Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

चीन को मिला भारत-नेपाल से बड़ा झटका, दोनों देशों के रिश्तों में आया सुधार

Published

on

Loading

नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की भारत यात्रा से दोनों देशों के संबंधों में आई कड़वाहट दूर हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देशों के बीच शनिवार को हुई बैठक पुराने संबंधों में नई गर्मजोशी लाएगी। जिस प्रकार से दोनों देशों के बीच कई नई शुरूआत हुई है, उसने नेपाल पर चीन की पकड़ और कमजोर होगी तथा भारत-नेपाल रिश्ते प्रगाढ़ होंगे।

नेपाल में पिछली कम्युनिस्ट सरकार के दौरान रिश्तों में तल्खी की वजह नेपाल का सीमा पर कुछ स्थानों जैसे लिपुलेख, कालापानी आदि को लेकर बढ़ा-चढ़ाकर दावा करना और उनके नक्शे जारी करना था। तब इसके पीछे यही समझा गया कि कम्युनिस्ट सरकार चीन के इशारे पर खेल रही है क्योंकि जिस प्रकार से मुद्दों का राजनीतिकरण किया गया वह बेहद चौंकाने वाला था। लेकिन शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत-नेपाल के बीच खुली सीमा है तथा इससे जुड़े विवादों का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। नेपाल के प्रधानमंत्री भी इससे सहमत दिखे हैं। वह भी बातचीत के जरिये मामलों के समाधान को लेकर राजी हुए हैं।

साफ दिख रहा बदलाव

मौजूदा सरकार के कार्यकाल में नेपाल के रुख में पहले से ही बदलाव साफ दिख रहा है। लेकिन असल दिक्कत यह है कि देउबा सरकार भी कई कम्युनिस्ट गुटों के समर्थन पर टिकी है, इसलिए एकदम से यह मुद्दा किनारे हो जाएगा, ऐसा तो नहीं लगता। लेकिन फिर भी उम्मीद है कि तय मैकेनिज्म के जरिये इसे आने वाले दिनों में सुलझाया जाएगा। यह भी तय है कि अब यह मुद्दा पहले जैसा राजनीतिक रुख अख्तियार नहीं करेगा। जिस प्रकार ओली सराकर ने इस मुद्दे को हवा दी उसके बाद ही भारत और नेपाल की अधिसंख्य जनता को इसके बारे में पता चला। बैठक के दौरान भारत ने उन्हें यह भी समझाया कि जिस प्रकार भारत-बांग्लादेश के बीच तमाम सीमा विवाद सुलझा लिये गये हैं, वैसे ही भारत-नेपाल के बीच के विवाद भी सुलझ सकते हैं।

चीन के लिए बड़ा झटका

नेपाल में भारत के रुपे कार्ड की लांचिंग भी चीन के लिए बड़ा झटका है। चीन वहां अपना अली पे ऐप को चलाना चाह रहा था जो भीम यूपीआई जैसा ऐप है। आरोप लगे थे कि इस ऐप से टैक्स चोरी बढ़ रही है। इस मामले में भारत की कूटनीति काम आई और रुपे को वहां लॉन्च कर दिया गया है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि नेपाल की अर्थव्यवस्था के डिजिटल होने में रुपे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

नेपाल मामले में चीन के चल रहे बुरे दिन

विदेश मामलों के जानकारों की मानें तो नेपाल के मामले में चीन के दिन पहले से ही बुरे चल रहे हैं। अमेरिका-नेपाल के बीच पांच साल से लटके मिलेनियम कारपोरेशन चैलेंज (एमसीसी) समझौते को हाल में नेपाल की संसद ने चीन के न चाहते हुए भी मंजूरी दी है। अमेरिका ने जब द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की चेतावनी दी तो देउबा सरकार ने इसे मंजूरी दिलाई।

इस समझौते के तहत अमेरिका से नेपाल को 50 करोड़ डॉलर की राशि विकास कार्यों के लिए मिलनी है, जबकि चीन नहीं चाहता था कि अमेरिका वहां निवेश करे। यह कदम भी नेपाल में चीन के लिए बड़ा झटका है। इसके अलावा बहुत दिनों से रुकी रेल सेवा के शुरू होने और अन्य समझौतों से भी भारत-नेपाल के बीच पुराने संबंधों को नये आयाम मिलने की संभावना है।

अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका के साउथ कैरोलिना में बड़ा सड़क हादसा, गुजरात की तीन महिलाओं की मौत

Published

on

Loading

नई दिल्ली। अमेरिकी राज्य साउथ कैरोलिना में एक घातक कार दुर्घटना में गुजरात के आणंद की रहने वाली तीन महिलाओं की जान चली गई। मृतकों की पहचान रेखाबेन पटेल, संगीताबेन पटेल और मनीषाबेन पटेल के रूप में हुई है।

यह दुर्घटना अटलांटा से ग्रीन वैली साउथ कैरोलिना जाते समय हुई। कार डिवाइडर से टकराकर 20 फीट ऊपर उछली और सड़क के दूसरी तरफ पेड़ों के बीच जाकर गिरी। यह हादसा अमेरिकी समयानुसार शुक्रवार सुबह 11 बजे हुआ।

हादसे में तीन महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कार चला रही महिला को गंभीर चोटें लगी हैं और वह अस्पताल में भर्ती है। हादसे के तुरंत बाद अपातकालीन सेवाओं की टीम और साउथ कैरोलीना हाइवे पेट्रोल टीम, स्थानीय अग्निशमन दल और रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंचीं और सभी को गाड़ी से बाहर निकाला। कार चला रही महिला को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया।

तीनों महिलाएं एक-दूसरे की रिश्तेदार हैं। इनके पति आपस में भाई हैं। पूरा परिवार 1985 में अमेरिका में बस गया था। तीनों जॉर्जिया की रहने वाली थीं। वाहन की पहचान करने वाले सिस्टम ने पहले ही पटेल परिवार को चेतावनी दी थी।

Continue Reading

Trending