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अन्तर्राष्ट्रीय

चीन के राष्ट्रपति पाकिस्तान दौरे पर रवाना

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बीजिंग| चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग सोमवार को पाकिस्तान के आधिकारिक दौरे पर रवाना हुए। वह पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के न्योते पर वहां जा रहे हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, वह इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के न्योते पर जर्काता का भी दौरा करेंगे, जहां वह एशियन-अफ्रीकन सम्मिट में हिस्सा लेंगे और बांडुंग सम्मेलन के 60 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों में भी शिरकत करेंगे।

शी के साथ शीर्ष सरकारी अधिकारी, कूटनीतिज्ञ और उनकी पत्नी पेंग लियुआन भी मौजूद हैं।

सूत्रों के अनुसार, चीन और पाकिस्तान के बीच करीब 50 अरब डॉलर के अलग-अलग समझौते होने की संभावना है। यह समझौता चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा के अंतर्गत आधारभूत संरचनाओं, ऊर्जा और संचार के क्षेत्र से जुड़ा होगा।

शी को इस दौरान पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘निशान-ए-पाकिस्तान’ से भी नवाजा जाएगा।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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