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पूर्व मंत्री वसंत साठे के बेटे को जमानत

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नई दिल्ली | दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री वसंत साठे के बेटे और बहू को जमानत दे दी है। दोनों पर आयकर विभाग के सामने अपने स्विस बैंक के साझा खाते का खुलासा न करने का आरोप है। अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी देवेंद्र कुमार शर्मा ने सुभाष साठे और इंद्रानी साठे को जमानत दे दी। उन्हें अदालत के समक्ष पेश होने का सम्मन जारी किया गया था, वे गुरुवार को अदालत में पेश हुए।

अदालत ने 50,000 रुपये का निजी बांड और इतने का ही मुचलका भरने के निर्देश दिए। अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 10 जुलाई तय की है। आयकर विभाग ने आयकर अधिनियम के तहत खाते तथा दस्तावेज की जानकारी न देने को लेकर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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