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याकूब को गवर्नर और सुप्रीम कोर्ट दोनों से नहीं मिली राहत, कल होगी फांसी
गर्वरन ने की मर्सी पिटीशन खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने कहा डेथ वारंट मे कोई अनियमितता नहीं
नई दिल्ली। 1993 मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन को गवर्नर और सुप्रीम कोर्ट दोनों से राहत नहीं मिली है। डेथ वारंट के खिलाफ दायर याकूब की पिटीशन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने याकूब द्वारा क्यूरेटिव पिटीशन पर दोबारा सुनवाई की मांग को खारिज कर दिया है। तीन जजों की बेंच ने डेथ वारंट की अनियमितता पर सुनवाई करते हुए कहा कि इसमें कोई अनियमितता नहीं बरती गई है दूसरी ओर महाराष्ट्र के गवर्नर ने भी याकूब की मर्सी पिटीशन खारिज कर दी है।
इससे याकूब मेमन की फांसी का रास्ता साफ हो गया है। उसे कल फांसी नागपुर की सेंट्रल जेल में फांसी दी जाएगी। इस बीच महाराष्ट्र के डीजीपी और मुंबई पुलिस कमिश्नर सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात करने विधानसभा पहुंचे हैं।
उधर, सुप्रीम कोर्ट ने फैसले के पहले हिस्से में कहा, ”याकूब के केस में सभी लीगल प्रोसेस सही तरीके से अपनाई गईं।” बता दें कि बुधवार को पिटीशन पर तीन जजों (जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस प्रफुल्ल पंत और जस्टिस अमिताभ रॉय) की बेंच ने सुनवाई की। डेथ वारंट को गैर कानूनी बताने वाली इस पिटीशन पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के दो जजों के बीच एक राय नहीं बन पाई थी। इसके बाद चीफ जस्टिस ने पिटीशन को तीन जजों की लार्जर बेंच को भेजा था। इस बीच, याकूब ने फांसी से बचने के लिए प्रेसिडेंट को एक और मर्सी पिटीशन भेजी है।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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