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लाइफ स्टाइल

अपनी खूबसूरती को न होने दें उम्रदराज

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नई दिल्ली| हर किसी की यह चाहत होती है कि उसकी खूबसूरती ताउम्र बनी रहे, लेकिन समय के साथ सौंदर्य पर उम्र का असर पड़ने लगता है और जब भी शीशे में शरीर पर उम्र ढलने के लक्षण नजर आने लगते हैं, तो चेहरे पर एक अजीब सी चिंता उभर आती है। अब आप अपनी खूबसूरती को इसी तरह बनाएं रख सकते हैं और शरीर के ढलती उम्र के लक्षणों को कम करके खूबसूरत खुशहाल जिंदगी बिता सकते हैं। बढ़ती उम्र के 5 मुख्य लक्षण होते है जिसमें सूखी त्वचा, रंग का नीरस होना, चेहरे पर लकीरें आना व झुर्रियां होना, त्वचा में कसाव कम होना और झाइयां होना शामिल है।

बढ़ती उम्र में त्वचा की कोशिकाओं व उसकी प्रणाली पर समय और पर्यावरणीय कारक मिलकर सबसे ज्यादा प्रभाव डालते है। शरीर की कोशिकाएं रोजाना अपनी ही प्रतिकृतियां बनाती हैं। यह बिल्कुल वैसी ही प्रक्रिया है जिसमें एक अंडे से इंसान की त्वचा, बाल, रक्त कोशिकाएं और कुछ अंदरूनी अंग लगातार विकसित होते रहते हैं।

बढ़ती उम्र में त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए संवृद्धि अवयव की जरूरत होती है यानी त्वचा में खुद ही अपनी मरम्मत करने की क्षमता हो और सप्लीमेंट के माध्यम से मरम्मत करने की इस प्रक्रिया को अधिक बेहतर बनाया जा सके। सप्लीमेंट में वह सभी जरूरी घटक है, जो बढ़ती उम्र के चलते खत्म हो जाते हैं।

विकास के ये कारक यानी कि संवृद्धि अवयव त्वचा पर बहुत ही सकारात्मक तरीके से काम करते हैं और चेहरे की बारीक लकीरों और झुर्रियों को कम करने में मदद करते हैं। ये त्वचा को कसावट, चमक बढ़ाते, धब्बों को हल्का करके त्वचा में नमी प्रदान करते है।

पीएन बहल स्किन इंस्टीटयूट के सलाहकार, कार्यकारी निदेशक व डीवीडी डॉ विकास कपूर कहते हैं, “जब हम बच्चे होते हैं, तो हमेशा चाहते हैं कि जल्दी से बड़े हो जाएं और जब हम 30 की उम्र के पड़ाव पर पहुंचते हैं, तो चाहते है कि उम्र रुक जाए। हम बौद्धिक व परिपक्व होना चाहते हैं, लेकिन ये परिपक्वता अपने चेहरे पर नहीं आने देना चाहते। हालांकि बढ़ती उम्र के लक्षण हमारी त्वचा पर दिखने का कारण प्रदूषण, जीन, उम्र और अन्य कारक होते हैं।”

स्किन अलाइव के निदेशक व त्वचा विशेषज्ञ डॉ चिरंजीव छाबरा कहते हैं, “आज के समय में न सिर्फ महिलाएं, बल्कि पुरुष भी हमेशा युवा और ऊर्जावान दिखना चाहते हैं और यह सब हमारे खानपान और शारीरिक गतिविधियों पर भी निर्भर करता है।”

तो अगर आप अपनी खूबसूरती को हमेशा के लिए कायम रखना चाहते हैं, तो अब संवृद्धि अवयव और कोशिका नवीनीकरण थेरेपी को अपनाएं और उम्रदराज त्वचा को हमेशा के लिए अलविदा कहें।

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तेजी से बढ़ रही है दिल की बीमारियों के चलते मौत, करें ये उपाय

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Death due to heart diseases increasing

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नई दिल्ली। भारत में दिल की बीमारियों के कारण होने वाली मौतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हाई कॉलेस्ट्रॉल, धूम्रपान एवं आनुवंशिक कारणों से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ रही है। दक्षिण-पूर्वी एशियाई आबादी में आनुवंशिक रूप से दिल की बीमारियों की संभावना अधिक होती है। दिल को सुरक्षित रखने के लिए कुछ उपाय हैं, जिसे अपनाकर आप दिल की बीमारियों से दूर रह सकते हैं।

सेहतमंद आहार लें

संतुलित और सेहतमंद आहार का सेवन करने से शरीर को सही पोषण मिलता है। जंक फूड में फैट, नमक और चीनी बहुत अधिक मात्रा में होती है, जो समय के साथ हमारे दिल को बीमार बना देती है। अक्सर लोग बिना सोचे समझे प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं क्योंकि उन्हें यह बहुत आसान लगता है, लेकिन इस तरह का भोजन हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। हमारे आहार में पर्याप्त मात्रा में कैलोरीज, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल और लो सैचुरेटेड फैट होने चाहिए।

गतिहीन जीवनशैली से बचें

बहुत से लोग नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते। आज हममें से लाखों लोग ऐसी नौकरियां करते हैं, जिसके लिए उन्हें घंटों एक ही जगह पर बैठे रहना पड़ता है। व्यायाम की कमी व्यक्ति के लिए बेहद हानिकारक हो सकती है। यह मोटापे को जन्म देती है, जिसके कारण व्यक्ति धीरे धीरे डायबिटीज, हाइपरटेंशन और दिल की बीमारियों का शिकार बन जाता है।

शारीरिक रूप से सक्रिय

व्यायाम दिल को तंदुरुस्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कार्डियो व्यायाम से दिल की पम्प करने की क्षमता बढ़ती है और दिल की मांसपेशियां तंदुरुस्त बन जाती हैं। नियमित व्यायाम करने से रक्तचाप नियन्त्रण में रहता है, शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल कम होते हैं और ब्लड शुगर भी नियन्त्रित रहती है।

तनाव से बचें

तनाव आज हम सभी के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, खासतौर पर ज्यादातर शहरी लोग अपने काम को लेकर तनाव में रहते हैं। जब आपका शरीर तनाव में रहता है, तो इसका असर शरीर के हर अंग पर पड़ता है। तनाव के समय शरीर में एड्रिनलिन हॉर्मोन ज्यादा मात्रा में बनने लगता है, अगर ऐसा नियमित रूप से होने लगे तो दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

अच्छी और गहरी नींद

समय की कमी के कारण बहुत से लोग अपनी नींद को कम कर काम करने लगते हैं। वे अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नींद से समझौता करते हैं जो सेहत के लिए खास तौर पर दिल के लिए खतरनाक है। 7-8 घंटे से कम नींद लेने से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें

धूम्रपान और शराब का सेवन किसी भी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। आजकल विकासशील देशों में धूम्रपान का चलन तेजी से बढ़ रहा है। जो दिल के लिए नुकसानदायक है। यहां तक कि अगर आपके आस-पास कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है तो वह भी आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं। धूम्रपान छोड़ने के लिए परिवार और दोस्तों के सहयोग की जरूरत होती है। इसकी आदत छोड़ने के लिए निकोटीन पैच या ई-सिगरेट का इस्तेमाल किया जा सकता है।

नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच

नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच कराकर आप दिल की बीमारियों के खतरे से बच सकते हैं। क्योंकि ऐसा करने से अगर आपको कोई समस्या है तो समय पर उसका निदान हो जाएगा और समय रहते इलाज शुरू कर बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकेगा। इसलिए नियमित रूप से अपनी जांच करवाते रहें और अपने स्वास्थ्य को मॉनिटर करते रहें।

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डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी एक सूचना मात्र है. अपनाने से पहले सम्बंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.

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