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बिजनेस

ब्लैकबेरी ने देश में पहला एंड्रॉयड स्मार्टफोन लांच किया

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BlackBerry-Priv-With-Android-5.1.1-Lollipop-OS-Launched-In-US-At-699-3नई दिल्ली| कनाडा की मोबाइल हैंडसेट निर्माता कंपनी ब्लैकबेरी ने गुरुवार को भारतीय बाजार में अपना पहला एंड्रॉयड आधारित स्मार्टफोन लांच किया। कम्पनी ने इसे ‘प्रिव’ नाम दिया है। आकर्षक डिजाइन वाले इस स्मार्टफोन में ब्लैकबेरी का डीटीईके एप्लीकेशन पहले से लोड है, जिससे उपयोगकर्ता अपनी गोपनीयता का स्तर बढ़ा सकते हैं और देख सकते हैं कि किसने फोन का इस्तेमाल किया है।

जब भी किसी एप से फोन के आंकड़े तक पहुंचने की कोशिश की जाती है, यह डीटीईके फोन के मालिक को इसकी सूचना दे देता है या फोन का माइक्रोफोन या कैमरा चालू कर देता है, जिससे फोन किसी भी हैकिंग या डाटा चोरी से सुरक्षित रहता है।फोन में 5.4 इंच के ओएलईडी डिस्प्ले के साथ कोर्निग गोरिल्ला ग्लास-4 का इस्तेमाल किया गया है।

फोन में हेक्सा-कोर क्वोलकॉम स्नैपड्रैगन 808 प्रोसेसर और 3जीबी रैम का इस्तेमाल किया गया है।फोन में एंड्रॉयड 5.1.1 (लॉलीपॉप) ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ इसका रियर कैमरा 18 मेगापिक्सेल का और फ्रंट कैमररा दो मेगापिक्सेल का है।इसकी इंटरनल मेमोरी 32 जीबी की है, जिसे 2 टीबी तक विस्तारित किया जा सकता है। इसकी बैटरी की क्षमता 3,410 एमएएच है।

कंपनी ने कहा कि प्रिव के साथ ऐसे ग्राहकों को लक्षित किया जा रहा है, जो ब्लैकबेरी स्मार्टफोन की विशिष्टताओं तथा बड़ी संख्या में मौजूद एप दोनों एक साथ चाहते हैं।प्रिव की पहली लांचिंग अक्टूबर में हुई थी और गत वर्ष नवंबर में यह अमेरिका और कनाडा के बाजार में बिकना शुरू हुआ था।भारतीय बाजार में प्रिव की कीम 62,990 रुपये रखी गई है और यह 30 जनवरी से खरीदने के लिए उपलब्ध होगी।

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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