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अन्तर्राष्ट्रीय

कैमरन ने ‘ब्रेग्जिट’ पर फिर चेताया

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कैमरन ने 'ब्रेग्जिट' पर फिर चेताया

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कैमरन ने 'ब्रेग्जिट' पर फिर चेताया

लंदन| ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने यूरोपीय संघ (ईयू) से देश के बाहर होने को लेकर 23 जून को प्रस्तावित जनमत संग्रह पर एक बार फिर चेतावनी देते हुए इसका समर्थन करने वालों के दावों को झूठा करार दिया और उनकी आलोचना की। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, कैमरन ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन बुलाकर लाखों ब्रिटेन वासियों से जनमत संग्रह में वोट डालने की अपील करते हुए कहा कि वे देश के यूरोपीय संघ में बने रहने के उनके निर्णय का समर्थन करें।

वहीं, ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर होने की वकालत करने वाले संगठन ‘वोट लीव’ ने कैमरन के इस हमले का जवाब देते हुए कहा कि वह जनमत संग्रह को लेकर डरे हुए हैं।

मंगलवार को जारी एक एक हालिया सर्वेक्षण के मुताबिक, मार्केट रिसर्च कंपनी आईसीएम ने कहा कि 48 फीसदी लोग यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के पक्ष में हैं, जबकि 43 फीसदी लोग यूरोपीय संघ में बने रहने के पक्ष में हैं।

कैमरन ने कहा कि उन्होंने रिपोर्ट राष्ट्रीय टेलीविजन पर देखने के बाद संवाददाता सम्मेलन बुलाने का निर्णय लिया।

उन्होंने ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर होने को लेकर अभियान चलाने वालों पर देशवासियों को गलत जानकारी देने का आरोप लगाया।

वहीं, ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने का अभियान चलाने वालों के प्रवक्ता ने समाचारपत्र ‘डेली मेल’ को बताया, “अगर आप लीव यानी ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के पक्ष में वोट करते हैं, तो यूरोपीय संघ के कानून की सर्वोच्चता समाप्त होगी और ब्रिटेन का अपनी सीमाओं, लोकतंत्र तथा अर्थव्यवस्था पर अपना नियंत्रण होगा।”

उधर, ब्रिटेन के यूरोपीय संघ में बने रहने यानी ‘रीमेन’ के पक्ष में अभियान चलाने वालों का कहना है, “ब्रिटेन को यूरोपीय संघ से बाहर निकालने के पक्ष में अभियान चलाने वाले हमें यह नहीं बता सकते कि यदि हम उनके पक्ष में वोट करते हैं, तो क्या होगा। उन्होंने हर बार माना है कि ‘उन्हें नहीं पता’। यूरोप से अलग होने का मतलब अंधेरे में छलांग लगाना होगा, जिससे हमारी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा और कीमतों में उछाल आएगा व नौकरियों में कटौती होगी।”

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पाकिस्तान ने IMF के आगे फिर फैलाए हाथ, की नए लोन की डिमांड

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आईएमएफ के सामने एक बार फिर भीख का कटोरा आगे कर दिया है। पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात कर उनसे नए ऋण कार्यक्रम पर चर्चा की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा कि पीएम शहबाज की मुलाकात रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर हुई।

रियाद में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक बैठक से इतर शरीफ ने तीन अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था (एसबीए) हासिल करने में पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक जॉर्जीवा का शुक्रिया अदा किया। पाकिस्तान ने पिछले साल जून में तीन अरब अमेरिकी डॉलर का आईएमएफ कार्यक्रम हासिल किया था। पाकिस्तान मौजूदा एसबीए के इस महीने समाप्त होने के बाद एक नई दीर्घकालिक विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) की मांग कर रहा है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के नुसार, “दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के लिए एक अन्य आईएमएफ कार्यक्रम पर भी चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले वर्ष से हासिल लाभ समेकित हो और आर्थिक वृद्धि सकारात्मक बनी रही।’’ शरीफ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए कार्यक्रम पर कर्मचारी स्तर का समझौता हासिल कर सकता है। यदि पाकिस्तान को यह मदद मिल गई तो उसको आईएमएफ की ओर से यह 24वीं सहायता होगी।

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