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भोजपुरी को संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिए उठी आवाज़

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भोजपुरी को संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिए उठी आवाज़

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भोजपुरी को संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिए उठी आवाज़
नई दिल्ली: भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग एक बार फिर बहुत जोर-शोर से उठाई गई है। अवसर था इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में भोजपुरी समाज दिल्ली द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस के अवसर पर आयोजित भोजपुरी हमार माँ – मनन, मंथन और मंतव्‍य विषयक विचार गोष्‍ठी का।
सांसद अर्जुन मेघवाल, मनोज तिवारी, पूर्व सांसद संजय निरूपम एवं महाबल मिश्रा, विधायक आदर्श शास्त्री की उपस्थिति में सम्पन्न इस कार्यक्रम में भोजपुरी की संवैधानिक मान्‍यता के मुद्दे पर बातें हुईं तथा सरकार से इस मुद्दे पर जल्द से जल्द अपेक्षित कार्रवाई की जाने की मांग की गई।
अतिथियों द्वारा इस अवसर पर भोजपुरी समाज दिल्ली के अध्यक्ष अजीत दुबे द्वारा लिखित पुस्तक “तलाश भोजपुरी भाषायी अस्मिता की” के संशोधित संस्करण का विमोचन भी किया गया। भोजपुरी समाज दिल्ली के अध्यक्ष अजीत दुबे ने अपने संबोधन में संवैधानिक मान्यता से अब तक वंचित भोजपुरी भाषा के गौरवशाली अतीत व इसके अंतरराष्‍ट्रीय स्वरुप की चर्चा करते हुए केंद्र सरकार सेभोजपुरी को जल्द से जल्द संवैधानिक मान्यता प्रदान करने की मांग की तथा आशा व्यक्त की कि वर्तमान सरकार जो कि भारतीय भाषाओं की पक्षधर है, भोजपुरी को संवैधानिक मान्यता जरूर प्रदान करेगी । साथ ही उन्होंने दिल्ली सरकार से यह निवेदन किया कि वह भोजपुरी को संवैधानिक मान्यता प्रदान करने संबंधी प्रस्ताव पास करके केंद्र सरकार से इसे संवैधानिक मान्यता प्रदान करने का आग्रह करे ।
सांसद अर्जुन मेघवाल ने राजस्थानी, भोजपुरी तथा भोटी भाषाओं की संवैधानिक मान्यता के लिए किए जा रहे सामूहिक प्रयासों का विवरण देते हुए बताया कि प्रयास जारी हैं और 100 सांसदों ने इस बारे में प्रधानमंत्री को ज्ञापन दिया है तथा सरकार का रूख सकारात्‍मक है।  इन भाषाओं को संवैधानिक मान्यता  से बहुत दिन तक वंचित नहीं रखा जा सकता ।
सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि आज न कल भोजपुरी संविधान की आठवीं अनुसूची में अवश्‍य शामिल   होगी। गृहमंत्री भी इसके पक्ष में हैं । पूर्व सांसद संजय निरूपम और महाबल मिश्र ने भी भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने के संबंध में अपने द्वारा किए गए प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा कि इस मुद्दे पर हम लोग भी पूरी तरह से भोजपुरिया लोगों के साथ हैं । विधायक आदर्श शास्‍त्री ने आश्वासन दिया कि दिल्ली सरकार अगले विधान सभा सत्र में भोजपुरी को संवैधानिक मान्यता देने संबंधी प्रस्‍ताव पारित करेगी और उसे केंद्र सरकार के पास भेजकर केंद्र सरकार से भोजपुरी को संवैधानिक मान्यता देने की मांग करेगी ।
कार्यक्रम का समापन मनोज तिवारी के देशभक्ति गीत से हुआ । कार्यक्रम का संचालन प्रो. संजीव तिवारी ने किया तथा धन्‍यवाद प्रस्‍ताव समाज के वरिष्‍ठ उपाध्‍यक्ष प्रभुनाथ पाण्‍डेय ने दिया । समारोह में भोजपुरी समाज के महामंत्री एल. एस. प्रसाद, उपाध्‍यक्ष अरविन्‍द दुबे, लल्‍लन तिवारी, प्रदीप पाण्‍डेय, संयोजक विनयमणि त्रिपाठी, मंत्री सुभाष सिंह, कार्यालय मंत्री देवकान्‍त पाण्‍डेय, संपादक अरविन्‍द गुप्‍ता आदि सहित अनेक कवि, लेखक, वकील, अध्‍यापक, समाजसेवी, पत्रकार व अन्‍य बुद्धिजीवी उपस्थित थे ।

नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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