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‘कॉज कनेक्ट’ ने छेड़ी अनूठी मुहिम, समाचार पत्र वितरकों को बांटे मास्क
द्वारकेश बर्मन
नई दिल्ली/लखनऊ। हर सुबह हम अखबार का इंतजार करते हैं लेकिन शायद ही किसी व्यक्ति ने अपने समाचार पत्र वितरक की हेल्थ को लेकर विचार किया होगा। कैसा भी मौसम हो, घरों में अखबार डालने वाले वितरक बिना रुके रोज अपने काम को करने में मशगूल रहते हैं। लेकिन एक शख्सियत ऐसी भी हैं जिन्हें अखबार के साथ वितरक की सेहत का भी ख्याल है। उनका नाम है डॉ. कमल सक्सेना। वह संस्था ‘कॉज कनेक्ट’ की मेंटर हैं।
तीन मई को विश्व अस्थमा दिवस के मौके पर इस खतरनाक बीमारी को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए डॉ. सक्सेना ने एक पोस्टर जारी किया। इसके माध्यम में वह सोशल मीडिया का सहारा लेकर लोगों को बीमारी के प्रति सचेत कर रही हैं। वर्ल्ड अस्थमा डे के अवसर पर उन्होंने घरों में अखबार डालने वाले वितरकों को पॉल्यूशन मास्क भी बांटे।
डॉ. सक्सेना ने कहा कि दिल्ली की हवा सुबह के समय 12 गुना अधिक प्रदूषित होती है। इस माहौल में अखबार डालने वाले ही सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं और सांस की अनेक बीमारियों से ग्रसित हो सकते हैं। ये मास्क उन्हें बीमारी से बचाएंगे।
डॉ. कमल के इस काम की प्रशंसा भूतपूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान राज्यसभा सांसद डा. सीपी ठाकुर ने भी अपने संदेश के माध्यम से की है। उन्होंने डॉ. सक्सेना को बधाई देते हुए भविष्य में भी ऐसे नवीन कार्यों के लिए शुभकामनाएं दीं।
मास्क बांटने के दौरान डॉ. सक्सेना ने समाचार पत्र वितरकों को अस्थमा के प्रति सचेत किया और कुछ सावधानियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि अस्थमा के मरीजों को हर मौसम में अतिरिक्त सुरक्षा की जरूरत होती है। अपने स्वास्थ्य को समझकर अस्थमा या दमा के मरीज भी मौसम का मजा ले सकते हैं। वातावरण में मौजूद नमी अस्थमा के मरीजों को कई प्रकार से प्रभावित करती है।
डॉ सक्सेना के अनुसार बरसात आने के साथ ही अस्थमैटिक्स की मुसीबत बढ़ जाती है। ऐसे में उन्हें नमी वाली जगहों पर नहीं जाना चाहिए। अस्थमा के मरीजों के लिए आहार की कोई बाध्यता नहीं होती, लेकिन अगर उन्हें किसी खास प्रकार के आहार से एलर्जी हो तो उससे परहेज करना चाहिए।
उन्होंने अस्थमा अटैक से बचने के कुछ टिप्स भी दिए। ज्यादा गर्म और नम वातावरण में मोल्ड स्पोर्स के फैलने की सम्भावना अधिक होती है इसलिए ऐसे वातावरण से बचें। आंधी और तूफान के समय घर से बाहर ना निकलें। अस्थमा को नियंत्रित रखें और अपनी दवाएं हमेशा साथ रखें। अगर आपका बच्चा अस्थमैटिक है, तो उसके दोस्तों व अध्यापक को बता दें कि अटैक की स्थिति में क्या करना है। संभव होतो अपने पास स्कार्फ रखें जिससे आप हवा के साथ आने वाले धूल के कणों से बच सकें। घर के अंदर किसी प्रकार का धुआं ना फैलने दें। उन्होंने कहा कि अलग-अलग लोगों में दमा के दौरे के कारण भिन्न हो सकते हैं इसलिए सबसे आवश्यक बात यह है कि आप अपनी स्थितियों को समझें।
उनके साथ मौजूद एसएन मेडिकल कॉलेज के डा जी.बी सिंह ने बताया कि अस्थमा के मरीजों के लिए बरसात से कहीं ज्यादा खतरनाक धूल भरी आंधी होती है। एक बार अपनी स्वास्थ्य स्थितियों को समझने के बाद आपके लिए अस्थमा से बचना आसान हो जाएगा। कुछ सावधानियां बरतकर आप अस्थमा की जटिलता से भी बच सकते हैं और वातावरण के अनुसार खुद को ढाल सकते हैं।
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बाहुबली मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत, बांदा जेल में बिगड़ी थी तबीयत
लखनऊ। बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है। बांदा जेल में मुख्तार को हार्ट अटैक आया था, इसके बाद मुख्तार अंसारी को बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। सूत्रों के मुताबिक जेल से लाते वक्त मुख्तार बेहोश था। मुख्तार अंसारी की हालत गंभीर बनी हुई थी। 9 डॉक्टरों का पैनल मुख्तार अंसारी के लिए तैनात किया गया था। इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई। इस मामले में मेडिकल कॉलेज बांदा के प्रिंसिपल ने चुप्पी साधी हुई है। उधर मुख्तार की मौत के बाद मऊ, बांदा और गाजीपुर में धारा 144 लागू हो गई है। इसके साथ ही यूपी में हाई अलर्ट है और सभी कप्तानों को अलर्ट पर रहने पर कहा गया है।
प्रयागराज में मुख्तार और उनके परिवार का इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस देखने वाले वकील अजय श्रीवास्तव प्रयागराज से बांदा के लिए रवाना हो गए हैं। उनका कहना है कि जेल या प्रशासन की तरफ से अभी तक मुख्तार अंसारी के परिवार को कोई सूचना नहीं दी गई है। हालांकि मुख्तार के बेटे उमर अंसारी भी बांदा के लिए रवाना हो गए हैं।
बता दें कि मुख़्तार अंसारी की तबियत रात में अचानक खराब हो जाने और शोचालय में गिर जाने के कारण उसे तत्काल जेल डॉक्टर ने उपचार दिया गया। इसके बाद जिला प्रशासन को अवगत कराकर डॉक्टर्स की टीम बुलायी गई थी। डॉक्टर्स ने मुख्तार को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था। इसके बाद बंदी मुख्तार अंसारी को पुलिस सुरक्षा में मेडिकल कालेज बांदा में भर्ती करा दिया गया था।
बता दें कि मुख्तार अंसारी को पिछले 18 महीने में 8 मामलो में सजा मिल चुकी थी, उसके खिलाफ अलग-अलग जिलों के थानों में कुल 65 मुकदमे दर्ज थे। पिछले 18 सालों से मुख्तार अंसारी जेल में बंद था। यूपी की बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को हार्ट अटैक आया था जिसके बाद उसे बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था,लेकिन इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई।
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