कर सकता है। यदि पाकिस्तान को यह मदद मिल गई तो उसको आईएमएफ की ओर से यह 24वीं सहायता होगी।

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