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नेशनल

डॉक्टरों से बात करते हुए पीएम मोदी हुए भावुक, कही ये बात

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नई दिल्ली। अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के डॉक्टरों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संवाद किया। बातचीत के दौरान पीएम मोदी भावुक हो गए। पीएम ने कहा कि कोविड के खिलाफ जारी इस लड़ाई में हमने कई अपनों को खो दिया है।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मैं काशी का एक सेवक होने के नाते हर एक काशीवासी का धन्यवाद देता हूं। विशेष रूप से हमारे डॉक्टर्स, नर्सेस और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों ने जो काम किया, वो सराहनीय है। इस वायरस ने हमारे कई अपनों को हमसे छीना है, मैं उन सभी लोगों को अपनी श्रद्धांजलि देता हूं, उनके परिजनों के प्रति सांत्वना व्यक्त करता हूं।

इससे पहले पीएम मोदी ने गुरुवार को अपने ट्विटर अकाउंट पर जानकारी देते हुए कहा था, “कल 21 मई को सुबह 11 बजे, डॉक्टरों और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत करेंगे, जो काशी में COVID-19 को रोकने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।”

एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार पीएम मोदी शहर में कोरोनावायरस बीमारी (कोविड -19) की स्थिति का भी जायजा लेंगे और पंडित राजन मिश्रा कोविड अस्पताल सहित विभिन्न कोविड -19 अस्पतालों के कामकाज की समीक्षा करेंगे, जिसे हाल ही में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के संयुक्त प्रयासों के माध्यम से शुरू किया गया था। वह वाराणसी के गैर-कोविड-19 अस्पतालों की स्थिति का भी आकलन करेंगे।

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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