आध्यात्म
पीएम मोदी ने देशवासियों को ट्वीट कर दी महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं
नई दिल्ली। महाशिवरात्रि के पर्व पर पीएम नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को शुभकामाएं दी हैं। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा की देशवासियों को महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर ढेरों शुभकामनाएं हर-हर महादेव’।
बता दें कि आज सुबह से ही पूरे देश में आज महाशिवरात्रि की धूम है। भोले बाबा का जलाभिषेक करने के लिए सभी मंदिरों में भारी भीड़ है। महाशिवरात्रि का व्रत करने से भक्तों के सभी पाप धुल जाते हैं। शिव की महारात्रि का यह पर्व माघ महीने की कृष्ण पक्ष के 13वें या 14वें दिन मनाया जाता है। इस दिन भक्त भोले बाबा को भांग, धतूरा, बेलपत्र के साथ जल चढ़ाते हैं। महाशिवरात्रि पर मंत्रों के जाप से साक्षात भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है।
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन को शिव और शक्ति के मिलन के प्रतीक के तौर पर देखा जाता है। इस दिन भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती की भी पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। आज दूध, दही, शक्कर, घी, शहद- इन पांच चीजों से अलग-अलग शिवजी का अभिषेक करें और 5 फल भगवान शिव को जरूर अर्पण करें।
आध्यात्म
आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी
नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।
पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है
रामनवमी का इतिहास-
महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।
नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।
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