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अन्तर्राष्ट्रीय

वाराणसी पहुंचे नेपाल के पीएम देउबा, पत्नी संग नेपाली मंदिर में किया दर्शन-पूजन, सीएम योगी ने किया स्वागत

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नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा अपने दल के साथ रविवार सुबह वाराणसी पहुंचे। दिल्ली से विशेष विमान से बाबतपुर एयरपोर्ट पर पहुंचे नेपाल के पीएम का सीएम योगी आदित्यनाथ ने भव्य स्वागत किया। इस दौरान नेपाल के प्रधानमंत्री के साथ उनकी पत्नी और नेपाल के अधिकारी भी मौजूद रहे। एयरपोर्ट से शहर की ओर जाने के दौरान नेपाल के प्रधानमंत्री का जगह-जगह स्वागत किया गया।

बाबा काल भैरव मंदिर में दर्शन पूजन करने के बाद नेपाल के पीएम और उनकी पत्नी श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन करने पहुंचे। बाबा दरबार के गर्भगृह में वैदिक रीति-रिवाजों के साथ नेपाल के पीएम ने बाबा काशी विश्वनाथ का अभिषेक किया। इस दौरान वैदिक ब्राह्मणों के आचार्यत्व में पारंपरिक पूजन के साथ ही काशी विश्वनाथ धाम का जायजा लिया। धाम की अद्भुत छटा देख नेपाल के पीएम और उनके साथ आया दल अभिभूत नजर आय़ा। इसके बाद वह ललिता घाट स्थित साम्राज्येश्वर पशुपतिनाथ महादेव मंदिर (नेपाली मंदिर) पहुंचे और परंपरागत तरीके दर्शन-पूजन से किया।

नेपाली मंदिर के सदस्यों के साथ नेपाली पीएम ने बातचीत की और मंदिर संचालन के संबंध में जानकारी ली। इसके बाद नेपाल के पीएम और सीएम योगी का काफिला लहुराबीर होते हुए नदेसर स्थित होटल के लिए निकला। यहां विश्राम और लंच के बाद नेपाल के पीएम और सीएम योगी बैठक करेंगे। इससे पहले एयरपोर्ट से पीएम और सीएम सड़क मार्ग से काशी के कोतवाल कालभैरव मंदिर पहुंचे। यहां सड़क किनारे मौजूद भीड़ ने हर-हर महादेव के उद्घोष से नेपाली पीएम का स्वागत किया।

नेपाल के पीएम संग सीएम योगी करेंगे बैठक

नदेसर स्थित होटल में दोपहर का भोजन करने के बाद नेपाल के पीएम और सीएम योगी आदित्यनाथ की आधे घंटे विभिन्न मुद्दों पर वार्ता होगी। नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा एक अप्रैल से भारत के दौरे पर हैं। माना जा रहा है कि भारत नेपाल के बीच कुछ समय से चल रहे विवाद के बीच भारत नेपाल संबंध एक बार दोबारा पटरी पर आने की ओर है। नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा का भारत में यह लंबे समय के बाद दौरा हो रहा है।

लहराएगा तिरंगा और नेपाली ध्वज

बाबतपुर एयरपोर्ट से नेपाली मंदिर तक जगह-जगह दोनों देशों के बच्चे हाथ में झंडे लेकर खड़े हैं। नेपाल के पीएम जिन-जिन मंदिरों में जाएंगे, उन सभी को फूल-मालाओं से सजाया गया है। नेपाली मंदिर को भी प्रशासन अपनी ओर से सजाया है।

नेपाल के पीएम का जगह-जगह लोक नृत्य से स्वागत

नेपाल के प्रधानमंत्री के वाराणसी आगमन पर भव्य स्वागत किया गया। एयरपोर्ट से शहर तक के रास्ते में स्कूली छात्रों और सामाजिक संस्थाओं की ओर से उनका स्वागत रास्ते भर किया गया। सर्किट हाउस के ठीक सामने लगे मंच पर अयोध्या से आए कलाकारों ने पारंपरिक ड्रेस में लोक नृत्य प्रस्तुत किया।

इसी मंच पर ललितपुर से आए कलाकार धर्मेंद्र कुमार ने बुंदेली सांस्कृतिक कार्यक्रम और पारंपरिक राई नृत्य करके नेपाली प्रधानमंत्री सहित यूपी के सीएम का स्वागत किया। इस दौरान सभी कलाकारों के हाथों में भारतीय और नेपाली झंडे फहरते रहे। यह पूरा आयोजन संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश की ओर से किया गया।

सरायकाजी बस स्टैंड पर सोनभद्र के आदिवासियों ने लोकनृत्य कर नेपाल के पीएम का वेलकम किया। तरना स्थित सेठ जयपुरिया स्कूल के गेट पर नटवरी लोक नृत्य, संत अतुलानंद तिराहा पर सोनभद्र का ही आदिवासी नृत्य, सर्किट हाउस पर बुंदेलखंड का राई नृत्य, पुलिस लाइन चौराहा पर अवध का धोबिया और पूर्वांचल का फरुवाही लोक नृत्य से कलाकारों ने पीएम देउबा का स्वागत किया।

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कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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