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हेल्थ

अस्थमा पीड़ित महिलाओं की प्रजनन क्षमता में कमी

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अस्थमा पीड़ित महिलाओं की प्रजनन क्षमता में कमी

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अस्थमा पीड़ित महिलाओं की प्रजनन क्षमता में कमी

नई दिल्ली| अस्थमा से पीड़ित महिलाओं को गर्भवती होने में अधिक समय लगता है और उनके गर्भवती होने की दर ऐसी महिलाओं से काफी कम होती है, जिन्हें फेफड़े संबंधी रोग नहीं होते। 96 प्रतिशत महिलाओं में अस्पष्ट प्रजनन समस्याएं अस्थमा के कारण होती हैं। नर्चर आईवीएफ सेंटर की स्त्री रोग विशेषज्ञ व प्रसूती विशेषज्ञ डॉ. अर्चना धवन बजाज ने एक अंतरराष्ट्रीय शोध के आधार पर बताया कि अध्ययन के अनुसार बिना अस्थमा वाली करीब 60 प्रतिशत महिलाएं गर्भवती हुईं। यह बात यूरोपीयन रेसीपिरेट्री जनरल में प्रकाशित अध्ययन में कही गई है।

डॉ.अर्चना धवन बजाज कहा कि अस्थमा से पीड़ित महिलाओं को शुरुआत में ही गर्भधारण के बारे में सोचना चाहिए तथा गर्भवती होने से पहले ही अस्थमा का ठीक से उपचार कराना चाहिए। अस्थमा श्वसनतंत्र पर दीर्घकालिक सूजन के कारण हमारे फेफड़ों में हवा के संकुचन के कारण होता है। अस्थमा के आम लक्षणों में सांस न समाना, छाती का कसना और रात में कई बार खांसी आना है। कई बार पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में बहुत अधिक तकलीफ होती है।

महिलाओं में अस्थमा के अधिक गंभीर होने का कारण प्रजनन हार्मोन हैं। जब अस्थमा और महिलाओं की बात आती है, तो मासिक चक्र के कारण सांस लेने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। इसका असर गर्भवती होने और मेनोपॉज पर पड़ता है।

एम्स के पल्मॉनरी व स्लीप ऑर्डर विभाग के प्रमुख डा. रणदीप गुलेरिया कहते हैं, “अस्थमा से पीड़ित महिलाओं को बहुत सावधान रहना चाहिए, क्योंकि पुरुषों की तुलना में वे कई प्रकार के अस्थमा के अटैक से पीड़ित होती हैं। यह बहुमत महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन के कारण है। इसी कारण से महिलाओं में अस्थमा अधिक होता है और मासिक चक्र, गर्भवती होने और मेनोपॉज के दौरान सांस लेने की क्षमता पर असर पड़ सकता है। लेकिन अस्थमा से पीड़ित महिलाएं गर्भवती होकर नॉर्मल डिलीवरी कर सकती हैं। ”

अस्थमा के लिए इन्हेलेशन थैरेपी को दुनिया में सबसे अच्छा उपचार माना गया है। अमेरिका और ब्रिटेन जैसे विकसित देशों में भी अस्थमा के लिए इन्हेलेशन थैरेपी को एकीकृत रूप से अपनाया है। यह थैरेपी स्तनपान कराने वालीं महिलाओं के लिए बहुत सुरक्षित और उपयोग में आसान है।

लाइफ स्टाइल

तेजी से बढ़ रही है दिल की बीमारियों के चलते मौत, करें ये उपाय

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Death due to heart diseases increasing

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नई दिल्ली। भारत में दिल की बीमारियों के कारण होने वाली मौतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हाई कॉलेस्ट्रॉल, धूम्रपान एवं आनुवंशिक कारणों से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ रही है। दक्षिण-पूर्वी एशियाई आबादी में आनुवंशिक रूप से दिल की बीमारियों की संभावना अधिक होती है। दिल को सुरक्षित रखने के लिए कुछ उपाय हैं, जिसे अपनाकर आप दिल की बीमारियों से दूर रह सकते हैं।

सेहतमंद आहार लें

संतुलित और सेहतमंद आहार का सेवन करने से शरीर को सही पोषण मिलता है। जंक फूड में फैट, नमक और चीनी बहुत अधिक मात्रा में होती है, जो समय के साथ हमारे दिल को बीमार बना देती है। अक्सर लोग बिना सोचे समझे प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं क्योंकि उन्हें यह बहुत आसान लगता है, लेकिन इस तरह का भोजन हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। हमारे आहार में पर्याप्त मात्रा में कैलोरीज, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल और लो सैचुरेटेड फैट होने चाहिए।

गतिहीन जीवनशैली से बचें

बहुत से लोग नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते। आज हममें से लाखों लोग ऐसी नौकरियां करते हैं, जिसके लिए उन्हें घंटों एक ही जगह पर बैठे रहना पड़ता है। व्यायाम की कमी व्यक्ति के लिए बेहद हानिकारक हो सकती है। यह मोटापे को जन्म देती है, जिसके कारण व्यक्ति धीरे धीरे डायबिटीज, हाइपरटेंशन और दिल की बीमारियों का शिकार बन जाता है।

शारीरिक रूप से सक्रिय

व्यायाम दिल को तंदुरुस्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कार्डियो व्यायाम से दिल की पम्प करने की क्षमता बढ़ती है और दिल की मांसपेशियां तंदुरुस्त बन जाती हैं। नियमित व्यायाम करने से रक्तचाप नियन्त्रण में रहता है, शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल कम होते हैं और ब्लड शुगर भी नियन्त्रित रहती है।

तनाव से बचें

तनाव आज हम सभी के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, खासतौर पर ज्यादातर शहरी लोग अपने काम को लेकर तनाव में रहते हैं। जब आपका शरीर तनाव में रहता है, तो इसका असर शरीर के हर अंग पर पड़ता है। तनाव के समय शरीर में एड्रिनलिन हॉर्मोन ज्यादा मात्रा में बनने लगता है, अगर ऐसा नियमित रूप से होने लगे तो दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

अच्छी और गहरी नींद

समय की कमी के कारण बहुत से लोग अपनी नींद को कम कर काम करने लगते हैं। वे अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नींद से समझौता करते हैं जो सेहत के लिए खास तौर पर दिल के लिए खतरनाक है। 7-8 घंटे से कम नींद लेने से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें

धूम्रपान और शराब का सेवन किसी भी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। आजकल विकासशील देशों में धूम्रपान का चलन तेजी से बढ़ रहा है। जो दिल के लिए नुकसानदायक है। यहां तक कि अगर आपके आस-पास कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है तो वह भी आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं। धूम्रपान छोड़ने के लिए परिवार और दोस्तों के सहयोग की जरूरत होती है। इसकी आदत छोड़ने के लिए निकोटीन पैच या ई-सिगरेट का इस्तेमाल किया जा सकता है।

नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच

नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच कराकर आप दिल की बीमारियों के खतरे से बच सकते हैं। क्योंकि ऐसा करने से अगर आपको कोई समस्या है तो समय पर उसका निदान हो जाएगा और समय रहते इलाज शुरू कर बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकेगा। इसलिए नियमित रूप से अपनी जांच करवाते रहें और अपने स्वास्थ्य को मॉनिटर करते रहें।

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डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी एक सूचना मात्र है. अपनाने से पहले सम्बंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.

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